जमुई में अपनी मंगेतर से मिलने आए युवक पकड़ कर ग्रामिणों ने मंदिर में शादी करा दी। युवक की पहचान लखीसराय निवासी गोलू कुमार(23) के रूप में हुई है। उसकी ढाई साल पहले निशा(19) से सगाई हुई थी। लेकिन लड़की के दादा-दादी के निधन के कारण दोनों की शादी टलती रह
.
दरअसल, हिंदू रीति-रिवाज के अनुसार परिवार में मृत्यु के बाद एक साल तक कोई मांगलिक कार्य नहीं किया जाता।
सूरत से घर लौटा था युवक
गोलू सूरत में काम करता हैं, कुछ दिन पहले ही छुट्टी पर वो घर आया था। बुधवार की रात वो अपनी मंगेतर से मिलने उसके ननिहाल लठाने गांव पहुंचे। लेकिन गांव वालों ने दोनों को रात में एक साथ पकड़ लिया। इसके बाद दोनों की मंदिर में शादी करवा दी।
शादी के बाद दूल्हा-दुलहन।
निशा ने बताया कि गोलू उनसे हमेशा शादी की बात करता था, लेकिन हालात की वजह से रुकना पड़ा। अब जब शादी हो गई है तो वह खुश हैं, हालांकि उन्हें अफसोस है कि बैंड-बाजा और बारात जैसी रस्में नहीं हो सकीं। निशा अभी दसवीं कक्षा में पढ़ाई कर रही हैं। शादी के बाद भी पढ़ाई जारी रखने की इच्छा रखती हैं।
इंतजार नहीं हो रहा था तो पहुंचा मिलने
गोलू कुमार ने बताया कि “हमारी शादी ढाई साल पहले तय हो चुकी थी। घर में लगातार हुए दुखद घटनाओं के कारण शादी नहीं हो पा रही थी। अब मुझसे इंतजार नहीं हो रहा था। इसलिए जब सूरत से घर आया तो निशा से मिलने चला गया। मैं अपनी भाभी को पहले ही बता दिया था कि मैं निशा से मिलने जा रहा हूं।
मुझे लगा था कि जल्दी ही परिवार वाले शादी की तारीख तय करेंगे। लेकिन गांव में पकड़ लिए जाने के बाद अब यही ठीक था कि शादी कर ली जाए। मजाकिया लहजे में गोलू ने कहा, “बस बैंड-बाजा नहीं बजा, बाकी तो सब कुछ हो ही गया। शादी पहले से तय थी, अब बस पूरी हो गई है।
शादी के लिए था बेताब
निशा की नानी ने बताया कि हर साल कोई ना कोई घटना घट जाती थी। लड़का आकर बोला शादी करना चाहते हैं, हम बोले ये संभव नहीं होगा। गोलू ने कहा हम आकर कर लेते हैं,हम बोले कर लीजिए। दोनों की शादी खुशी से संपन्न हुई। दोनों के बीच मोबाइल पर बातें हुआ करती थी। नानी ने बताया कि हम तिलक दहेज नहीं दिए हैं। दोनों की शादी मंदिर में करवा दिए।