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महासमुंद के शिशुपाल पर्वत पर जान जोखिम में डालकर रोपिंग: वन विभाग को भनक तक नहीं; पहाड़ी से गिरकर 16 लोग गंवा चुके हैं जान – Mahasamund News


महासमुंद के शिशुपाल पर्वत पर जान जोखिम में डालकर करा रहे रोपिंग।

छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले में प्रकृति की गोद में बसा शिशुपाल पर्वत पर्यटकों की पहली पसंद बनते जा रहा है। 1200 फीट ऊंचे पहाड़ पर चढ़ना किसी रोमांच से भरा है। लेकिन इन दिनों पहाड़ी कुछ लोग पर्यटकों की जान जोखिम में डालकर रोपिंग करा रहे हैं।

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जिसकी भनक न जिला प्रशासन को है और न ही वन विभाग को है। जबकि पिछले कुछ सालों में इस पहाड़ी से गिरकर 16 लोगों ने अपनी जान चुकी है।

घोड़ाधार झरने में कराई जा रही रोपिंग।

रोजाना हजारों लोग पहुंच रहे

महासमुंद जिला मुख्यालय से करीब 140 किमी दूरी पर स्थित शिशुपाल पर्वत की सुंदरता को देखने प्रतिदिन हजारों लोग पहुंच रहे हैं। शिशुपाल पर्वत पर घोड़ाधार नाम का बेहद ऊंचाई से गिरने वाला एक झरना है। इसके अलावा पर्वत पर जन आस्था का केंद्र प्राचीन शिव मंदिर स्थित है।

बिना सुरक्षा व्यवस्था के कराई जा रही रोपिंग।

2 हजार रुपए में रोपिंग-ट्रैकिंग

इन दिनों यहां रोपिंग-ट्रैकिंग के नाम पर खतरों के साथ खेला जा रहा है। यहां कुछ लोग 1200 फिट ऊंचे शिशुपाल पर्वत में 2 हजार से ढ़ाई हजार रुपए में रात को भी रोपिंग-ट्रैकिंग करा रहे हैं। जिसे रस्सी के सहारे पर्वत से नीचे उतरते देखा जा सकता है। यहीं नहीं रोपिंग कराने वाले सोशल मीडिया में भी इसका प्रचार प्रसार किया जा रहा है।

समिति ले रही 20-20 रुपए

शिशुपाल पर्वत में लोगों की भीड़ जुटता देख वन विभाग को अचानक प्रकृति की चिंता सताने लगी। कल तक जो विभाग गहरी नींद में सोया था आज अचानक जाग गया। बिना किसी पंजीयन के समिति का गठन कर शिशुपाल पहाड़ी की साफ-सफाई के लिए पहाड़ी पर चढ़ने वाले लोगों से समिति 20-20 रुपए वसूल रही है।

DFO बोले- रोपिंग कराने वालों को बुलाया गया है।

पीने के पानी की व्यवस्था भी नहीं

उसके एवज में पर्यटकों को कोई भी सुविधा नहीं दी जाती और न ही पीने के पानी की व्यवस्था है। यहां तक कि, पहाड़ी के आसपास शौचालय की व्यवस्था तक नहीं है। इस साल 2 अगस्त से 20-20 रुपए लिया जा रहे हैं। प्रतिदिन कम से कम 500 लोग पहुंचते है और पार्किंग से हर महीने लाखों रुपए पर्यटकों से वसूली हो रही है।

DFO बोले- कार्रवाई की जाएगी

DFO पंकज राजपूत का कहना है शिशुपाल पहाड़ी पर घूमने पहुंचते हैं। गांव के युवाओं को रोजगार और वहां की साफ-सफाई की जिम्मेदारी युवाओं की एक समिति बनाकर दिया गया है। लोगों से जो शुल्क लिया जा रहा है समिति के युवाओं को मिलेगा। जो बिना जानकारी के पहाड़ी में रोपिंग करा रहे हैं, उन्हें बुलाया गया है। बिना सुरक्षा व्यवस्था रोपिंग कराने पर कार्रवाई की जाएगी।



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