Homeउत्तर प्रदेशमिल्कीपुर चुनाव अटकाने वाले गोरखनाथ बोले-: जिस कुर्सी की लड़ाई वो खुद...

मिल्कीपुर चुनाव अटकाने वाले गोरखनाथ बोले-: जिस कुर्सी की लड़ाई वो खुद ही शून्य, पैरों तले जमीन खिसक गई; बड़ी-बड़ी बातें नहीं करनी चाहिए – Lucknow News


उत्तर प्रदेश में 9 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है। अयोध्या जिले की मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर चुनाव अटक गया है। याचिका लगाने वाले बीजेपी के पूर्व विधायक बाबा गोरखनाथ खुद चाहते हैं कि चुनाव हो। उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका वापस

.

बाबा गोरखनाथ का दावा है कि समाजवादी पार्टी नहीं चाहती कि चुनाव हो। सपा ने केस के खिलाफ 12 वकीलों की फौज खड़ी कर दी और डेट आगे बढ़वा दी। जिसकी वजह से मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर चुनाव तय तारीख पर नहीं हो पाएगा।

दैनिक भास्कर से बातचीत में पूर्व विधायक बाबा गोरखनाथ ने याचिका दाखिल करने से लेकर वापस लेने की पूरी कहानी बताई…

सवाल: आखिर ऐसा क्या मामला था, जिस वजह से आप कोर्ट गए? जवाब: 2022 में जब मुझे ये पता चला कि अवधेश प्रसाद ने जिस आदमी से अपने दस्तावेज की नोटरी कराई थी। उसका लाइसेंस 10 साल पहले ही खत्म हो गया था। उस पर रिसर्च किया, मैंने तत्काल कोर्ट की शरण ली। उसमें नोटिस हुआ, मुकदमा चल रहा था। ऐसा नहीं कि मेरा कोई क्लेम अलग था।

ऐसे ही मामले पर अनूप गुप्ता ने एमएलसी के चुनाव में आपत्ति की थी। दो ही पन्ने का कानून है। उसमें ये है कि अगर रिनीवल नहीं है तो शून्य माना जाएगा। अनूप गुप्ता की बात मानी गई और विपक्ष के पर्चे को खारिज किया गया। मात्र ग्यारह दिन का अंतर था।

हमारे में तो दस साल का अंतर है। इससे मुझे बल मिला। इसी बीच लोकसभा का चुनाव होता है और अवधेश प्रसाद सांसद चुने जाते हैं। मतलब जिस कुर्सी की लड़ाई थी वो खुद ही शून्य हो गई। उस पर हाईकोर्ट ने कोई स्टे तो दिया नहीं था। लेकिन जब चुनाव आयोग ने उपचुनाव में मिल्कीपुर को कट किया, तो पैरों तले जमीन खिसक गई। बड़ी-बड़ी बातें नहीं करनी चाहिए।

बाबा गोरखनाथ बोले- मिल्कीपुर की जनता परेशान न हो इसलिए मैंने याचिका वापस ली।

सवाल: आपको कब पता चला कि आपकी याचिका के कारण मिल्कीपुर में चुनाव नहीं हो पा रहा? जवाब: मैंने वकीलों से भी बात की तो पता चला कि मामला अभी शून्य है। विपक्ष को भी जानकारी थी, वो तो 15-15 वकील खड़े करता था। देश में पहली बार इस तरह का मामला था। मिल्कीपुर की जनता परेशान न हो, इसलिए मैंने याचिका वापस ली।

जैसे मेरा नंबर आया एक दर्जन वकील खड़े हो गए। अवधेश प्रसाद की तरफ से क्यों? आप छाती पीटते अगर हम कुछ ना करा पाते। शीर्ष नेतृत्व के लोग तो चुनाव आयोग से मिल लिए थे। जब आपने इस्तीफा दे दिया बात खत्म हो गई। भारी भरकम वकील भेजने की क्या जरूरत थी?

