सुखमनप्रीत कौर से मारपीट की वीडियो।
लुधियाना में डाबा इलाके के सतगुरु नगर में ड्रग तस्करों के बारे में पुलिस को सूचना देने वाली एक महिला पर हमला किए जाने का मामला सामने आया है। यह हमला पुलिस द्वारा आरोपियों के खिलाफ की गई कार्रवाई के एक दिन बाद हुआ। आरोपियों ने महिला के घर में घुसकर उस
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इस हमले से लोगों में आक्रोश फैल गया, क्योंकि इससे मुखबिरों की सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं, खासकर लुधियाना के पुलिस कमिश्नर कुलदीप सिंह चहल ने निवासियों को आश्वासन दिया था कि अगर वे ड्रग डीलरों के बारे में जानकारी देते हैं तो उनकी पहचान गोपनीय रखी जाएगी। आज (गुरुवार को) पीड़ित महिला मीडिया के सामने आई और अपनी आपबीती सुनाई।
7 मार्च को महिला ने पकड़वाए थे नशा तस्कर
7 मार्च को स्थानीय निवासियों की शिकायतों पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने इलाके से 8 ड्रग तस्करों को गिरफ्तार किया और 60 ग्राम हेरोइन बरामद की। कार्रवाई के दौरान सतगुरु नगर की रहने वाली 45 वर्षीय सुखमनप्रीत कौर ने पुलिस कमिश्नर के साथ ड्रग गतिविधियों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी साझा की थी, जिसे वीडियो में कैद कर लिया गया और सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर प्रसारित किया गया।
हालांकि, कुछ ही घंटों बाद, कथित तौर पर ड्रग तस्करी में शामिल कुछ आरोपियों ने उसके घर के बाहर गाली-गलौज शुरू कर दी। अगले दिन, 8 मार्च को, जब वह किरयाना का सामान खरीदने के लिए बाहर गई, तो उसका पीछा किया गया, उसके साथ गाली-गलौज की गई और बाद में उसे उसके घर के अंदर खींच लिया गया, जहां उसके साथ मारपीट की गई।
सुखमनप्रीत कौर जानकारी देते हुए।
हमलावरों ने तोड़ा मोबाइल, झपटी सोने की चेन
महिला ने आरोप लगाया कि पुलिस के साथ सूचना साझा करने के लिए उन्होंने मुझे पीटा और गाली-गलौज की लेकिन पुलिस ने इस मामले को अनदेखा कर दिया। हमलावरों ने मेरा मोबाइल फोन तोड़ दिया, सोने की चेन छीन ली और भागने से पहले मुझे धमकाया। पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने में देरी की। पीड़िता ने न्याय की मांग की है।
क्रूर हमले के बावजूद 3 दिन बाद FIR सुखमनप्रीत का दावा है कि क्रूर हमले के बावजूद, पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने में तीन दिन लगा दिए। जब उन्होंने एफआईआर दर्ज की, तब भी उन्होंने महत्वपूर्ण धाराओं को छोड़ दिया था। सुखमनप्रीत ने कहा कि मुझे बताया गया कि एफआईआर दर्ज कर ली गई है, लेकिन पुलिस ने मुझे इसकी कॉपी नहीं दी।
बाद में, मुझे पता चला कि मेरी शिकायत पर कोई मामला दर्ज नहीं किया गया था। सीपी और डीसीपी से मिलने के बाद ही एफआईआर दर्ज की गई, लेकिन संबंधित धाराओं के तहत पुलिस ने बनता एक्शन नहीं लिया था।
पुलिस ने नशे से जुड़ी वजह से किया इनकार डाबा पुलिस ने मनदीप कौर, उसके पति सुमित कुमार और उनकी रिश्तेदार प्रिया के खिलाफ बीएनएस की धारा 126(2) (गलत तरीके से रोकना), 115(2) (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना) और 3(5) (साझा इरादे से कई लोगों द्वारा किया गया आपराधिक कृत्य) के तहत मामला दर्ज किया है।
हालांकि, डाबा पुलिस स्टेशन के एसएचओ इंस्पेक्टर गुरदयाल सिंह ने कहा कि शुरुआती जांच से पता चलता है कि यह एक निजी विवाद था और ड्रग डीलरों को बेनकाब करने में महिला की भूमिका से जुड़ा नहीं था।
SHO ने कहा कि महिला पर हमला किया गया था, लेकिन हमारी जांच से पता चलता है कि यह पुरानी दुश्मनी के कारण हुआ था, न कि ड्रग तस्करों के खिलाफ उसकी शिकायत के कारण। आरोपी परिवार ड्रग तस्करी में शामिल नहीं है।
सुखमनप्रीत ने कहा कि एक तरफ तो पुलिस हमसे सूचना देकर मदद मांगती है, लेकिन दूसरी तरफ वे आगे आने वालों की सुरक्षा करने में विफल रहती है। मैं फिर से वरिष्ठ अधिकारियों से मिलकर मांग करूंगी कि एफआईआर में उचित धाराएं जोड़ी जाएं।