आईपीएस प्रकाश सिंह परिहार और दिलीप सोनी।
राज्य पुलिस सेवा से प्रमोट होकर आईपीएस बने चार अफसरों को नौ साल पुरानी सीनियरिटी मिली है। केंद्र सरकार ने फैसला किया है कि इन अफसरों को 9 साल पहले यानी 2016 बैच के आईपीएस अफसरों के बराबर वरीयता दी जाएगी। इसका मतलब ये है कि इनकी वरिष्ठता (सीनियरिटी)
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कौन-कौन हैं ये अफसर?
- प्रकाश सिंह परिहार (1995 बैच)
- दिलीप कुमार सोनी (1997 बैच)
- अवधेश प्रताप सिंह (1997 बैच)
- राजेंद्र कुमार वर्मा (1997 बैच)
ये सब अफसर 2023 में आईपीएस बने थे,हालांकि इसका नोटिफिकेशन 2024 में हुआ है। लेकिन अब इनकी सीनियरिटी 2016 की मानी जाएगी।
सीनियरिटी का मतलब क्या होता है? सरकारी नौकरी में जितना पुराना बैच, उतनी ज्यादा सीनियरिटी होती है। इसका फायदा प्रमोशन और पोस्टिंग में मिलता है। साथ ही वेतनमान में भी इसका फायदा मिलता है। अब ये अफसर 2016 बैच के आईपीएस माने जाएंगे, यानी 2017 या बाद के बैच वालों से ऊपर रहेंगे।
ऐसे में इस नई वरिष्ठता के तहत अब ये चारों अधिकारी मध्यप्रदेश कैडर की आईपीएस सीनियरिटी सूची में 2016 बैच के डॉ. संजय कुमार अग्रवाल के नीचे और 2017 बैच के आईपीएस अंकित सोनी के ऊपर स्थान पाएंगे। इन चारों अधिकारियों को चार महीने पहले ही आईपीएस कैडर आवंटित किया गया है।
दिलीप सोनी हैं मऊगंज एसपी
चार महीने पहले आईपीएस बने दिलीप सोनी को मध्यप्रदेश सरकार ने पिछले महीने मऊगंज का एसपी नियुक्त किया है। मऊगंज के गड़रा गांव में हुए उत्पात में एक पुलिसकर्मी और एक ग्रामीण की हत्या और पुलिसकर्मियों पर पथराव और मारपीट की घटना के बाद तत्कालीन एसपी रसना ठाकुर को हटाकर दिलीप सोनी को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है।