भोपाल और राजगढ़ जिले की बॉर्डर पर स्थित पार्वती नदी पर बना 49 साल पुराना पुल 16 जनवरी की रात को धंस गया था। इसके चलते रात से ही ब्रिज के ऊपर से आवाजाही बंद कर दी गई थी। अब ब्रिज से कुछ दूर नदी में ही वैकल्पिक रास्ता बनाया गया है। जिसके ऊपर से गाड़ियां
.
इस वैकल्पिक रास्ते से छोटी गाड़ियां, बसें और ट्रैक्टर-ट्रॉलियां निकलना शुरू हो गई हैं। हालांकि रास्ता कच्चा होने से गाड़ियों के पहिए कीचड़ में फंस रहे हैं। दो दिन से बसें फंस रही हैं। जिन्हें जेसीबी की मदद से निकाला जा रहा है। शुक्रवार को भी एक बस का पहिया फंस गया। जिसे खासी मशक्कत के बाद निकाला जा सका।
वैकल्पिक रास्ते के लिए स्टॉप डैम से पानी निकाला गया है।
मेंटेनेंस लायक नहीं पुराना ब्रिज, नया बनेगा बता दें कि पुराना ब्रिज मेंटेनेंस लायक भी नहीं है। एमपीआरडीसी (मप्र सड़क विकास निगम) की रिपोर्ट में इस ब्रिज से ट्रैफिक जारी रहने की स्थिति में जान-माल की हानि होने की आशंका जताई जा चुकी है। नया ब्रिज बनाने का सुझाव दिया गया है। वैकल्पिक मार्ग बनाने के लिए स्टॉप डैम के पास भरा पानी उलीचा गया। यह पुल बैरसिया-नरसिंहगढ़ रोड पर है और 1976 में बना था।
वाहनों की आवाजाही रोकने पुराने ब्रिज के दोनों ओर मिट्टी डाल दी गई है।
एसडीएम ने एमपीआरडीसी को लिखा था लेटर ब्रिज को लेकर 16 जनवरी को ही एसडीएम आशुतोष शर्मा ने एमपीआरडीसी के संभागीय प्रबंधक को लेटर भी लिखा था। लेटर में लिखा था कि ‘पार्वती पुल क्षतिग्रस्त हो गया है। पुल से आवाजाही के कारण जान-माल के नुकसान की आशंका है। प्रारंभिक रूप से इस ब्रिज के पिलर के नीचे बड़ा गड्ढा हो गया है। इसलिए जरूरी है कि नरसिंहगढ़-बैरसिया आने-जाने वाले वाहनों की आवाजाही पूर्ण रूप से बंद कर दी जाए।’ इसके बाद ब्रिज से ट्रैफिक पूरी तरह से बंद कर दिया गया, जो अब भी बंद है।
बैरसिया और नरसिंहगढ़ के बीच बने इस ब्रिज पर से 16 जनवरी की रात से आवाजाही बंद है।
दो साल पहले की गई थी मरम्मत पार्वती नदी पर बना पुराना पुल राजगढ़ और भोपाल जिले की सीमा पर है। यह नरसिंहगढ़ को नजीराबाद, बैरसिया, विदिशा और भोपाल से जोड़ता है। इसकी दो साल पहले ही मरम्मत की थी। पुल के एक तरफ बैरसिया और दूसरी तरफ नरसिंहगढ़ तहसील है।