सवाल: अब तो तय हो चुका है कि 13 नवंबर को चुनाव नहीं होंगे। आपको क्या लगता है, फिर कब तक चुनाव होंगे? जवाब: दुखद है ये, पर जो सामने है उससे तो लड़ा ही जाएगा।

सवाल: क्या आप भाजपा के प्रत्याशी होंगे तो चुनाव जीत पाएंगे? जवाब: ये मेरे खिलाफ 3 बार चुनाव लड़े हैं। अपने बेटे को लड़ाए थे। 2015 में 3416 वोटों मैं ही चुनाव जीता था, जब पूरी सरकार लगी थी। साल 2017 में लगभग 29 हजार वोटों से मैं चुनाव जीता और 2022 में 93500 वोट पाकर दूसरे स्थान पर रहा। ऐसा नहीं है, खटाखट बहुत कुछ चला। इसके बाद भी उठाकर देख लीजिए। मात्र 7700 वोटों से इस विधानसभा पर जीते हैं। तो ये कहना कि लड़ाई नहीं है, ये गलत बात है।

बाबा गोरखनाथ ने कहा- मैंने अवधेश प्रसाद और उनके बेटे को हराया। मुझे हराने के लिए 6 दल एक हो गए।

सवाल: लोकसभा चुनाव के बाद 3 महीनों में ऐसा क्या बदलाव आ गया है कि आप चुनाव जीतने का दावा कर रहे हैं? जवाब: मैंने अवधेश प्रसाद और उनके लड़के को हराया है। 2022 के चुनाव में 6 दल एक हो गए थे। बसपा भी एक होकर लड़ी थी तब जाकर बाबा गोरखनाथ कुछ वोटों से चुनाव हारे थे। ये कहना गलत होगा कि वहां लड़ाई नहीं है। हम लोग बड़े वोटों के साथ चुनाव जीतेंगे।

सवाल: कहा जा रहा है मोईद खान का मामला इसलिए तूल दिया गया कि भाजपा यहां चुनाव जीत सके? जवाब: ये कहना गलत है, उस बच्ची के साथ गलत हो रहा था। उसको पूरी घटना की जानकारी थी। वो घटना में संलिप्त रहा। पैसा देकर मामले को दबाना चाहता था। कई सरकारी जमीनों पर कब्जा किया था। उसके डीएनए टेस्ट में घटना सामने आई न। नौकर नहीं है रिश्तेदार है उसका, वो पूरा बेकरी देखता था। बेटे की तरह उसको रखा था। वहां पर सौदा हो रहा था। मामला मैनेज करने की कोशिश हो रही थी। वहां पर तो सबको जानकारी होगी। जनता ने आवाज उठाई, जांच हुई जेल भेजे गए।

सवाल: मुख्यमंत्री को बाकी सीटों की बजाय मिल्कीपुर सीट पर इतनी ताकत क्यों लगानी पड़ रही है? जवाब: ऐसा नहीं है। उनको अयोध्या से प्यार है और दो बार ही तो गए हैं, ऐसा नहीं कि वहीं पड़े रहते हैं। हम तो कहते हैं रोज जाएं, जब-जब मुख्यमंत्री आते हैं तो योजनाएं मिलती हैं। सड़कें मिलती हैं, 50-50 सड़कों का उन्होंने शिलान्यास किया। हम तो चाहते हैं कि वह ज्यादा से ज्यादा मिल्कीपुर विधानसभा में आएं।

सवाल: अखिलेश कह रहे कि भाजपा के इंटरनल सर्वे में मिल्कीपुर में पार्टी हार रही है, क्या ऐसा सर्वे हुआ है? जवाब: बीजेपी वाले उन्हीं से पूछकर सर्वे कराते हैं और रात में बैठकर उनके साथ चाय पीते हैं। आज दिख गया। आप लोगों को दिख गया ना। ठीक है कि हमने याचिका डाली थी, ठीक है कि हम कोर्ट गए थे। लेकिन जब चुनाव रुका तो हम याचिका वापस लेने गए ना। क्या जरूरत थी। एक दर्जन वकील भेजने की।

सवाल: आप कैसे कह रहे कि सपा यहां चुनाव नहीं होने देना चाह रही? जवाब: बिल्कुल नहीं चाहती है, ढाई महीने से पार्टी लगातार लगी हुई है। कौन नहीं चाहता कि चुनाव हो। यही राजनीति की खूबसूरती है।

