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मुर्शिदाबाद में 12 घंटे बाद हालात काबू आए, BSF तैनात: इंटरनेट बंद, 10 पुलिसकर्मी घायल, 3 लोगों की मौत की खबर; नए वक्फ कानून का विरोध


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मुर्शिदाबाद24 मिनट पहलेलेखक: सुभम बोस

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मुर्शिदाबाद में वक्फ कानून के विरोध में हिंसक प्रदर्शन हुआ।

ऑल इंडिया पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने अगले 87 दिनों तक नए वक्फ कानून के विरोध में ‘वक्फ बचाव अभियान’ की शुरुआत 11 अप्रैल से की। AIMPLB ने कहा था कि अभियान शांतिपूर्वक किया जाएगा, लेकिन ऐसा हुआ नहीं।

पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद, नॉर्थ 24 परगना और मालदा में स्थिति बिगड़ी। मुर्शिदाबाद के जंगीपुर और सुती इलाकों में शुक्रवार की दोपहर करीब 12 से 1 बजे के बीच बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हुए। प्रदर्शनकारियों ने NH-12 पर सरकारी बसों और वाहनों में आग लगाई, पुलिस पर पथराव किया।

पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को खदेड़ा, उन पर आंसू गैर के गोले दागे। हमले में 10 पुलिसकर्मी घायल हुए। प्रदर्शन के दौरान 3 लोगों की मौत की खबर भी आई, लेकिन पुष्टि नहीं हो सकी। प्रदर्शन के कारण नेशनल हाईवे, रेल ट्रैफिक रोका गया था। साथ ही हंगामे वाले इलाकों में इंटरनेट भी बंद किया गया था।

स्थित को कंट्रोल करने के लिए बीएसएफ की मदद की गई। 12 घंटे बीतने के बाद स्थिति सामान्य हुई। रेल और सड़क पर ट्रैफिक चालू किया गया। हालांकि इंटरनेट बंद रखा गया है।

मुर्शिदाबाद के अलावा डायमंड हार्बर के अमतला चौराहे पर भी प्रदर्शन कर रही मुस्लिम भीड़ ने दिनदहाड़े एक पुलिस वाहन में तोड़फोड़ की थी। वेस्टर्न रेलवे ने बताया था कि अजीमगंज-न्यू फरक्का सेक्शन में दोपहर 2.46 बजे लगभग 5000 लोगों की भीड़ ने धुलियानगंगा स्टेशन के पास ट्रैक जाम कर दिया था।

वक्फ कानून पर प्रदर्शन से जुड़ी 5 तस्वीरें…

मुर्शिदाबाद में प्रदर्शनकारियों ने बस में आग लगाई।

प्रदर्शनकारियों पर आंसू के गोले दागते हुई पुलिस टीम।

हिंसक भीड़ ने सड़क पर मौजूद कई वाहनों को आग के हवाले किया।

हंगामे के कारण NH-12 पर ट्रैफिक रोका गया था।

उग्र भीड़ ने कई वाहनों को आग लगाई। 3 लोगों के मारे जाने की खबर है।

​​​​​​राज्यपाल सी वी आनंद बोस ने शाह से बातचीत की

पश्चिम बंगाल में हुई हिंसा को लेकर राज्य के गर्वनर सी वी आनंद बोस ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से चर्चा की। इसके अलावा बोस ने राज्य सरकार को मुर्शिदाबाद, मालदा और दक्षिण 24 परगना जिलों के संवेदनशील इलाकों में उपद्रव के लिए जिम्मेदार उपद्रवियों के खिलाफ एक्शन लेने के निर्देश दिए।

राजभवन के जारी वीडियो में बोस ने कह- सार्वजनिक व्यवस्था को बाधित नहीं किया जा सकता है और विरोध के नाम पर लोगों के जीवन से छेड़छाड़ नहीं की जा सकती है। उन उपद्रवियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी, जो सोचते हैं कि वे कानून को अपने हाथ में ले सकते हैं।

मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का ऐलान- 87 दिन चलेगा प्रदर्शन

