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मान्यता के लिए फर्जीवाड़ा: धर्मशाला के मैदान को बताया स्कूल का प्ले ग्राउंड सरकारी अतिथि शिक्षक को दर्शाया स्थायी कर्मचारी – Neemuch News



जिले में निजी स्कूल और शिक्षा विभाग ने मिलकर नियमों का मजाक बना रखा है। निजी स्कूल मापदंड पूरे किए बिना ही मान्यता के लिए आवेदन कर रहे हैं। शिक्षा विभाग भी बच्चों के भविष्य काे अनदेखा कर बिना जांच व परीक्षण के उन्हें मान्यता दे रहा है।

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रामपुरा के राजेंद्र कुमार ने मामले में दस्तावेज के साथ केंद्रीय शिक्षा मंत्री, मप्र शिक्षा मंत्री सहित कई वरिष्ठ अधिकारियों को शिकायत दर्ज कराई है। शिक्षा विभाग से ही सूचना के अधिकारी में प्राप्त सत्य प्रतिलिपि से गड़बड़ियों का खुलासा हुआ है। इनके अनुसार आदर्श पोरवाल माध्यमिक विद्या मंदिर धानमंडी रामपुरा में मान्यता के लिए जो मैदान स्कूल का बताया वह मौके पर धर्मशाला का निकला है जहां सालभर सार्वजनिक आयोजन होते हैं। स्कूल ने खेल मैदान में सर्वे नंबर 5223 बताया जो 400 वर्ग मीटर भी नहीं है लेकिन फोटो धर्मशाला के मैदान का लगाया।

यही नहीं निजी स्कूल में पढ़ाने वाला शिक्षक शासकीय बालक उमावि रामपुरा में अतिथि शिक्षक के रूप में भी सेवाएं दे रहा है। निजी स्कूल संचालक ने जो शिक्षक अपने यहां बता रखे हैं उनमें से कई तो स्कूल में काम ही नहीं कर रहे। हकीकत में शहर में ही करीब सात से आठ स्कूल ऐसे संचालित हैं जिनके पास ना खेल मैदान है ना सुविधाएं लेकिन कागजों में मान्यता मिल गई है। अब शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं। इससे लाखों रुपए की घूसखोरी से भी इनकार नहीं किया जा सकता।

नीमच में कई स्कूल नियमों के खिलाफ चल रहे- इसी तरह नीमच शहर में ही ग्वालटोली चौराहा, विकासनगर, सिटी क्षेत्र में मावि व हायर सेकंडरी स्कूल नियमों के खिलाफ संचालित हैं। एक बिल्डिंग में स्कूल चल रहा वहीं पास के 800 से हजार वर्ग फीट के भूखंड को खेल मैदान बताया है। सूत्रों के अनुसार इन स्कूल संचालकों द्वारा मोटी राशि लेकर कोटा में पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों को प्रवेश देकर उपस्थिति बताई जाती है। इसी तरह नीमच में कई स्कूल नियमों के खिलाफ चल रहे हैं।

हालात… लाखों रुपए घूसखोरी की जता रहे आशंका

प्रधान अध्यापक राठौर को बताया, हस्ताक्षर काठा कर रहे: मान्यता के लिए आवेदन में स्कूल प्रबंधन ने प्रधान अध्यापक मीना राठौर को दर्शाया है। लेकिन आरटीआई की जानकारी में स्कूल के वेतन पत्रक, कैश बुक में रिंकू काठा प्रधान अध्यापक के रूप में हस्ताक्षर कर रहे हैं। मामले में आदर्श पोरवाल स्कूल रामपुरा के संचालक वीरेंद्र चौधरी से उनके मोबाइल नंबर 9754048622 पर उनका पक्ष जानने के लिए कई बार संपर्क किया लेकिन उनसे बात नहीं हाे पाई।

एक ही शिक्षक दो स्कूलों में सेवाएं दे रहा, कई के केवल नाम हैं: आवेदन में आदर्श पोरवाल मावि मंदिर धानमंडी रामपुरा ने अपने यहां शिक्षकों के रूप में अल्फिया बैग, आराधना श्रीवास्तव, आरती गुप्ता, दीपक वर्मा, मनीषकुमार भारद्वाज, मीना राठौर, निर्मल डबकरा, रिंकूकुमार काठा, तृप्ति घाटिया को शिक्षक बताया है। हकीकत यह है िक मनीषकुमार भारद्वाज शासकीय बालक उमावि में भी अतिथि शिक्षक हैं।

यह दोनों ही जानकारी शिक्षा विभाग से सूचना के अधिकार में मिली है। यानी एक ही शिक्षक दो स्कूलों में सेवाएं दे रहा है। इसी जानकारी के अनुसार निजी स्कूलों के शिक्षकों की सूची में कई शिक्षक यहां काम नहीं कर रहे लेकिन शिक्षा विभाग ने जांच कर मान्यता प्रदान कर दी।

^मान्यता के लिए कमेटियां बनती हैं। वे सत्यापन करती हैं। कक्षा एक से आठ तक के लिए डीपीसी एवं कक्षा 9 से 12 तक डीओ कार्यालय से मान्यता जारी की जाती है। इसके लिए संकुल प्राचार्य व दो अन्य प्राचार्यों की कमेटी बनती है। वह ओके रिपोर्ट देते हैं उसके आधार पर मान्यता जारी की जाती है। गड़बड़ी की शिकायत मेरे पास नहीं आई है। मामले की जांच कराता हूं। – एस.एम. मांगरिया, डीईओ नीमच



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