लखनऊ4 मिनट पहले
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लखनऊ हाईकोर्ट ने एक किरायेदार पर 15 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। मामला फैजाबाद रोड स्थित एक प्रॉपर्टी का है। मकान मालिक कस्तूरी देवी ने 1981 में अपने बेटे के लिए बिजनेस शुरू करने के लिए किरायेदार वोहरा ब्रदर्स से मकान खाली करने को कहा था।
किरायेदार ने न सिर्फ मकान खाली करने से मना कर दिया, बल्कि 1979 से किराया भी नहीं दिया। उस समय प्रॉपर्टी का किराया 187.50 रुपए था। कस्तूरी देवी ने 1982 में प्राधिकारी के सामने रिलीज याचिका दायर की।
हाईकोर्ट में 1992 में दायर की थी अपील
यह याचिका 1992 में खारिज हो गई। इसके बाद उन्होंने अपील दायर की, जो 1995 में उनके पक्ष में आई। किरायेदार ने इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी। न्यायमूर्ति पंकज भाटिया की एकल पीठ ने किरायेदार की याचिका खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा कि किरायेदार ने एक पूरी पीढ़ी को उसके अधिकारों से वंचित कर दिया।
कोर्ट ने दो महीने की मोहलत दी
कोर्ट ने जिलाधिकारी लखनऊ को निर्देश दिया है कि अगर दो महीने में जुर्माने की रकम जमा नहीं की जाती है, तो वसूली की जाए। प्रतिवादी के वकील गौरव मेहरोत्रा ने बताया कि किरायेदार ने प्रॉपर्टी में शिकमी किरायेदार भी रख लिए हैं।