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) के ‘वक्फ बचाव अभियान’ का पहला फेज 07 जुलाई यानी 87 दिन तक चलेगा। इसमें वक्फ कानून के विरोध में 1 करोड़ हस्ताक्षर कराए जाएंगे। जो PM मोदी को भेजे जाएंगे। इसके बाद अगले फेज की रणनीति तय की जाएगी।

आंध्र प्रदेश के कडप्पा में वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 के खिलाफ लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया।

हैदराबाद के चारमीनार में जुमे की नमाज के बाद वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान लोग तख्तियां लेकर निकले।

​​​​​​राज्यों में प्रदर्शन की खबरें…

  • पश्चिम बंगाल- कोलकाता की आलिया यूनिवर्सिटी के छात्रों ने मुस्लिम संगठनों के साथ मिलकर प्रदर्शन किया।
  • महाराष्ट्र- मुंबई में AIMIM के विरोध के दौरान नेता वारिस पठान को पुलिस ने गिरफ्तार किया।
  • जम्मू-कश्मीर – श्रीनगर में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया। पुलिस ने पार्टी ऑफिस के बाहर ही बैरिकेड्स लगाकर रोका। नेशनल कॉन्फ्रेंस कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगी।

AIMPLB महासचिव मौलाना फजलुर रहीम मुजद्दिदी ने सभी धार्मिक और सामाजिक संगठनों को इस अभियान में शामिल होने की अपील की है।

मोदी सरकार पर सांप्रदायिक एजेंडा चलाने का आरोप लगाया

AIMPLB महासचिव मौलाना फजलुर रहीम मुजद्दिदी ने वीडियो मैसेज जारी किया है। वीडियो में मुजद्दिदी ने सरकार पर सांप्रदायिक एजेंडा चलाने और धर्मनिरपेक्षता को कमजोर करने का आरोप लगाया है।

उन्होंने वीडियो में कहा- यह अभियान वक्फ संपत्तियों की रक्षा और विधेयक को निरस्त करने की मांग को लेकर चलाया जा रहा है। AIMPLB का मानना है कि यह विधेयक वक्फ संपत्तियों की प्रकृति और स्वायत्तता को नुकसान पहुंचाएगा, जिसे वे इस्लामी मूल्यों, शरीयत, धार्मिक स्वतंत्रता और भारतीय संविधान के खिलाफ मानते हैं।

बोर्ड के मुताबिक आंदोलन तब तक चलेगा, जब तक विधेयक पूरी तरह निरस्त नहीं हो जाता। इसे ‘वक्फ बचाओ, संविधान बचाओ’ अभियान का नाम दिया गया है, क्योंकि बोर्ड इसे संवैधानिक अधिकारों से जोड़ता है।

AIMPLB बोली- शाह बानो मामले जैसा जन आंदोलन बनाया जाएगा

AIMPLB ने इसे शाह बानो मामले (1985) की तरह व्यापक जन आंदोलन बनाने की बात कही है, जो शहरों से लेकर गांवों तक फैलेगा। AIMPLB की महिला विंग अलग-अलग जगहों पर कार्यक्रम आयोजित कर महिलाओं को जागरूक करेगी। बोर्ड ने समुदाय से संयम बरतने और भावनात्मक प्रतिक्रियाओं से बचने की अपील की गई है।

वक्फ बचाव अभियान के तहत होने वाले कार्यक्रम

  • 22 अप्रैल: दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में ‘तहफ्फुज-ए-औकाफ कारवां’ (वक्फ की हिफाजत) नाम से बड़ा आयोजन किया जाएगा।
  • 30 अप्रैल: रात 9 बजे देशभर में लोग अपने घरों, दफ्तरों, और फैक्ट्रियों में आधे घंटे के लिए लाइट बंद कर ‘ब्लैकआउट’ के जरिए प्रतीकात्मक विरोध करेंगे।
  • 7 मई: दिल्ली के रामलीला मैदान में एक और बड़ा कार्यक्रम।

