सीओ को वादों की सुनवाई में तेजी लाने का निर्देश दिया गया है।
मुजफ्फरपुर जिले ने लैंड म्यूटेशन के मामले में बड़ी उपलब्धि हासिल की है। राज्य स्तरीय रैंकिंग में जिला पिछले साल के 29वें स्थान से छलांग लगाकर 10वें स्थान पर पहुंच गया है। यह सफलता डीएम सुब्रत कुमार सेन की सख्त निगरानी का नतीजा है।
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पटना के बाद बिहार में सबसे ज्यादा म्यूटेशन और परिमार्जन के मामले मुजफ्फरपुर में आते हैं। डीएम ने इस चुनौती से निपटने के लिए कई कदम उठाए हैं। वे सभी सीओ, सीआई, आरओ और राजस्व कर्मियों के साथ नियमित बैठकें कर रहे हैं। उन्होंने दाखिल खारिज वाद और गलतियों को दूर करने (परिमर्जन) के लिए विशेष दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
डीएम खुद कर रहे मामलों की मॉनिटरिंग
सीओ को वादों की सुनवाई में तेजी लाने का निर्देश दिया गया है। राजस्व कर्मियों को केस स्वीकार कर तुरंत रिपोर्ट करने को कहा गया है। डीएम खुद मामलों की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। जिले में अभी भी दाखिल खारिज और परिमर्जन के कुछ मामले लंबित हैं। DCLR के पास भी बड़ी संख्या में मामले पेंडिंग हैं।
डीएम सुब्रत कुमार सेन के अनुसार, दो अनुमंडल होने के कारण म्यूटेशन के अपील में थोड़ी दिक्कत आ रही है। केस का लोड ज्यादा है। फिर भी, जिले की टीम लगातार काम कर रही है। अंचल अधिकारी की टीम, जिसमें अमीन, आरओ, सीआई और राजस्व कर्मचारी शामिल हैं, को निरंतर प्रेरित किया जा रहा है। इसी का परिणाम है कि जिला अब टॉप 10 में शामिल हो गया है।