भारत में पहली बुलेट ट्रेन मुंबई-अहमदाबाद के बीच चलेगी। वहीं मुंबई-अहमदाबाद से अधिक सीट की क्षमता वाली ट्रेन वाराणसी-हावड़ा के बीच चलेगी। अभी तक मुंबई-अहमदाबाद के बीच 731 सीटाें वाली बुलेट ट्रेन चलाने की याेजना है। जबकि, वाराणसी से पटना के रास्ते हावड़ा
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वाराणसी से पटना के रास्ते हावड़ा के बीच 750 की क्षमता वाली बुलेट ट्रेन चलेगी। बुलेट ट्रेन चलने से बिहार के पटना, आरा, बक्सर, जहानाबाद और गया जिलाें के लोगों को सीधा फायदा मिलेगा।
3881 पेड़ों को उखाड़ दूसरी जगह किया जाएगा ट्रांसप्लांट
बुलेट ट्रेन के लिए पटना जिले में 60.90 किमी एलिवेटेड ट्रैक का निर्माण हाेगा। इसके लिए 135.06 हेक्टेयर जमीन की जरूरत है। इस जमीन पर 3 हजार 881 पेड़ हैं। इन पेड़ों को उखाड़ कर दूसरी जगह ट्रांसप्लांट करना है। जिस कंपनी का चयन ट्रांसप्लांट करने के लिए हाेगा, उसकी सर्वाइवल दर देखी जाएगी। पटना में अब तक विभिन्न प्रोजेक्ट में किए गए पेड़ाें के ट्रांसप्लांट में सर्वाइवल दर कम है। अधिकतर पेड़ सूख गए हैं।
पटना जिले में 60.90 किमी एलिवेटेड ट्रैक का निर्माण हाेगा। इसके लिए 135.06 हेक्टेयर जमीन की जरूरत है। इस जमीन पर 3 हजार 881 पेड़ हैं। इन पेड़ों को उखाड़ कर दूसरी जगह ट्रांसप्लांट करना है।
अगले साल तैयार की जाएगी DPR
दिल्ली-हावड़ा के बीच वर्ष 2029 तक बुलेट ट्रेन चलाने की तैयारी तेज कर दी गई है। इसके लिए दो फेज में ट्रैक का निर्माण हाेगा। पहले फेज में वाराणसी से पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन, आरा, बक्सर, पटना, गया से हावड़ा तक एलिवेटेड ट्रैक का निर्माण हाेगा। दूसरे फेज में दिल्ली से वाराणसी तक निर्माण होगा। नेशनल हाईस्पीड रेल काॅरपोरेशन लिमिटेड द्वारा वाराणसी से हावड़ा तक की DPR अगले साल तैयार की जाएगी। इसके लिए सर्वे एजेंसी चयन करने की प्रक्रिया चल रही है। जनवरी से सर्वे हाेगा।
799.293 किमी लंबा है हाईस्पीड रेल कॉरिडोर
पटना, आरा, बक्सर, जहानाबाद और गया के डीएम को जमीन उपलब्ध कराने के लिए प्रस्ताव सौंपा गया है। कोर्पोरेशन के अधिकारियों ने बताया कि रेल मंत्रालय ने 7 हाईस्पीड रेल कॉरिडोर की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने का काम सौंपा है। वाराणसी-पटना-हावड़ा हाईस्पीड रेल कॉरिडोर करीब 799.293 किमी लंबा है।