लखनऊ मॉल एवेन्यू स्थित दरगाह ख्वाजा मोहम्मद नबी रजा शाह उर्फ दादा मियां में मिलाद की महफिल हुई। जिसमें बड़ी संख्या में अकीदत मंद शामिल हुए। मिलाद की महफिल में पैगम्बर मोहम्मद साहब की जीवनी को लेकर उलमा ने बयान किया। मिलाद की महफिल में मोहम्मद नबी रजा
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‘कौमी एकता का दिया जाता है संदेश‘
दरगाह के सज्जादानशीन सबाहत हसन शाह ने बताया कि समय – समय पर मीलाद महफिल का आयोजन किया जाता है । उन्होंने बताया कि मिलाद और अन्य महफिलों के माध्यम से सूफी-संतों का संदेश लोगों तक पहुंचाया जाता है। दरगाह को एकता का केंद्र कहा जाता है । यहाँ गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल मिलती है। सभी धर्म के लोग मजार पर चादर चढ़ा कर दुआ मांगते है। दादा मियां ने अपने मानने वालों को हमेशा गरीबों , जरूरत मंदों की मदद करने का संदेश दिया है । मिलाद की महफिल में लोगों की तरक्की और देश के विकास के लिए दुआ किया गया।
दरगाह पर मिलाद की महफिल में बड़ी संख्या में लोग हुए शामिल
‘लोगों की भलाई करना उद्देश्य‘
सज्जादानशीन ने बताया कि दरगाह का 117 साल पुराना इतिहास है । लोगों की मान्यता है कि दरगाह पर आने से परेशानी दूर होती है । यहाँ से कौमी एकता का संदेश दिया जाता है। जिससे समाज में भाईचारा और प्रेम बढ़ता है। दरगाह पर चलने वाले मदरसे में बच्चों को मुफ्त शिक्षा दी जाती है । बाहर से आने वाले बच्चों के खाने-रहने की पूरी मुफ्त व्यवस्था की जाती है। दरगाह का उद्देश्य है कि लोगों की अधिक सहायता की जाए और सभी बच्चो को एक समान शिक्षा दिया जाए ।