सवाल: आपने अपनी याचिका के बारे पार्टी के किसी नेता या मुख्यमंत्री को बताया था? जवाब: बिल्कुल उस समय हमने अपने जिले में भी और पदाधिकारी से भी बात की थी। पेपर में भी बाकायदा आया था। मुख्यमंत्री को हमने नहीं बताया था। हमारे यहां संगठन बड़ा होता है, संगठन के संज्ञान में बात डाली थी। हमने मुकदमा किया था। जब इस्तीफा हो गया तो मामला शून्य हो गया। अब इसमें किसी को ब्लेम करने की कोई जरूरत नहीं है। सभी चाहते हैं कि चुनाव हो।

सवाल: अब तो मिल्कीपुर में चुनाव नहीं हो पाएगा, तो क्या आप अपनी याचिका को जारी रखेंगे? जवाब: हमें लगता है कि वापस हो जाएगी, जो 14 दिन का समय होता है। लेकिन अभी कोर्ट का मामला है, भविष्य के गर्त में है।

सवाल: आपकी दावेदारी मिल्कीपुर को लेकर वैसी ही है, जैसी चलती आई है? जवाब: बिल्कुल हमारी पूरी तैयारी है, पूरी ऊर्जा के साथ लगे रहते हैं। बाकी पार्टी जिसको चुनाव लड़ाना चाहेगी, लड़ाएगी। लेकिन हम अपने आप को कैसे कमजोर समझें। बाकी शीर्ष नेतृत्व का जो निर्णय होगा, वह माना जाएगा।

सवाल: अयोध्या लोकसभा चुनाव में भाजपा मिल्कीपुर में वोटों के लिहाज से हार गई थी, क्या वजह रही? जवाब: नहीं यह गलत है, मिल्कीपुर में सबसे अच्छा प्रदर्शन था। वहीं से अवधेश प्रसाद विधायक रहे, मंत्री रहे। उनका वही गढ़ रहा है। फिर भी सबसे कम वोटों से अवधेश वहीं से चुनाव जीते हैं। आप वहां का जातीय आंकड़ा पता कर लीजिए। यादवों का और मुसलमानों की बड़ी आबादी है। इसके बावजूद भी वहां मात्र 7700 वोटों से चुनाव जीते हैं। तो यह कहना कि मिल्कीपुर में वह सबसे अच्छे से लड़े, यह गलत है। मिल्कीपुर में वह सबसे खराब लड़े। चार विधानसभा में मिल्कीपुर सबसे नीचे आती है।

सवाल: अखिलेश यादव कह रहे कि पीडीए के आगे कोई नहीं टिकेगा? जवाब: नहीं ऐसा नहीं है कोई फार्मूला आप हमेशा वहां लागू नहीं कर सकते। एक बार अभी जो दो-तीन घटनाएं घटी हैं। उससे वहां के लोगों के मन में बड़ा असंतोष है। एक तो परिवारवाद उनको ले डूबेगा। किसी कार्यकर्ता को टिकट देते हैं? कार्यकर्ताओं में भी असंतोष है। वह भी कह रहे हैं कि बाबा गोरखनाथ को ही जिताएंगे। मेरे पास इन सब चीजों का सबूत है। मंत्री के घर के सामने लोग कह रहे हैं कि बाबा गोरखनाथ ही जीतेंगे। मैंने समाजवादी पार्टी के जलजले में चुनाव जीता है. उनकी सरकार में चुनाव जीता है।

यह खबर भी पढ़ें…

मिल्कीपुर में चुनाव टालना बीजेपी की रणनीति या बड़ी चूक, यूपी के अफसरों को नहीं पता था याचिका पेंडिंग है

यूपी सरकार और भाजपा के लिए यह किसी झटके से कम नहीं था कि 15 अक्टूबर को मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने अयोध्या के मिल्कीपुर में उपचुनाव की घोषणा नहीं की। उस पर दूसरा झटका तब लगा, जब यह पता चला कि भाजपा के ही बाबा गोरखनाथ की ओर से दायर चुनाव याचिका के चलते मिल्कीपुर में फिलहाल उपचुनाव नहीं होगा। पूरी खबर पढ़ें…



Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Exit mobile version