लखनऊ14 मिनट पहले
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इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में एक महत्वपूर्ण खुलासा हुआ है। राज्य सरकार ने स्वीकार किया है कि प्रदेश में 82 पुल असुरक्षित हैं। इन पुलों पर अभी भी यातायात जारी है।
सरकार ने कोर्ट को बताया कि इन असुरक्षित पुलों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था पर काम चल रहा है। प्रदेश में कुल 2800 पुलों का निर्माण हुआ है। इनमें से 82 पुल के ढांचागत सर्वे सअसुरक्षित पाए गए हैं।
न्यायमूर्ति एआर मसूदी और न्यायमूर्ति अजय कुमार श्रीवास्तव प्रथम की खंडपीठ ने सरकार से शपथ पत्र मांगा है। कोर्ट ने इन पुलों की लोकेशन और उम्र बताने का आदेश दिया है। साथ ही ढांचागत सर्वे करने वाली विशेषज्ञ टीम का ब्यौरा भी मांगा है।
यह मामला ज्ञानेंद्र नाथ पांडेय की जनहित याचिका पर चल रहा है। याचिका में प्रदेश के सभी पुलों की स्ट्रक्चरल स्टडी कराने की मांग की गई है। खासतौर पर 50 साल या इससे पुराने पुलों की जांच पर जोर दिया गया है। कोर्ट ने माना कि सरकार ने इस मामले में जरूरी कदम उठाए हैं। अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद होगी।