क्या-क्या करने वाला है पर्सनल लॉ बोर्ड

  • जुमे की नमाज के बाद मानव श्रृंखला (ह्यूमन चेन) बनाकर विरोध प्रदर्शन। सभी राज्यों की राजधानियों और जिला मुख्यालयों पर धरना, प्रतीकात्मक गिरफ्तारियां, राष्ट्रपति-गृह मंत्री को ज्ञापन सौंपने की योजना।
  • दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, रांची, लखनऊ, अहमदाबाद जैसे 50 बड़े शहरों में प्रेस कॉन्फ्रेंस। इन शहरों में इस्लामिक रिसर्च स्कॉलर्स और धर्मगुरुओं के साथ बैठकें होंगी, जहां वक्फ कानून के नुकसान बताए जाएंगे।

वक्फ कानून को लेकर AIMPLB की आपत्तियां

  • वक्फ संपत्तियों पर कब्जा: बोर्ड का दावा है कि विधेयक वक्फ संपत्तियों को सरकार या व्यक्तियों के लिए हड़पना आसान बनाएगा।
  • स्वायत्तता में कमी: नए कानून में गैर-मुस्लिम सदस्यों को वक्फ बोर्ड में शामिल करने और जिला कलेक्टरों को संपत्तियों का मूल्यांकन करने का अधिकार देने का विरोध।
  • धार्मिक स्वतंत्रता का हनन: AIMPLB का कहना है कि यह विधेयक संविधान के तहत धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन करता है, क्योंकि यह हिंदू और सिख धार्मिक संस्थानों के साथ समान व्यवहार नहीं करता।
  • अनुचित हस्तक्षेप: बोर्ड का मानना है कि वक्फ बोर्डों की शक्तियों को कम करना और सरकारी नियंत्रण बढ़ाना स्वीकार्य नहीं है।

ऑल इंडिया वुमन मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड कानून के समर्थन में

कुछ मुस्लिम संगठन जैसे ऑल इंडिया वुमन मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने इस विधेयक का समर्थन किया है। उनकी अध्यक्ष शाइस्ता अंबर का कहना है कि यह गरीब मुस्लिमों, खासकर महिलाओं, के हित में है और वक्फ संपत्तियों पर अवैध कब्जों को हटाएगा। हालांकि, AIMPLB और अन्य संगठन इसे मुस्लिम समुदाय के खिलाफ मानते हैं।

सुप्रीम कोर्ट में 17 याचिकाएं दाखिल, 10 लिस्ट हुईं

सुप्रीम कोर्ट में नए वक्फ कानून की संवैधानिकता को चुनौती देना वाली 17 याचिकाएं दाखिल की गई हैं। इनमें से 10 याचिकाएं सुनवाई के लिए लिस्ट की गई हैं। CJI संजीव खन्ना वाली 3 सदस्यीय बेंच 16 अप्रैल को इनपर सुनवाई करेगी। याचिका दाखिल करने वालों में पॉलिटिकल पार्टी, नेता, सांसद, निजी और संगठन (NGO) शामिल हैं।

राजस्थान के मुस्लिम संगठन कानून के विरोध में

राजस्थान में मुस्लिम संगठन वक्फ कानून के खिलाफ हैं। राज्य में विभिन्न 28 मुस्लिम समूहों का प्रतिनिधित्व करने वाली संस्था राजस्थान मुस्लिम फोरम ने अपनी भागीदारी की घोषणा की।

जमीयत-उलेमा-ए-हिंद राजस्थान के प्रदेश उपाध्यक्ष हाफिज मंजूर ने कहा- फोरम की योजना सभी धर्मों के धार्मिक नेताओं, नागरिक समाज संगठनों और राजनीतिक दलों तक पहुंचने की है, जिसका लक्ष्य गलत सूचनाओं को दूर करना और कानून के खिलाफ समर्थन जुटाना है।

