बेतिया के टीपी वर्मा कॉलेज में शिक्षा व्यवस्था की पोल तब खुल गई, जब स्नातक मिड टर्म परीक्षा के दौरान छात्र-छात्राओं को अंधेरे में मोबाइल टॉर्च की रोशनी में परीक्षा देना पड़ा। गुरुवार को इस घटना का वीडियो सामने आते ही हड़कंप मच गया।
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वीडियो में छात्र खुद बेंच साफ करते और मोबाइल टॉर्च के सहारे उत्तर लिखते नजर आ रहे हैं। क्लासरूम में बिजली नहीं थी और जनरेटर चलाने का भी कोई प्रबंध नहीं किया गया था। इस घटना से कॉलेज प्रशासन सवालों के घेरे में हैं।
ABVP का हंगामा, लापरवाही का आरोप
घटना की सूचना मिलते ही अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के कार्यकर्ताओं ने कॉलेज में विरोध प्रदर्शन किया। कॉलेज अध्यक्ष जूही सिंह और प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य आशीष गुप्ता ने प्रशासन पर जानबूझकर अव्यवस्था फैलाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि अनुभवी प्रोफेसरों की जगह अनुभवहीन शिक्षक को परीक्षा नियंत्रक बना देना ही सारी अव्यवस्थाओं की जड़ है।
ABVP के जिला सह-संयोजक धर्मेश गुप्ता ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि व्यवस्था नहीं सुधरी तो छात्र संगठन सड़क पर उतरकर आंदोलन करेगा।
विधायक रश्मि वर्मा ने जताई नाराजगी
वीडियो सामने आने के बाद विधायक रश्मि वर्मा कॉलेज पहुंचीं और खुद हालात का जायजा लिया। उन्होंने देखा कि छात्र-छात्राएं अंधेरे में टॉर्च जलाकर परीक्षा दे रहे हैं। विधायक ने कॉलेज प्रशासन की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि
जिस कॉलेज की स्थापना हमारे पुरखों ने की थी, उसकी यह दुर्दशा देखना दुखद है। कॉलेज की जमीन पर अतिक्रमण हो रहा है। कुछ हिस्सों में मिट्टी का अवैध भंडारण किया गया है। मौके पर मौजूद बर्सर विकास मंडल ने न तो जनरेटर चलवाया और न ही कोई समाधान निकाला। – रश्मि वर्मा, विधायक
सवालों के घेरे में कॉलेज प्रशासन
छात्रों के मुताबिक, थर्ड सेमेस्टर की परीक्षा पहले से ही देर से शुरू हुई थी। इस संबंध में टीपी वर्मा कॉलेज के प्रिंसिपल सुरेन्द्र राय से जब बात की गई तो उन्होंने पहले तो दो दिनों से छुट्टी पर होने कहकर पल्ला झाड़ा। फिर बताया कि,
बुधवार को एक्जाम के दौरान 5 मिनट के लिए लाइट कटा था। जब तक जनरेटर चालू हो ही रहा था कि इसी दौरान विधायक ने वहां आकर हंगामा करना शुरू कर दिया। शिक्षकों को अनाप-शनाप बोला। – सुरेन्द्र राय, प्रिंसिपल, टीपी वर्मा कॉलेज
अंधेरे में परीक्षा देने की मजबूरी ने शिक्षा व्यवस्था को तमाशा बना दिया है। परीक्षा का समय होते हुए भी बिजली की वैकल्पिक व्यवस्था न होना कॉलेज प्रशासन की लापरवाही को उजागर करता है। कॉलेज प्रशासन सवालों के घेरे में है।