अमृतसर में पूर्व प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि देते हुए एसजीपीसी पदाधिकारी व अन्य
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की ओर से देश के पूर्व प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह के निधन पर शोकसभा का आयोजन किया गया। एसजीपीसी के तेजा सिंह समुद्री हाल में एसजीपीसी के सभी पदाधिकारियों की ओर से उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी गई। डा. मनमोहन सिंह के
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शोकसभा के दौरान शिरोमणि कमेटी के सभी कर्मचारियों ने मूलमंत्र और गुरुमंत्र का जाप कर प्रार्थना की। इस अवसर पर धर्म प्रचार कमेटी के सदस्य भाई अजायब सिंह प्रकाश एवं शिरोमणि कमेटी के सचिव स. प्रताप सिंह ने देश के प्रति मनमोहन सिंह की सेवाओं को याद किया। उन्होंने कहा कि डा. मनमोहन सिंह एक साधारण परिवार से निकलकर अपनी मेहनत और प्रतिभा से ऊंचे पद तक पहुंचे। वह देश के पहले सिख प्रधानमंत्री बने, जिससे पंजाबियों और खासकर सिख पगड़ी की पहचान पूरी दुनिया में बनी।
प्रताप सिंह ने कहा कि सिख समाज के डा. मनमोहन सिंह पर उन्हें गर्व है और उनके सम्मान में एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी के आदेश पर शिरोमणि कमेटी के कार्यालयों और संस्थानों में एक दिन की छुट्टी कर दी गई है।
पूर्व प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह, फाइल फोटो
डा. मनमोहन का स्मारक बनाने की मांग
शिरोमणि कमेटी के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी की ओर से भारत सरकार से कहा कि देश के पूर्व प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह से उनके परिवार की मांग के अनुरूप उपयुक्त स्मारक बनाने का अनुरोध किया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार को याद रखना चाहिए कि डा. मनमोहन सिंह के कारण ही देश आज स्थिर है और सरकार का कर्तव्य है कि उनके योगदान को ध्यान में रखते हुए परिवार की भावना के अनुरूप उचित सम्मान दिया जाए।
एडवोकेट धामी ने कहा कि जब दुनिया आर्थिक संकट के दौर से गुजर रही थी, तब डा. मनमोहन सिंह ने जहां अपने तजुर्बे से देश को आर्थिक रूप से स्थिर किया, वहीं पूरी दुनिया को मार्गदर्शन भी दिया। ऐसे व्यक्तित्व के निधन के बाद उनका संस्कार राजघाट पर न करना अपमानजनक है। उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं होना चाहिए था। शिरोमणि कमेटी अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस ओर ध्यान देने की अपील की और सिख शख्सियत डा. मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि के रूप में एक उपयुक्त स्मारक का निर्माण करने के लिए कहा।
यह पदाधिकारी रहे उपस्थित
स. सतबीर सिंह धामी, सचिव धर्म प्रचार समिति, बलविंदर सिंह काहलवां, अतिरिक्त सचिव प्रितपाल सिंह, निजी सचिव शाहबाज सिंह, उप सचिव गुरचरण सिंह कोहाला, स. जसविंदर सिंह जस्सी, स. बलविंदर सिंह खैराबाद, एस. हरभजन सिंह स्पीकर, अधीक्षक एस. निशान सिंह, स. मलकीत सिंह बेहरवाल, मैनेजर स. सतनाम सिंह रियाड़ सहित शिरोमणि कमेटी, धर्म प्रचार कमेटी और श्री दरबार साहिब का समस्त स्टाफ उपस्थित था।