आत्मसमर्पण करने वाले उग्रवादियों में तुलसी गंझू उर्फ विशाल, पलेंद्र भोक्ता उर्फ अजीत और प्रमोद गंझू शामिल हैं।
झारखंड सरकार की आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति का सकारात्मक प्रभाव दिखा है। लातेहार पुलिस मुख्यालय में गुरुवार को जेजेएमपी के तीन सक्रिय उग्रवादियों ने आत्मसमर्पण कर दिया।
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इन उग्रवादियों में तुलसी गंझू उर्फ विशाल, पलेंद्र भोक्ता उर्फ अजीत और प्रमोद गंझू शामिल हैं। तीनों बालूमाथ के लक्षीपुर गांव के निवासी हैं। राज्य सरकार ने इन पर एक-एक लाख रुपए का इनाम घोषित कर रखा था।
तीनों के आत्मसमर्पण के समय उनके परिजन भी मौजूद थे
एसपी कुमार गौरव और सीआरपीएफ की 11वीं बटालियन के कमांडेंट याद राम बुनकर ने तीनों का स्वागत किया। तीनों के आत्मसमर्पण के समय उनके परिजन भी मौजूद थे।
ये उग्रवादी पहले टीएसपीसी से जुड़े थे। बाद में जेजेएमपी के सुप्रीमो पप्पू लोहरा और लवलेश गंझू के दस्ते में शामिल हो गए। 2021 में नावागढ़ जंगल में हुई मुठभेड़ में इनकी भूमिका थी। इस मुठभेड़ में झारखंड जगुआर के डिप्टी कमांडेंट शहीद हुए थे।
उग्रवादी संगठन कमजोर हुए हैं: एसपी
तुलसी गंझू और पलेंद्र भोक्ता पर पांच-पांच मामले दर्ज हैं। प्रमोद गंझू पर तीन आपराधिक मामले हैं। तीनों पर 17 सीएलए और आर्म्स एक्ट के मामले भी दर्ज हैं।
एसपी ने कहा कि पुलिस की कार्रवाई से उग्रवादी संगठन कमजोर हुए हैं। उन्होंने अन्य उग्रवादियों से भी आत्मसमर्पण की अपील की। कमांडेंट बुनकर ने चेतावनी दी कि जो सरेंडर नहीं करेंगे, उन्हें पुलिस की कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।