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वाराणसी में किसानों ने किया सरकारी सिस्टम का श्राद्ध: गंजारी स्टेडियम के पास स्पोर्ट्स सिटी डेवलेप करने का कर रहे हैं विरोध – Varanasi News



वाराणसी में ग्रामीणों ने किया सरकारी सिस्टम का श्राद्ध।

वाराणसी के गंजारी में बन रहे इंटरनेशनल स्टेडियम के आस-पास कई गांवों की जमीन को अर्बन टाउनशिप (स्पोर्ट्स सिटी) व फोरलेन सड़क चौड़ीकरण के लिए अधिग्रहण हो रहा है। इसका ग्रामीण विरोध कर रहे हैं। लगातार पास के ही एक बगीचे में धरना दे रहे ग्रामीणों ने धरने

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बता दें कि यह सारा काम वीडीए और पीडब्ल्यूडी को सम्पादित करना है। स्टेडियम बीसीसीआई द्वारा बनवाया जा रहा है।

पूर्वांचल किसान यूनियन के बैनर तले हुआ ‘सिस्टम का श्राद्ध’ गंजारी स्टेडियम के आस-पास कई गांवों की जमीन को अर्बन टाउनशिप (स्पोर्ट्स सिटी) व फोरलेन सड़क बनाना है। इसे लेकर वीडीए और पीडब्ल्यूडी ने कवायद शुरू कर दी है। इसे लेकर ग्रामीण धरने पर हैं। धरने के दसवें दिन प्रदर्शनकारियों ने बाकायदा पंडित बुलाकर ‘सिस्टम का श्राद्ध’ कराया। पंडित ने पूरे विधि-विधान से मंत्रों का उच्चारण करते हुए कर्मकांड किया।

किसान हो जाएंगे भूमिहीन और बेघर इस दौरान धरने का नेतृत्व कर रहे प्रदर्शनकारी पूर्व जिला पंचायत सदस्य प्रतिनिधि योगीराज सिंह पटेल ने बताया कि यहां निर्माणाधीन स्टेडियम के पास के किसानों की पहले रिंगरोड, स्टेडियम के नाम पर जमीन का अधिग्रहण किया गया है अब स्पोर्ट्स सिटी, अर्बन टाउनशिप और सड़क चौड़ीकरण के लिए शेष बची भूमि का अधिग्रहण किया जा रहा है। ऐसे में यहां के किसान भूमिहीन और बेघर हो जाएंगे।

जिसके विरोध में अनिश्चितकालीन धरना दसवें दिन भी जारी रहा के बावजूद ज़िम्मेदारों ने कोई ठोस आश्वासन नही मिलने से हमें उनका श्राद्ध करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि अब शायद वीडीए, पीडब्ल्यूडी और जिला प्रशासन कुछ पहल करे अन्यथा आंदोलन व्यापक रूप लेगा।

सिस्टम का श्राद्ध करके उन्हें मुक्त कर दिया प्रदर्शनकारी यूनियन के महासचिव विरेंद्र यादव ने कहा कि हमने आज सिस्टम का श्राद्ध करके उन्हें मुक्त कर दिया है। उन्होंने कहा कि यहां भूमि अधिग्रहण के चलते किसानों की बदहाली की जानकारी मुख्यमंत्री, मौजूदा सांसद देश के प्रधानमंत्री, विधायक सहित कलेक्टर को भी है, लेकिन जबरन भूमि अधिग्रहण जारी है। यही कारण है कि यहां के जागरूक नागरिकों ने सिस्टम का विधि-विधान से श्राद्ध किया। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर भूमि अधिग्रहण रद्द नहीं हुआ। तो आगे यहां के किसान ब्रह्मभोज कर विरोध करेंगे।



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