कांग्रेस के गुजरात में होने जा रहे राष्ट्रीय अधिवेशन में छत्तीसगढ़ से शामिल होने वाले नेता आज रवाना हो गए हैं। अहमदाबाद जाने के लिए कांग्रेस ने 55 नेताओं की सूची जारी की है।
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इस लिस्ट में नाम तो कई बड़े नेताओं के हैं, लेकिन एक नाम ने सबका ध्यान खींचा है रामगोपाल अग्रवाल, जो छत्तीसगढ़ कांग्रेस के कोषाध्यक्ष हैं… या यूं कहें कि कागज़ों पर अब भी हैं।
राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और पूर्व सीएम भूपेश बघेल के साथ रामगोपाल अग्रवाल और छत्तीसगढ़ के अन्य नेता (फाइल फोटो)
2 साल से फरार हैं रामगोपाल अग्रवाल, रायपुर अधिवेशन से पहले हुई थी रेड
असल में रामगोपाल अग्रवाल पिछले दो सालों से फरार हैं। उन पर ED की रेड के बाद से ही शिकंजा कस गया था। साल 2022 में हुई छापेमारी में कई अहम दस्तावेज और सबूत जब्त किए गए थे। साल 2013 में रामगोपाल अग्रवाल को छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी का कोषाध्यक्ष नियुक्त किया गया था। कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन से पहले और बाद में साल 2022-23 में 2-3 बार उनके ठिकानों पर ED ने छापा मारा था।
तभी से वे न तो पार्टी के कार्यक्रमों में नजर आए, न ही किसी बैठक में शामिल हुए। खुद कांग्रेस के प्रदेश कार्यालय में मौजूद कई नेताओं को भी ये याद नहीं कि उन्हें आखिरी बार कब देखा गया था।
सवाल यह उठता है कि क्या पार्टी को नहीं पता कि उनका कोषाध्यक्ष पिछले दो साल से फरार है? या फिर कांग्रेस अब भी उस कुर्सी को भरने में असमर्थ है?
छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने अब तक इस पद पर किसी नए व्यक्ति की नियुक्ति नहीं की है। यानी प्रदेश की सबसे बड़ी पार्टी दो साल से बिना आधिकारिक कोषाध्यक्ष के ही चल रही है, जो खुद में एक गंभीर सवाल है,पार्टी का फाइनेंशियल मैनेजमेंट आखिर देख कौन रहा है?
पार्टी में लगे थे गबन के आरोप
कांग्रेस सरकार जाने के बाद रामगोपाल वर्मा पर पार्टी के अंदर से ही गबन का आरोप लगा है। कांग्रेस के पूर्व महामंत्री अरुण सिसोदिया ने दीपक बैज को चिट्ठी लिखी थी। इसमें 5 करोड़ 89 लाख रुपए के गबन करने की बात लिखी गई।
सिसोदिया ने अपने पत्र में लिखा था कि रामगोपाल अग्रवाल ने अपने मित्र और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के राजनीतिक सलाहकार विनोद वर्मा के बेटे की कंपनी टेसू मीडिया लैब गाजियाबाद को 5 करोड़ 89 लाख रुपए दिए हैं। ये रुपए तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम और प्रभारी महामंत्री की जानकारी के बिना भुगतान किया गया था।
दीपक बैज के पदभार ग्रहण करने के बाद रामगोपाल अग्रवाल पार्टी की बैठकों में दिखाई नहीं दिए। (फाइल फोटो)
बीजेपी बोली घोटालेबाजों का अधिवेशन
भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी अमित चिमनानी ने कहा ये कांग्रेस का राष्ट्रीय अधिवेशन है या घोटालेबाजों का अधिवेशन।
जो व्यक्ति कई दिनों से फरार चल रहे है उन्हें राष्ट्रीय अधिवेशन में बुलाया गया है। समझना पड़ेगा उन्होंने जेल में बंद सौम्य चौरसिया और पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा को भी कही अपेक्षित श्रेणी में तो नहीं रखा।
कांग्रेस आलाकमान की ओर से जो सूची राष्ट्रीय अधिवेशन के लिए जारी हुई है, उसमें अब भी रामगोपाल अग्रवाल का नाम मौजूद है।
इन नेताओं की सूची में नाम
- भूपेश बघेल
- मोहन मरकाम
- चरणदास महंत
- टी. एस. सिंहदेव
- ताम्रध्वज साहू
- रविंद्र चौबे
- संतराम नेताम
- मोहम्मद अकबर
- प्रेमसाय सिंह टेकाम
- अमरजीत भगत
- कवासी लखमा
- शिवकुमार डहरिया
- जयसिंह अग्रवाल
- गुरु रुद्रकुमार
- उमेश पटेल
- अनिला भेड़िया
- धनेंद्र साहू
- सत्यनारायण शर्मा
- रामपुकार सिंह
- खेलसाय सिंह
- अमितेश शुक्ला
- अरुण वोरा
- कुलदीप जुनेजा
- राजेश तिवारी
- विकास उपाध्याय
- केटी एस तुलसी
- दीपक बैज
- ज्योत्सना महंत
- देवती कर्मा
- रामगोपाल अग्रवाल
- गुरमुख सिंह होरा
- गिरीश देवांगन
- रवि घोष
- अरुण सिंघानिया
- पीयूष कोसरे
- फूलोदेवी नेताम
- आकाश शर्मा
- अरुण ताम्रकार
- नीरज पांडे
- छाया वर्मा
- पूर्णचंद कोको पाढ़ी
- देवेंद्र यादव
- (Co-Opted सदस्य)
- 43. विनोद वर्मा
- 44. राजेंद्र तिवारी
- 45. पुष्पा देवी सिंह
- 46. प्रतिमा चंद्राकर
- 47. सुशील आनंद शुक्ला
- 48. अतुल श्रीवास्तव
- 49. संजय कुमार सिंह
- 50. अम्बिका मरकाम
- 51. सुमित्रा घृतलहरे
- 52. आदितेश्वर सिंह देव
- 53. अरुण सिसोदिया
- 54. मोतीलाल देवांगन (एपीआरओ)
- 55. जितेन्द्र साहू (एपीआरओ)