गिरिराज सिंह, केंद्रीय मंत्री।
बीजेपी सांसद और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह हिंदू स्वाभिमान यात्रा पर निकलने वाले हैं। यात्रा से पहले गिरिराज सिंह ने कहा है कि मुसलमानों से अल्पसंख्यक होने का दर्जा छीन लेना चाहिए। जिस तरह से बिहार के कई जिलों में मुसलमानों की जनसंख्या बढ़ी है। वैस
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गिरिराज सिंह की मांग पर एनडीए दो फाड़ में बंटती दिख रही है। एनडीए के सबसे मुख्य सहयोगी जदयू और लोजपा(आर) ने गिरिराज की मांग पर सवाल खड़ा कर दिया है।
जदयू ने गिरिराज के मांग को नकारा
गिरिराज सिंह पर जदयू एमएलसी व मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 29 और 30 अल्पसंख्यकों के हितों की रक्षा करता है। संविधान में कहीं भी अल्पसंख्यक शब्द को परिभाषित नहीं किया गया है। संविधान में धार्मिक एवं भाषायी अल्पसंख्यक को राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग अधिनियम 1992 की धारा 2c के तहत इनको मान्यता दी गई है। देश के प्रधानमंत्री तो संविधान लेकर जा रहे हैं।
संविधान में अनुच्छेद 29 और 30 भी शामिल है। फिर गिरिराज सिंह किसको सलाह दे रहे हैं। इसका औचित्य क्या है? संविधान में संशोधन का अधिकार संसद को है। केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग बनाया। इसके लिए फंडिंग केंद्र सरकार करती है। अनुच्छेद 29 और 30 अभी भी कायम है। उनको संविधान पर भरोसा नहीं है क्या, जो ऐसी बातें कर रहे हैं।
लोजपा ने कहा- उसका फैसला गिरिराज नहीं केंद्र सरकार लेगी
लोजपा(आर) के मुख्य प्रवक्ता विनीत सिंह ने कहा कि यात्रा अगर देश और नागरिकों को जोड़ने की आशा से निकाली जा रही है तो उसका स्वागत होना चाहिए। लेकिन, जहां तक बात रही कि मुसलमान को अल्पसंख्यक से हटा देना चाहिए तो इसका निर्णय केंद्र सरकार लेगी कि किस समुदाय की जनसंख्या भारत में 16 से 17 प्रतिशत है तो उसको अल्पसंख्यक कहलाने का अधिकार है या नहीं।
18 अक्तूबर से गिरिराज सिंह की हिंदू स्वाभिमान यात्रा
केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता गिरिराज सिंह 18 अक्तूबर से बिहार की यात्रा पर निकल रहे हैं। भागलपुर से शुरू कर स्वाभिमान यात्रा किशनगंज में खत्म होगी। सीमांचल का पूरा इलाका मुस्लिम बहुत क्षेत्र है। यहां वोट बैंक को मजबूत करने और हिंदुओं को एकजुट करने के लिए गिरिराज सिंह की यह यात्रा खास मानी जा रही है। विधानसभा 2025 से पहले गिरिराज सिंह की इस यात्रा से सीमांचल में वोटबैंक का ध्रुवीकरण करने का है।