पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान का फाइल फोटो।
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पंजाब यूनिवर्सिटी, चंडीगढ़ में सीनेट चुनाव तुरंत कराने की मांग करते हुए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से इस मामले में हस्तक्षेप की अपील की है। मुख्यमंत्री ने उपराष्ट्रपति को लिखे पत्र में बताया कि यूनिवर्सिटी की मौजूदा सी
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मान ने इस चुनाव को पंजाब के लिए संवेदनशील और भावनात्मक मुद्दा बताते हुए कहा कि यह देरी राज्य के हितधारकों में गहरी चिंता और नाराजगी पैदा कर रही है। मान ने पत्र में यूनिवर्सिटी के इतिहास का जिक्र करते हुए कहा कि 1947 के पंजाब यूनिवर्सिटी एक्ट के तहत बनी यह संस्था राज्य की सांस्कृतिक, साहित्यिक और समृद्ध विरासत का अभिन्न हिस्सा है।
उन्होंने कहा कि 1966 के पुनर्गठन के बाद भी यूनिवर्सिटी का यही विशेष दर्जा बनाए रखा गया। मुख्यमंत्री के अनुसार, यूनिवर्सिटी की सीनेट का चुनाव हर चार साल में किया जाता है, लेकिन इस बार अगस्त-सितंबर में नियमित चुनाव न होने से हितधारकों में निराशा है और यह प्रशासनिक प्रक्रिया का उल्लंघन है।
मान ने कहा कि सीनेट के चुनाव न कराने से शिक्षकों, पेशेवरों, तकनीकी सदस्यों, स्नातकों और अन्य हितधारकों में रोष है। मुख्यमंत्री ने यूनिवर्सिटी के नियमों का हवाला देते हुए बताया कि यह चुनाव हर चार साल पर अनिवार्य होता है, और इस देरी ने शैक्षणिक समुदाय को चिंतित कर दिया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चुनाव प्रक्रिया को नामांकनों से बदलने की चर्चाएं हो रही हैं, जिससे यूनिवर्सिटी के लोकतांत्रिक ढांचे को नुकसान पहुंच सकता है और स्नातक मतदाताओं की आवाज को दबाया जा सकता है। उन्होंने उपराष्ट्रपति से आग्रह किया कि वे यूनिवर्सिटी और चंडीगढ़ प्रशासन को सीनेट चुनाव जल्द कराने की सलाह दें, जिससे यूनिवर्सिटी की लोकतांत्रिक परंपरा को बनाए रखा जा सके।