बीते 27 मार्च को युवा संसद में राष्ट्रीय स्तर के लिए सतना की राशि त्रिपाठी का चयन हुआ था।
बीते 26 और 27 मार्च को भोपाल में विधानसभा के मानसरोवर सभागार में राज्य स्तरीय युवा संसद का आयोजन हुआ। इस युवा संसद में तीन छात्राओं को राष्ट्रीय स्तर के लिए चुना गया। ये तीनों छात्राएं अब संसद में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी
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थर्ड रैंक पर चुनी गई छात्रा 3 मिनट की स्पीच पूरी नहीं कर पाई हाईकोर्ट के वकील और आरटीआई एक्टिविस्ट भूपेन्द्र सिंह सिसोदिया ने केन्द्र सरकार के पीजी पोर्टल पर की गई शिकायत में लिखा- केन्द्रीय खेल एवं युवा कल्याण मंत्रालय और नेहरू युवा केन्द्र व राष्ट्रीय सेवा योजना द्वारा मप्र विधानसभा के मानसरोवर सभागार में 26 और 27 मार्च को राज्य स्तरीय युवा संसद का आयोजन किया गया। जिसमें पूरे मप्र के 180 प्रतिभागी शामिल हुए थे। इनमें से 3 प्रतिभागियों को राष्ट्रीय स्तर के लिए चयनित किया गया। तीसरे नंबर पर जिस छात्रा का चयन हुआ वह अपना भाषण पूरा भी नहीं कर पाई। भाषण के अंत में वह रुक गई। निर्णायक मंडल ने दोषपूर्ण चयन किया है। शिकायत में ये मुद्दे उठाए
- जब सभी प्रतिभागियों द्वारा जो मूल्यांकन प्रपत्र जिसमे उन्हें अंक दिए गए हुए वो मूल्यांकन शीट भी अभी तक उपलब्ध नहीं करवाई गई। जिससे प्रतियोगिता की पारदर्शिता पता चले।
- जिस प्रतिभागी का राष्ट्रीय स्तर पर मध्यप्रदेश का प्रतिनिधित्व करने के लिए तृतीय स्थान प्राप्त हुआ। वो भाषण देते हुए मिनट 1.56 सेकंड पर अटक गई। आगे अपना भाषण पूरा ही नहीं कर पाई। फिर उसका तृतीय स्थान प्राप्त करना संदेह जनक है। यह सभी 180 प्रतिभागियों का कहना है।
- राशि त्रिपाठी(तृतीय स्थान प्राप्त प्रतिभागी )के वक्तव्य की पहली लाइन से ही बाबा साहब का जिस तरह से अपमान किया। उन्होंने कहा क्योंकि, आज बाबासाहेब पूजनीय हैं उनके लिए इस तरह के शब्द इस्तेमाल करना बिना नाम लिए एजेंडा से प्रेरित है।
युवा संसद की ज्यूरी में सीधी विधायक रीति पाठक, खातेगांव विधायक अशीष शर्मा शामिल थे।
अधिकारी का तर्क- टोटल में ज्यूरी से गलती हो गई थी
नेहरू युवा केन्द्र के राज्य निदेशक राकेश सिंह तोमर ने शिकायत को लेकर भास्कर से फोन पर कहा- निर्णायक मंडल से अंकों का टोटल करने में गलती हो गई थी। उसे बाद में सुधार लिया गया है। जिस छात्रा के सर्वाधिक अंक थे अब उसका नाम दर्ज किया गया है। पहले राशि त्रिपाठी का चयन हुआ था सुधार के बाद इंदौर की साक्षी यादव का नाम जोड़ा गया है।
शिकायतकर्ता बोले- जिसका नाम बदलकर जोड़ा वो भी मेरिट लिस्ट में नहीं सतना से राशि त्रिपाठी की जगह इंदौर की साक्षी यादव का नाम जोड़ने को लेकर भी शिकायतकर्ता ने आपत्ति जताई है। भूपेन्द्र सिंह सिसोदिया का कहना है कि साक्षी का नाम भी मेरिट लिस्ट में नहीं था। साक्षी को सांत्वना पुरुस्कार भी नहीं मिला था।