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- Tensions Escalated In Manipur’s Churachandpur After Hmar Tribe Leader Richard Hmar Was Attacked. Protests Led To Stone pelting, Forcing Security Forces To Use Tear Gas And Impose A Curfew. Read Full Details Here.
नई दिल्ली1 मिनट पहले
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सोमवार को हमार जनजाति का एक समूह सुरक्षाबलों पर पत्थरबाजी करने लगा। स्थिति को संभालने के लिए सुरक्षाबलों ने उपद्रवियों पर आंसू गैस के गोले छोड़े।
मणिपुर के चुराचांदपुर जिले में रविवार देर शाम हमार जनजाति के नेता रिचर्ड हमार पर अज्ञात लोगों ने हमला कर दिया था। सोमवार को हमार जनजाति के लोगों ने न्याय की मांग को लेकर बंद बुलाया।
इस बीच इलाके में तनाव बढ़ गया और हमार जनजाति का एक समूह सुरक्षाबलों पर पत्थरबाजी करने लगा। स्थिति को संभालने के लिए सुरक्षाबलों ने उपद्रवियों पर आंसू गैस के गोले छोड़े और हवाई फायरिंग की। इसके बाद इलाके में कर्फ्यू लगा दिया।
चुराचांदपुर के अतिरिक्त जिलाधिकारी ने अगले आदेश तक भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNS) की धारा 163 ( पहले IPC की धारा 144) लगा दी है और सुरक्षा बलों की तैनाती भी बढ़ा दी गई है।
चुराचांदपुर के अतिरिक्त जिलाधिकारी ने अगले आदेश तक भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNS) की धारा 163 लागू कर दी है।
कहासुनी के चलते हुआ हमला
मणिपुर पुलिस के मुताबिक, हमार इनपुई संगठन के महासचिव रिचर्ड हमार पर रविवार शाम जेनहांग लामका में वीके मोंटेसरी परिसर के अंदर लोगों के एक समूह ने हमला किया था। मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि रिचर्ड अपनी गाड़ी चला रहे थे, जो एक दोपहिया सवार से टकराते बची। इससे रिचर्ड की दोपहिया वाहन सवार युवकों से कहासुनी हो गई। जो बाद में इतनी आगे बढ़ गई कि दूसरे पक्ष ने रिचर्ड पर हमला कर दिया।
हमार संगठन बोला- सदस्यों को बार-बार निशाना बनाया जा रहा
हमले की आलोचना करते हुए हमार इनपुई ने कहा कि अपराधियों को तुरंत पकड़ा जाए। साथ ही चेतावनी दी कि ऐसा न करने पर वे अपनी खुद की कार्रवाई करेंगे। संगठन ने कहा, “यह घटना कोई अकेली घटना नहीं है। आईटीएलएफ के सदस्यों को बार-बार निशाना बनाया जा रहा है, जिससे उत्पीड़न और हिंसा का एक परेशान करने वाला पैटर्न उजागर होता है। हम इन कायरतापूर्ण कृत्यों की निंदा करते हैं, जो हमारे नेतृत्व और सदस्यों को चुप कराने और डराने की कोशिश करते हैं।”
9 मार्च को सुरक्षाबलों और प्रदर्शनकारियों के बीच हुई झड़प में 40 लोग घायल हुए थे
मणिपुर में फ्री ट्रैफिक मूवमेंट के पहले दिन 9 मार्च को सुरक्षाबलों और प्रदर्शनकारियों के बीच हुई झड़प में 40 लोग घायल हो गए थे। राज्य में 8 मार्च से सभी इलाकों में सामान्य आवाजाही शुरू की गई थी, जिसका कुकी समुदाय के लोगों ने विरोध किया है।
प्रदर्शन की दो फोटोज…
प्रदर्शनकारियों ने सड़क ब्लॉक करने के लिए पत्थर बिछा दिए।
बसों को रोकने के लिए सड़क पर पेड़ काटकर गिरा दिए गए।
वाहन जलाए, सड़कों पर पेड़ काटकर डाल दिए इससे पहले 8 मार्च को कुकी समुदाय ने प्रदर्शन के दौरान सड़कों पर पत्थर बिछाकर और टायर जलाकर सड़कें ब्लॉक करने की कोशिश की। कई जगह वाहनों में आग लगा दी गई। बसों को पलट दिया गया। इसके बाद सुरक्षाबलों ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले छोड़े।
जली हुई बस को सड़क के बीच में लाकर रास्ता ब्लॉक कर दिया।
अमित शाह ने फ्री मूवमेंट का ऐलान किया था गृह मंत्री अमित शाह ने 1 मार्च को मणिपुर के हालात पर गृह मंत्रालय में समीक्षा बैठक की थी। गृह मंत्री ने 8 मार्च से मणिपुर में सभी सड़कों पर बेरोकटोक आवाजाही सुनिश्चित करने को कहा था। साथ ही सड़कें ब्लॉक करने वालों पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे।
1 मार्च को हुई समीक्षा बैठक में राज्यपाल अजय कुमार भल्ला, मणिपुर सरकार के शीर्ष अधिकारी, सेना और अर्धसैनिक बलों के अधिकारी शामिल थे।
CM बीरेन सिंह ने 9 फरवरी को इस्तीफा दिया था मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने 9 फरवरी को इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद मणिपुर में 13 फरवरी को राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया था। राज्यपाल अजय कुमार भल्ला ने उपद्रवियों से सभी लूटे गए हथियार सरेंडर करने को कहा था। अब तक 500 से ज्यादा हथियार सरेंडर किए जा चुके हैं। पूरी खबर पढ़ें…
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