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लखनऊ में गीता ज्ञान यज्ञ में स्वामी अभयानंद का प्रवचन: कहा- जो बिंदु में है, वही सागर में; जो अणु में है, वही ब्रह्मांड में – Lucknow News


लखनऊ3 मिनट पहले

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लखनऊ के गोमती नगर स्थित अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध संस्थान में गीता ज्ञान यज्ञ का आयोजन किया जा रहा है। इस दौरान स्वामी महामण्डलेश्वर अभयानंद सरस्वती महाराज ने जीवन और ब्रह्मांड के रहस्यों को उदाहरण के साथ बताया। महराज ने बताया कि मानव शरीर पांच महाभूतों से बना है।

ये हैं – पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश। उन्होंने कहा कि यही तत्व पूरे ब्रह्मांड में भी मौजूद हैं। शरीर में तीन और तत्व हैं – मन, बुद्धि और अहंकार। ये सभी मिलकर कुल आठ तत्व बनते हैं। ब्रह्मांड में इन्हें समष्टि मन, समष्टि बुद्धि और अव्यक्त प्रकृति कहा जाता है।

गीता ज्ञान यज्ञ में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए।

स्वयं को पहचानने से ब्रह्मांड को समझना सरल

स्वामी महामण्डलेश्वर अभयानंद ने एक सरल उदाहरण से समझाया कि छोटे से छोटे कण में वही शक्ति है, जो पूरे ब्रह्मांड को संचालित करती है। जैसे शरीर का प्रत्येक अंग एक दूसरे से जुड़ा है, वैसे ही पूरी सृष्टि एक ही चेतना से जुड़ी है।स्वयं को पहचानने से ब्रह्मांड को समझना सरल हो जाता है।

इस यज्ञ का उद्देश्य लोगों को आत्म-चिंतन और जीवन के गहरे अर्थ को समझने की प्रेरणा देना है। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हो रहे हैं। समारोह में लखनऊ के प्रमुख नागरिक वरुण तिवारी, आर.सी मिश्रा, चंद्रभाल मिश्रा, वीरेन्द्र दुबे और वीरेन्द्र अवस्थी की उपस्थिति ने कार्यक्रम की गरिमा बढ़ाई।



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