भोपाल और मध्य प्रदेश भगवान के लाड़ले हैं, लेकिन विकास के लालच में हमने नदियों को सुखा दिया है। बेतवा नदी की धारा पिछले तीन वर्षों से सूख गई है, जो चिंता का विषय है। यह बात मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित व प्रसिद्ध पर्यावरणविद् राजेंद्र सिंह ने कही। वे
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जलपुरुष के रूप में पहचान बनाने वाले कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राजेंद्र सिंह ने कहा कि “मानस भवन में वर्षा जल इकाई लगाना आसान है, लेकिन इसका सही उपयोग भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए, ताकि पानी का व्यर्थ बहाव रोका जा सके। उनके साथ मंच पर मानस भवन समिति के अध्यक्ष रघुनंदन शर्मा और भोपाल की महापौर मालती राय भी उपस्थित रहीं।
मानस भवन में वर्षा जल संचयन की जानकारी
- छत का क्षेत्रफल: 100 फीट x 100 फीट = 10,000 वर्ग फीट
- भोपाल की औसत वर्षा: लगभग 1100 मिमी प्रति वर्ष
- अनुमानित वर्षा जल संग्रहण क्षमता: 1 करोड़ लीटर (लगभग 2000 पानी के टैंकरों के बराबर)
- इस जल को भूमिगत जल स्तर के पुनर्भरण के लिए ट्यूबवेल या जलाशयों में डाला जाएगा।
स्व. सविता बाजपेई को दी श्रद्धांजलि
कार्यक्रम में पूर्व मंत्री सविता बाजपेई को श्रद्धांजलि दी गई, जिन्होंने 1977 में सीहोर से विधानसभा चुनाव जीतकर मध्यप्रदेश की राजनीति में महत्वपूर्ण स्थान बनाया था। वे तीन बार राज्य मंत्री रहीं और आपातकाल के दौरान 18 महीने जेल में रहीं। महापौर मालती राय ने कहा, “सविता जी से मेरा व्यक्तिगत जुड़ाव रहा है। भले ही राजनीतिक विचारधारा भिन्न रही हो, लेकिन समाजसेवा की सोच समान थी। उनकी प्रेरणा से समाज हित में कार्य करना हमारा दायित्व है।