Homeमध्य प्रदेशलेडी डॉक्टर को भारी पड़ा वॉट्सएप स्टेटस: विधायक के फर्जी लेटरहेड...

लेडी डॉक्टर को भारी पड़ा वॉट्सएप स्टेटस: विधायक के फर्जी लेटरहेड पर तबादलों की सिफारिश; विरोधी दल को मेहमानों के खर्चे-पानी का टेंशन – Bhopal News


सत्ताधारी दल के एक विधायक उस वक्त हैरान और परेशान हो गए, जब उन्हें पता चला कि उनके लेटरहेड पर कर्मचारियों के तबादलों की सिफारिश की गई है। फिर क्या था, वे फौरन एक्शन में आ गए। उन्होंने संबंधित विभाग के मंत्री को पत्र लिखा। मंत्री को बताया कि किसी ने उ

.

विधायक अब ये पता लगा रहे हैं कि आखिर ये कांड किया किसने? बता दें कि नेता जी बुंदेलखंड से वास्ता रखते हैं। पूर्व में मंत्री भी रह चुके हैं। ये वही नेता जी है, जिन्होंने पिछले चुनाव से पहले अपने लोगों को सरयू नदी में डुबकी लगवाकर कसम दिलाई थी कि चुनाव में धोखा नहीं देंगे।

बैनर-पोस्टर्स में सिर्फ ‘सरकार’ राजधानी में हो रहे महिलाओं के सम्मेलन में आ रहे प्रधानमंत्री के स्वागत में शहर को बैनर पोस्टर और होर्डिंग्स से पाट दिया गया है।

चौक-चौराहों और सड़कों पर लगे ज्यादातर होर्डिंग्स कटआउट में प्रधानमंत्री के अलावा सूबे के ‘सरकार’ की ही ज्यादातर तस्वीरें नजर आ रहीं हैं। कार्यक्रम स्थल पर बने मंच पर भी सिर्फ दो तस्वीरें लगी हैं।

प्रचार सामग्री में कई दिग्गजों की तस्वीरें नदारद हैं। इससे उनके समर्थक मायूस हैं। हालांकि, कुछ जगहों पर संगठन और पार्टी के चुनिंदा नेताओं के इक्का-दुक्का पोस्टर नजर आ रहे हैं।

मेहमानों का खर्च कौन उठाएगा गरीबी में आटा गीला… ये कहावत तो आपने सुनी ही होगी। एमपी में विरोधी दल की हालत कुछ ऐसी ही है।

दरअसल, पार्टी अपने संगठन को मजबूत करने के लिए एक अभियान लॉन्च कर रही है, जिसके तहत दिल्ली से तय किए देशभर के टॉप 50 लीडर्स को प्रदेश के हर जिले में भेजा जाएगा।

अब टेंशन ये है कि इन मेहमानों का खर्च कौन उठाएगा। पार्टी में इस बात को लेकर कानाफूसी हो रही है कि जिले के गरीब कार्यकर्ताओं की जेब पर बोझ पड़ेगा या स्टेट टीम खर्च उठाएगी। या फिर मेहमान अपना राशन पानी लेकर ही पार्टी को बदलने के अभियान में आएंगे।

ट्रांसफर में एक ग्रुप की ही चलेगी एमपी में इन दिनों तबादलों का मौसम है। ट्रांसफर की चाह रखने वाले कर्मचारी मंत्रियों और विधायकों के पास गुहार लगा रहे हैं। ऑनलाइन आवेदन करने के बाद भी कर्मचारियों को भरोसा नहीं है कि बिना सिफारिश के ट्रांसफर हो पाएगा। लिहाजा वे सत्ता पक्ष के हर छोटे-बड़े नेता के दरबार में अपनी फरियाद लेकर पहुंच रहे हैं।

हालांकि व्यवस्था ऐसी है कि हर जिले में एक ग्रुप है। सिर्फ उसी ग्रुप की सिफारिश पर ही तबादला सूची पर अंतिम मुहर लगेगी। इस ग्रुप की मीटिंग के लिए जिलों से मेंबर अपने-अपने पालक मंत्री के दरबार में पहुंचकर लिस्ट पर मुहर लगवा रहे हैं।

जॉइनिंग से पहले डॉक्टर सस्पेंड कभी-कभी जोश में की गई होशियारी भारी पड़ जाती है। बनता काम बिगड़ जाता है। राजधानी के पड़ोस के जिले में एक लेडी डॉक्टर के साथ ऐसा ही कुछ हुआ।

मैडम ने अपनी मनचाही जगह तबादला कराया था। इसी खुशी और उत्साह में आकर उन्होंने वॉट्सएप स्टेटस पर लिख दिया.. अपना तो पीछा छूटा। इतना ही नहीं मैडम ने इशारों-इशारों में किसी पर कमेंट भी कर दिया।

