बेगूसराय के कारीगरों में विशेषकर महिला कारीगरों के कल्याण और कौशल विकास के लिए एक ऐतिहासिक पहल की शुरुआत हुई है। सांसद और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के प्रयासों से राष्ट्रीय हस्तशिल्प विकास कार्यक्रम (NHDP) के तहत गुरु शिष्य हस्तशिल्प प्रशिक्षण कार
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इस कार्यक्रम से लगभग 200-250 महिला कारीगरों को प्रशिक्षित किया जाएगा, जिससे उन्हें उत्पादन की तकनीकी बारीकियों में दक्ष बनाया जा सके। प्रशिक्षण के साथ-साथ इन्हें एक्सपोर्टर्स की ओर से स्थापित प्रोडक्शन सेंटर में कार्य भी दिया जाएगा, जिससे उनकी आय में वृद्धि हो सके और वे आत्मनिर्भर बन सकें।
अब तक 100 से अधिक कारीगरों को आर्टिसन पहचान पत्र वितरित किए जा चुके हैं। जिनमें से 30 महिला कारीगरों को प्रथम चरण में प्रशिक्षण दिया गया और दूसरे चरण में भी 30 का चयन हो चुका है। इसके अलावा करीब 100 महिला कारीगरों ने प्रशिक्षण के लिए आवेदन किया है, जल्द अगला प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया जाएगा।
कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह सहित अन्य लोग।
महिला कारीगरों को अंतरराष्ट्रीय बाजार से जोड़ा जाएगा
गिरिराज सिंह ने कहा है कि महिला कारीगरों की ओर से गठित प्रोड्यूसर कंपनी इस प्रोडक्शन सेंटर को संचालित करेगी और सभी सदस्य शेयर होल्डर के रूप में लाभ प्राप्त करेगी। अगले चरणों में मार्केटेबल और एक्सपोर्ट योग्य डिजाइनों को तैयार करने के लिए डिजाइन वर्कशॉप का भी आयोजन किया जाएगा। जिससे महिला कारीगरों को अंतरराष्ट्रीय बाजार से जोड़ा जा सके।
कार्यक्रम को संबोधित करते मंत्री।
आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में नई राह मिल रही
इस अवसर पर CEPC के चेयरमैन कुलदीप राज वट्टल, रीजनल डायरेक्टर संदीप कुमार, संजय गुप्ता, सादिक अली अंसारी, विनोद कुमार पाठक, पवनदीप सिंह एवं मनोज झा सहित अन्य उपस्थित थे। इन लोगों ने कहा कि यह कार्यक्रम गिरिराज सिंह की दूरदृष्टि और समर्पण का प्रत्यक्ष उदाहरण है। जिसके माध्यम से बेगूसराय की महिला कारीगरों को आत्मनिर्भरता और आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में नई राह मिल रही है।