मेरठ में धूमधाम से मनाया जा रहा क्रिसमस पर्व
मेरठ। क्रिसमस पर चर्च में प्रार्थना सभा का आयोजन हुआ। रात में 12 बजते ही प्रभु यीशु का जन्म हुआ। इसके बाद चर्च में गीत गायन के साथ सेवा और प्रेम का संदेश देने वाला प्रबोधन फादर ने किया। उन्होंने कहा कि क्रिसमस का मूल उद्देश्य को लोगों को समझना चाहिए।
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मेरठ के चर्च में सजी यीशु के जन्म की झांकियां
उन्होंने कहा कि क्रिसमस ट्री सजाना, केक काटना, खुशियां मनाना क्रिसमस नहीं है। हमें समझना होगा यह तौर तरीके हैं। हमें वार्षिक उद्देश्यों को समझना होगा। यीशु के जन्म का क्या उद्देश्य है। परमेश्वर ने हमसे प्रेम करते हुए अपने बेटे को धरती पर भेजा था। कहां उसके आने की सूचना सबसे पहले साधारण गडरियों को दी थी। ताकि वह पापों को हटा सके। हमें भी अपने आसपास की बुराइयों को हटाना होगा। हमें उनसे भी प्रेम करना चाहिए जो हमसे प्रेम नहीं करते।
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रुड़की रोड स्थित सेंट जोसफ कैथेड्रिल में विश्व भास्कर जेसुराज ने नवजात बालक के प्रतिरूप को चरनी में विराजमान कराया। बच्चा पार्क स्थित सेंट थॉमस और सिविल लाइन स्थित मेथाडिस्ट और शर्मा नगर स्थित सेंट लुक्स चर्च में प्रार्थना हुई। लोगों ने क्रिसमस की बधाई दी और केक खिलाया। सेंट जोसफ चर्च में इस बार चरनी की झांकी पारंपरिक रूप से सजाई गई। प्रभु यीशु का जन्म नई-नई आशा थीम्स सजाया गया।
यीशु के जन्म पर फादर ने सुनाया संदेश
प्रभु यीशु के जन्म से संबंधित झांकी लगाई गई। बिशप ने संदेश में कहा ईश्वर निराकरण है लेकिन क्रिसमस के दिन उसने मानव का रूप धारण किया और संसार में जन्म लिया। उसे समय समाज में बुराइयां बढ़ी हुई थी। उन्होंने मानव जाति को पवित्रता और आध्यात्मिकता की ओर अग्रसर किया।
आयोजन से जुड़ी ये तस्वीरें देखिए…
चर्च मे ंयीशु के जन्म की झांकियां सजी हैं
येरुसलम का एक दृश्य झांकी में सजाया
चरनी में हुआ यीशु का जन्म