मनु कुमार सिंह | प्रतापगढ़3 मिनट पहले
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समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश पर प्रतापगढ़ स्थित पार्टी कार्यालय में उनकी पुण्यतिथि मनाई गई।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश पर प्रतापगढ़ स्थित पार्टी कार्यालय में उनकी पुण्यतिथि मनाई गई। इस अवसर पर उनके चित्र पर माल्यार्पण किया गया और गोष्ठी का आयोजन किया गया। सपा नेताओं ने कहा, बिन्देश्वरी प्रसाद मंडल भारतीय राजनीति के प्रमुख नेता थे। वे छह वर्ष तक मजिस्ट्रेट के पद पर रहे।
इसके बाद उन्होंने नौकरी छोड़कर कांग्रेस की सदस्यता ली। बाद में वे जनता पार्टी में शामिल हो गए। बी.पी. मंडल बिहार की मधेपुरा सीट से दो बार सांसद चुने गए। 1 फरवरी 1968 को वे बिहार के सातवें मुख्यमंत्री बने। हालांकि उन्हें 30 दिन बाद ही इस्तीफा देना पड़ा।
जनता पार्टी सरकार ने 1978 में उनकी अध्यक्षता में एक आयोग का गठन किया। इस आयोग को सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों के हितों पर रिपोर्ट तैयार करने का काम सौंपा गया। मंडल आयोग ने 1980 में अपनी रिपोर्ट सौंपी। इसमें सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में अन्य पिछड़े वर्गों को आरक्षण देने की सिफारिश की गई।
वीपी सिंह सरकार ने 1990 में मंडल आयोग की सिफारिशें लागू कीं। इसके बाद देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हुए। भारत सरकार ने 2001 में उनके सम्मान में डाक टिकट जारी किया। 2007 में उनके नाम पर एक इंजीनियरिंग कॉलेज की स्थापना की गई।