फिर क्या था। मामला बढ़ गया। मामला राजधानी तक पहुंच गया। विभाग ने स्टेटस को सरकारी सेवक के आचरण के खिलाफ माना, जिसके बाद मैडम को अपने मनचाहे जिले में जॉइनिंग से पहले ही सस्पेंड होना पड़ा।

एसपी की मुसीबत नहीं हो रही खत्म महिला अधिकारी को लेकर विवादों में आए महाकौशल क्षेत्र में पदस्थ एक पुलिस कप्तान की मुसीबतें कम नहीं हो रही हैं। इनके खिलाफ पहले महिला के पति और अब उनके रिश्तेदार ने मोर्चा खोल दिया है।

दरअसल, पिछले दिनों इस रिश्तेदार से पुलिस कप्तान की बात हुई थी, इसके बाद रिश्तेदार ने आईपीएस साहब की शिकायत कर दी है। आरोप लगाया कि आईपीएस यह कहकर धमका रहे हैं कि वे जल्दी ही विंध्य क्षेत्र के उस जिले के पुलिस कप्तान बनने वाले हैं, जहां उनके खिलाफ शिकायत करने वाले महिला के पति के रिश्तेदार रहते हैं।

इन रिश्तेदार ने शिकायत में मुख्यमंत्री और प्रदेश के पुलिस कप्तान ने कहा है कि अगर ऐसा हुआ तो हमारी जान को खतरा है।

रिटायर्ड आईएएस V/s महिला अधिकारी खटपट केवल बर्तनों में ही नहीं.. अफसरों के बीच भी होती है। पर्यावरण संबंधी मंजूरी देने के लिए बनाई एक कमेटी में भी टकराव मचा है। कमेटी के अध्यक्ष, जो कि एक रिटायर्ड आईएएस हैं और कमेटी की सचिव, जो कि सीधी भर्ती की आईएएस हैं… दोनों के बीच वर्चस्व की जंग छिड़ी है।

आलम ये है कि कमेटी की बैठक ही नहीं हो रही है। इनकी लड़ाई सीएम के दरबार में पहुंच गई। सरकार अब बीच का रास्ता खोज रही है।

अधिकारी की वजह से हो गई फजीहत विंध्य क्षेत्र में प्रशासन के एक अधिकारी की वजह से सत्ताधारी दल के नेताओं की जमकर फजीहत हो गई।

हुआ यूं कि अंचल की ऊर्जाधानी में नगर गौरव दिवस का कार्यक्रम हुआ। इसमें एंट्री के लिए प्रशासन ने जो पास जारी किए, उसमें मैडम मिनिस्टर और उनके पति को अलग-अलग वीआईपी पास दिए गए। वहीं जिले में तीन बार के पूर्व विधायक को प्रोग्राम में एंट्री नहीं दी गई।

सत्ताधारी दल के कई बडे़ पदाधिकारियों की पुलिस ने जमकर बेइज्जती की। इसे लेकर प्रोग्राम के बाहर जमकर नारेबाजी हुई। सत्ताधारी दल के नेताओं ने अधिकारी और स्थानीय प्रशासन की सरकार और संगठन तक शिकायत पहुंचाई है।

और अंत में..

स्कॉर्पियो से गदर काटने वाले को किसका संरक्षण प्रदेश में पिछले साल हुए उपचुनाव में विपक्ष को जिस सीट पर जीत मिली, वहां हाल ही में एक स्कॉर्पियो से जमकर गदर मचाया गया। बेलगाम एसयूवी ने एक आदिवासी बालिका को कुचल दिया। बच्ची गंभीर हालत में अस्पताल पहुंचाई गई।

इस घटना के बाद पड़ताल शुरू हुई तो पता चला कि ये सत्ताधारी दल के दो दिग्गज नेताओं का करीबी है। एक नेता जी के पास संगठन की कमान है तो दूसरे नेता जी भी इसी पद पर रह चुके हैं। जिसने एसयूवी से गदर मचाया, उसकी कर्म कुंडली कुछ विरोधियों ने जुटानी शुरू की है।

ये भी पढ़ें…

नेताजी का महिला अफसर पर डबल मीनिंग कमेंट: उत्साह में जूते भूल गईं भाजपा नेता; मंत्री ने सरकारी दफ्तर में की पार्टी की मीटिंग जब सैंया भये कोतवाल तो डर काहे का… आपने ये कहावत तो सुनी ही होगी। सूबे की एक महिला मंत्री ने कुछ ऐसा ही काम किया है। मैडम ने मंत्रालय में ही अपनी पार्टी की जिला कोर कमेटी की मीटिंग बुला ली। मैडम के कैबिन से मीटिंग की तस्वीरें बाहर आई तो हंगामा मच गया। इधर, मंत्रालय के अधिकारी-कर्मचारी भी कह रहे हैं कि मंत्री है तो क्या, कुछ भी करेगी? पूरी खबर पढ़ें



Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Exit mobile version