भोपाल की साइबर पुलिस ने जोधपुर से साइबर ठगी के रुपयों को ठिकाने लगाने वाले तीन बदमाशों को पकड़ा है। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से 7 मोबाइल फोन, सात सिम कार्ड, 2 वाईफाई डोंगल डिवाइस सिमकार्ड सहित और 5 चेकबुक, 62 एटीएम कार्ड तथा अन्य 28 सिमकार्ड जब्त कि
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एडिशनल डीसीपी शेलेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि 20 अक्टूबर 2024 को सुधीर सिंह पिता राज नायक सिंह सूरज कुंज अवधपुरी ने साइबर क्राइम ब्रांच, कोहेफिजा को आवेदन सौंपा था। जिसमें फरियादी ने बताया कि सितम्बर 2024 में टेलीग्राम के माध्यम से कोईनसाला मीडिया (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड से जुड़ा। यह कंपनी क्रिप्टो का लेन देन करती है। शुरुआत में फरियादी द्वारा 2, 5 एवं 8 हजार रुपए इन्वेस्ट किए। जिसके बदले में उसे कुछ ही दिन में 20 हजार रुपए का रिटर्न प्राप्त हुआ।
इसके बाद फरियादी को टेलीग्राम पर एक अलग ग्रुप तैयार कर उसमें इन्वेस्टमेंट संबंधी एक्टिविटीज करवाई गई। इन एक्टिविटीज में फरियादी ने 5000, 30000 एवं 120000 रुपए इन्वेस्ट किए। जब रुपए विड्राल करने की कोशिश की तो उसको बताया गया कि आपको अभी एक एक्टिविटी में पार्टिसिपेट करना है, जिसका इन्वेस्टमेंट अमाउंट 3 लाख 60 हजार रुपए है। यह रकम इन्वेस्ट करने पर पूरा पैसा ब्लॉक हो गया। इसी तरह आरोपियों ने करीब 18 लाख रुपए से अधिक की ठगी फरियादी के साथ की। जिसकी शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने जांच शुरू की थी।
आरोपियों के पास से अलग-अलग बैंक खातों की जानकारी मिली है।
आरोपियों ने पूछताछ में क्या खुलासे किए
- आरोपी नरेंद्र ने अपने भाई के पहले से खुले बंधन बैंक खाता को आरोपी निम्बाराम को 10000 रुपए में बेचना बताया। अभी तक मुख्य आरोपी निम्बाराम द्वारा 50 से अधिक बैंक खाते फरार आरोपी बीराराम (परिवर्तित) को देना बताया। आरोपी स्टूडेंट्स, गरीब लोगों को रुपए का लालच देकर उनके कागजातों का इस्तेमाल कर ऑनलाइन एवं ऑफलाइन बैंक खाता खुलवाते है एवं सिमकार्ड भी इन्हीं के नाम पर लेते हैं।
- इसके बाद उक्त बैंक खाता में नेटबैंकिंग शुरू करने के लिए अपने मोबाइल के इंटरनेट का इस्तेमाल न करते हुए इसके लिए अलग से वाईफाई डोंगल का इस्तेमाल करते हैं। इससे आईपी एड्रेस छुपाने तथा पुलिस से बचने में मदद मिलती है। इसके बाद फरार आरोपी उक्त बैंक खातों में रुपए डलवाते हैं।
- इसी प्रकार गिरफ्तार खाता धारक चंदन मांझी द्वारा चंद रुपयों के लालच में अपना बैंक खाता खुलवाया एवं उक्त खाते में फ्रॉड के रुपए प्राप्त हुए।
जानिए कौन हैं आरोपी
- आरोपी नरेंद्र (21) साल निवासी तहसील एवं जिला बाड़मेर, राजस्थान 12वीं पास है। आरोपी अपने भाई का खाता बेच चुका था। जिसमें साइबर ठगी की रकम आई।
- आरोपी निम्बाराम (22) निवासी तहसील, चौहटन, जिला बाड़मेर वर्तमान पता – बाड़मेर, जिला राजस्थान 12वीं कक्षा पास है। बैंक खातों को कलेक्ट कर अन्य जालसाजों को बेचता था।
- चंदन मांझी (37) निवासी जोधपुर राजस्थान, कमिशन पर अपने खाते को साइबर जालसाजों को बेचता था। ठगी की रकम से उसे हिस्सा मिलता था।