लखनऊ में गुरुवार को इजराइल के विरोध में प्रदर्शन हुआ। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने गज़ा का समर्थन करते हुए इजराइल के खिलाफ जमकर किया और नाराजगी जताई। प्रदर्शन में साझी दुनिया , एडवा , भारतीय महिला फेडरेशन समेत एक दर्जन से अधिक वामपंथी संगठनों ने हिस्सा
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इजराइल के विरोध में प्रदर्शन करते हुए
ऐडवा की मधु गर्ग ने कहा कि नेतन्याहू के नेतृत्व में इजराइल द्वारा फिलीस्तीन पर नरसंहार किया जा रहा है। 20 महीने से चले इस युद्ध में 50,000 से ज्यादा फिलीस्तीनियों की हत्या कर दी गई है। जिसमें 60% महिलाएं और बच्चे शामिल हैं। उनके घरों, अस्पतालों, स्कूलों और फसलों को बर्बाद कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि फिलीस्तीन की 70% जमीन पर यहूदी बस्तियों को बसाया जा रहा है। यह सब साम्राज्यवादी देशों के समर्थन से हो रहा है। डोनाल्ड ट्रम्प का इस संबंध में मानवता को शर्मसार करने वाला बयान सामने आया।
पोस्टर के माध्यम से जताई जानकारी
मधु गर्ग ने कहा कि इज़राइल ने दो महीने पहले घोषित युद्धविराम समझौते को तोड़ दिया है। फिलीस्तीन पर हमले तेज़ कर दिये हैं। एक जानकारी के अनुसार पिछले दो हफ्तों में इजराइली हमले में 320 बच्चों की निर्मम हत्या हो चुकी है और 600 बच्चे घायल हैं। पिछले 30 दिनों में बॉर्डर से जाने वाली सामग्री दवाई, पानी भोजन ईंधन की आपूर्ति की नाकाबंदी कर दी है। राहत सामग्री लेने वालों पर गोलियां चलाई जा रही हैं। दो दिन पहले ही राहत सामग्री लेने गये 18 लोगों को इजराइली सेना ने गोलियों से भून दिया था। भूख से तड़पते बच्चों की तस्वीरें पूरी दुनिया के संवेदनशील लोगों को आहत कर रहीं हैं।
मधु गर्ग बोली इजराइल मानवता विरोधी है
प्रदर्शन में शामिल कात्यायनी ने कहा कि 1 जून 2025 को पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थंबर्ग और अन्य 11 मानवाधिकार कार्यकर्ताओं पर की गई कार्रवाई शर्मनाक है। ग़जा के लिए राहत सामग्री लेकर इटली से रवाना हुए 12 लोगों को इजराइल ने गिरफ्तार कर लिया है। ग्रेटा थंबर्ग समेत चार लोगों को वापस भेज दिया गया और बाकी 8 लोगों को डिटेंशन सेंटर में रखा गया है। ये शर्मनाक है कि इजराइल खुद भी बर्बरता कर रहा है और दूसरों की मदद करने वाले लोगों पर भी अन्याय कर रहा है। भारत सरकार से हमारी मांग है कि इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए फलस्तीन के पीड़ितों का साथ दें।