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यमुनानगर में किसानों ने कृषि मंत्री से की मुलाकात: किसान भवन बनाने और बकाया राशि जारी करने की रखी मांग – Yamunanagar News


यमुनानगर में कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा को किसानों की समस्याओं से संबंधित ज्ञापन सौंप भाकिसय

यमुनानगर में भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) के सदस्यों ने रविवार को हरियाणा के कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा से उनके आवास पर मुलाकात की। इस दौरान किसानों ने जिला मुख्यालय पर किसान भवन या किसान रेस्ट हाउस बनाने और रादौर में दमकल कार्यालय खोलने की मांग की स

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इससे पहले किसान रादौर अनाज मंडी में एकत्रित हुए। यहां पर बैठक कर नारेबाजी करते हुए कृषि मंत्री के आवास पर पहुंचे। किसानों ने मंत्री से कहा कि पराली न जलाने पर दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि पिछले साल से बकाया है। इस राशि को 1000 से बढ़ाकर 2000 कर जल्द से जल्द किसानों के खातों में जमा किया जाए।

साथ ही, डीएसआर (डायरेक्ट सीडेड राइस) विधि से धान उगाने की प्रोत्साहन राशि, जो 4500 रुपए प्रति एकड़ है। यह भी पिछले साल से बकाया है जबकि दोबारा से धान लगाने का कार्य शुरू हो चुका है। किसानों ने इसे बढ़ाकर 10,000 रुपए करने की मांग की।

भाकियू के जिला प्रधान संजू ने पराली प्रबंधन के लिए कृषि यंत्रों पर दी जाने वाली सब्सिडी का जिक्र करते हुए कहा कि इन यंत्रों को चलाने के लिए बड़े ट्रैक्टर की जरूरत पड़ती है, लेकिन ट्रैक्टर सब्सिडी में शामिल नहीं है। उन्होंने ट्रैक्टर को भी इस स्कीम में शामिल करने की मांग की।

यमुनानगर में कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा को किसानों की समस्याओं से संबंधित ज्ञापन सौंपने जाते भाकियू नेता।

प्रधान ने पशु पालकों के लिए चलाई गई पशु बीमा योजना के बंद होने पर भी चिंता जताई। कहा कि गर्मी में बीमारियों के कारण पशु पालकों को भारी नुकसान हुआ है। इसलिए इस योजना को तुरंत लागू किया जाए।

किसान नेता संदीप कुमार ने बताया कि रादौर में हैफेड सरकारी राइस मिल स्थापित की गई थी, जो लंबे समय से बंद है। इस बाद धान का रकबा बढ़ा है। ऐसे में इस मिल को तुंरत शुरू कर देना चाहिए ताकि किसानों को कोई परेशानी न हो। किसानों ने पंचकुला-कलानौर नेशनल हाईवे पर हरनौल और सुढल-सुडैल के पास ओवरब्रिज बनाने की मांग की, क्योंकि वहां हाईवे क्रॉस करने के दौरान हादसों में कई लोगों की जान जा चुकी है। साथ ही, ट्यूबवेल कनेक्शन पर स्वैच्छिक लोड बढ़ाने की स्कीम में मीटर लगाने की अनिवार्यता को हटाने की मांग की गई।

किसान नेता मनदीप का कहना है कि नेशनल हाईवे 344 पर अधिगृहीत 28 गांवों की जमीन का मुआवजा 2018 से बकाया है, किसान लगातार इसके लिए सरकारी विभागों के चक्कर काट रहे हैं। सरकार को चाहिए की यह मुआवजा जल्द से जल्द किसानों के खातों में आए।



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