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मिथुन संक्रांति कब है? 2 घंटे 20 मिनट महा पुण्य काल, जानें तारीख, स्नान-दान का मुहूर्त


सूर्य देव जब मिथुन राशि में प्रवेश करते हैं तो उस समय मिथुन संक्रांति होती है. मिथुन संक्रांति के दिन लोग पवित्र नदियों में स्नान के बाद दान करते हैं. स्नान और दान से पुण्य की प्राप्ति होती है और ग्रह दोष ​भी मिटते हैं. इस साल मिथुन संक्रांति के दिन 2 घंटे 20 मिनट का महा पुण्य काल है. महा पुण्य काल में स्नान और दान करना उत्तम होता है, यदि किसी कारणवश इस समय में स्नान दान न कर पाएं तो पुण्य काल में कर लें. तिरुपति के ज्योतिषाचार्य डॉ. कृष्ण कुमार भार्गव से जानते हैं कि मिथुन संक्रांति कब है? मिथुन संक्रांति का महा पुण्य काल कब से कब तक है?

मिथुन संक्रांति 2025 तारीख

सूर्य देव 15 जून दिन रविवार को सुबह 6 बजकर 53 मिनट पर मिथुन राशि में गोचर करेंगे, यह क्षण मिथुन संक्रांति का होगा. इस आधार पर मिथुन संक्रांति 15 जून रविवार को है. इस मिथुन संक्रांति का नाम घोर है. 15 जून से सौर कैलेंडर का तीसरा माह मिथुन प्रारंभ होगा.

मिथुन संक्रांति 2025 महा पुण्य काल
15 जून को मिथुन संक्रांति का महा पुण्य काल 2 घंटे 20 मिनट का है. महा पुण्य काल का प्रारंभ सुबह 6 बजकर 53 मिनट पर होगा और इसका समापन सुबह 9 बजकर 12 मिनट पर होगा.

मिथुन संक्रांति 2025 स्नान दान समय

मिथुन संक्रांति के दिन स्नान और दान का शुभ समय सुबह 6 बजकर 53 मिनट से सुबह 9 बजकर 12 मिनट तक है. इस समय में स्नान करें और अपनी क्षमता के अनुसार दान करें.

मिथुन संक्रांति पर क्या दान करें?
मिथुन संक्रांति के अवसर पर आपको सूर्य देव से जुड़ी वस्तुओं का दान करना चाहिए. ऐसे में गेहूं, तिल, गुड़, लाल वस्त्र, लाल रंग के फल, लाल चंदन आदि का दान कर सकते हैं. इससे आपकी कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत होती है. सूर्य दोष मिटता है. स्नान और दान से पाप मिटते हैं. मिथुन संक्रांति के दिन कपड़ों का दान करना अत्यन्त शुभ होता है.

पीले वस्त्र पहन बाघ पर विराजमान रहेंगे सूर्य देव
मिथुन संक्रांति के दिन भगवान सूर्य बाघ पर विराजमान होंगे और पीले वस्त्र पहने होंगे. वे नैऋत्य दृष्टि से पूर्व दिशा में गमन करेंगे. उस दिन गदा उनका अस्त्र होगा और उपवाहन घोड़ा होगा. चांदी के पात्र में पायस का भोग लगाएंगे.



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