अजमेर दरगाह में अंजुमन समिति के सचिव सरवर चिश्ती ने एक्ट को मुस्लिम वक्फ संपत्तियों को कानून की आड़ में हड़पने का प्रयास बताया। चिश्ती ने कहा- वक्फ संपत्तियां राजनीतिक संपत्ति नहीं हैं, वे पवित्र ट्रस्ट हैं, हमारे पूर्वजों ने 700-800 साल पहले दिए गए दान हैं। यह संशोधन राज्य प्रायोजित भूमि हड़पने से कम नहीं है।

उन्होंने मोदी सरकार, भाजपा और दक्षिणपंथी समूहों पर देश भर में मुसलमानों को हाशिए पर रखने के लिए एक व्यापक एजेंडा चलाने का आरोप लगाया। 28 मुस्लिम संगठनों के एक निकाय फोरम ने राजस्थान में समुदाय के उन लोगों का सामाजिक बहिष्कार करने की भी घोषणा की, जिन्होंने सार्वजनिक रूप से इस कानून का समर्थन किया है।

जम्मू-कश्मीर विधानसभा में वक्फ कानून की कॉपी फाड़ दी थी

जम्मू-कश्मीर विधानसभा में बुधवार को लगातार तीसरे दिन नए वक्फ कानून पर हंगामा हुआ था।

जम्मू-कश्मीर विधानसभा में 9 अप्रैल को तीसरे दिन भी नए वक्फ कानून पर हंगामा हुआ था। नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) के विधायकों ने सदन में बिल पर चर्चा की मांग करते हुए नारेबाजी की। इस दौरान NC और भाजपा विधायकों के बीच धक्का-मुक्की भी हुई।

7 अप्रैल: NC के विधायक ने सदन में वक्फ कानून की कॉपी फाड़ दी। एक NC विधायक ने अपनी जैकेट फाड़कर सदन में लहराई। इसके बाद स्पीकर ने सदन की कार्रवाई पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी। NC समेत अन्य दलों ने वक्फ कानून के खिलाफ रेजोल्यूशन लाने की बात कही थी।

8 अप्रैल: मंगलवार को नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) के विधायकों ने सदन में बिल पर चर्चा की मांग करते हुए नारेबाजी की। इस दौरान NC और भाजपा विधायकों के बीच धक्का-मुक्की भी हुई।

9 अप्रैल: नेशनल कॉन्फ्रेंस ने नए कानून पर चर्चा की मांग की। सदन में भाजपा विधायकों से बहस हुई।

5 अप्रैल को राष्ट्रपति ने कानून को मंजूरी दी, गजट नोटिफिकेशन जारी

वक्फ संशोधन बिल (अब कानून) 2 अप्रैल को लोकसभा और 3 अप्रैल को राज्यसभा में 12-12 घंटे की चर्चा के बाद पास हुआ था। इसके बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बिल को 5 अप्रैल की देर रात मंजूरी दी। सरकार ने नए कानून को लेकर गजट नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। कानून को लागू करने की तारीख को लेकर केंद्र सरकार अलग नोटिफिकेशन जारी करेगी।

बिल पर चर्चा के दौरान केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा था- कानून का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों में हो रहे पक्षपात, दुरुपयोग और अतिक्रमण को रोकना है। बिल को राज्यसभा में 128 सदस्यों ने समर्थन दिया था, 95 ने विरोध किया। लोकसभा में यह बिल 2 अप्रैल की आधी रात पारित हुआ था। इस दौरान 288 सांसदों ने समर्थन में और 232 ने विरोध में वोट डाला था।

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वक्फ संशोधन कानून के विरोध में पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में 8 अप्रैल को हुई हिंसा के मामले में पुलिस ने 22 लोगों को गिरफ्तार किया। इनमें से 8 आरोपियों को आगे की जांच के लिए पुलिस हिरासत में भेजा। जंगीपुर के पुलिस अधीक्षक (SP), आनंद रॉय ने बताया कि हिंसा को लेकर पुलिस ने अपने आप संज्ञान लेते हुए मामला दर्ज किया है। उन्होंने बुधवार को इलाके का दौरा किया और स्थिति का जायजा लिया। पूरी खबर पढ़ें…

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