राजगढ़ जिला अस्पताल के बच्चा वार्ड के पास मंगलवार रात 10:30 बजे एक सांप दिखा। मौके पर मौजूद ग्रामीण मोनू, नयन और लोकु ने तत्काल सर्प मित्र विनय दीक्षित को इसकी सूचना दी। इसके बाद उन्होंने माैके पहुंचकर सांप को सुरक्षित तरीके से पकड़ा और जंगल में छोड़
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सर्पमित्र विनय दीक्षित ने बताया कि यह कम विषैला कोड़ी वाला सांप था, जिसे शुरुआत में लोगों ने अजगर का बच्चा समझ लिया था। उन्होंने कहा, “आदमी जहर से कम और डर से ज्यादा मरता है।”
राजगढ़ जिले में पाए जाते है जहरीले सांप
विनय दीक्षित ने बताया कि मध्यप्रदेश में तीन प्रमुख जहरीले सांपों की प्रजातियां पाई जाती हैं – कॉमन करेत (साइलेंट किलर), कोबरा और वाइपर। ये तीनों प्रजातियां राजगढ़ जिले में भी मिलती हैं, जिनमें कॉमन करेत को एशिया का सबसे जहरीला सांप माना जाता है।
हालांकि, अस्पताल में मिला सांप इन तीनों प्रजातियों से भिन्न और कम खतरनाक था। सर्पमित्र की तत्परता और स्थानीय लोगों की सूझबूझ से किसी अप्रिय घटना से बचा जा सका।