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वाराणसी में श्रृंगारगौरी-ज्ञानवापी से जुड़े 8 केस की सुनवाई आज: DJ सुनेंगे तहखाने की मरम्मत पर दलील, नए मंदिर निर्माण और पूजा-पाठ के वाद – Varanasi News


वाराणसी कोर्ट में श्रृंगार गौरी-ज्ञानवापी मस्जिद से जुड़े मामलों की सुनवाई शुक्रवार दोपहर जिला जज संजीव पांडे की अदालत में होगी। इस केसों में हिन्दू पक्ष के वकीलों ने मां शृंगार गौरी के नियमित दर्शन-पूजन, तहखाने की मरम्मत और मुस्लिम नमाजियों को तहखाने

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कोर्ट में दोनों पक्षों ने अपनी दलीलें पेश करते हुए हलफनामा भी दिया है और आज बहस करेंगे। हालांकि वर्ष 1991 में दाखिल लॉर्ड विश्वेश्वर के मुकदमे को सिविल जज (सीनियर डिवीजन/फास्ट ट्रैक) की अदालत से जिला जज की अदालत में स्थानांतरित करने की अपील खारिज हो चुकी है।

उधर, सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से बनारस कोर्ट में कार्रवाई मंद पड़ी है। इसमें वकील विष्णुशंकर ने जिला जज की अदालत में लंबित शृंगार गौरी और इसके साथ संबद्ध छह अन्य मुकदमे हाईकोर्ट में स्थानांतरित करने की अपील दायर की है। ज्ञानवापी सर्वे में मुस्लिम पक्ष की ओर से आपत्ति दाखिल नहीं करने पर भी सवाल उठाए गए हैं।

शुक्रवार यानि आज दोपहर ज्ञानवापी स्थित मां शृंगार गौरी के नियमित पूजा-पाठ की अनुमति देने को लेकर जिला जज संजीव पांडेय की अदालत में लंबित मुकदमे की सुनवाई होगी। ज्ञानवापी हिंदुओं को सौंपने, वहां मिले शिवलिंग की पूजा-पाठ की अनुमति देने और इसमें बाधा डालने वालों का प्रवेश प्रतिबंधित करने की मांग को लेकर भगवान आदि विश्वेश्वर विराजमान की ओर से किरण सिंह एवं अन्य द्वारा दाखिल मुकदमा भी सुना जाएगा।

पिछली सुनवाई में कोर्ट में अभियोजन ने दलील दी गई थी कि ज्ञानवापी प्रकरण के सभी मुकदमों को समेकित (क्लब) करने का मामला सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई लंबित है। इसलिए कोई फैसला लेने से पहले SC के जजमेंट को संज्ञान में लेना चाहिए। इसके बाद जज ने मामले की सुनवाई के लिए आज की तारीख तय कर दी थी।

हालांकि जिला जज ने ज्ञानवापी में नए मंदिर के निर्माण और हिंदुओं को पूजा-पाठ करने का अधिकार देने को लेकर वर्ष 1991 में दाखिल लॉर्ड विश्वेश्वर के मुकदमे को सिविल जज (सीनियर डिवीजन/फास्ट ट्रैक) की अदालत से जिला जज की अदालत में स्थानांतरित किए जाने का प्रार्थना पत्र खारिज कर दिया गया है।

हिन्दू पक्ष करवाना चाहता है तहखाने की मरम्मत

जिला जज की कोर्ट में ज्ञानवापी तहखाने की मरम्मत और बंद तहखानों के सर्वेक्षण की राखी सिंह और काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास की याचिका भी चर्चा में रहेगी। हिन्दू पक्ष के वकील ने कोर्ट से दक्षिणी-तहखाने में चल रही पूजा वाले तलगृह के जर्जर छत व बीम के मरम्मत की अनुमति मांगी है।

काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने कोर्ट के माध्यम से अनुरोध किया गया कि खंभे और छत की मरम्मत कराई जाए ताकि तहखाने में कोई दुर्घटना या अनहोनी न हो। हालांकि, सुनवाई पर मुस्लिम पक्ष ने मरम्मत पर आपत्ति जाहिर की, दोनों पक्ष के वकीलों में बहस हो चुकी है।

बंद तहखानों का सर्वे और मरम्मत की याचिकाएं

दायर याचिका में ज्ञानवापी परिसर में बंद तहखानों के एएसआई सर्वे के लिए भी कहा गया है। दावा किया गया कि ज्ञानवापी मस्जिद के दक्षिण की ओर एस-1 और उत्तर की ओर एन-1 सहित अन्य तहखानों को एएसआई के प्रारंभिक सर्वेक्षण के तहत कवर नहीं किया जा सका, क्योंकि वे पत्थर से बंद हैं।

राखी सिंह के वकील सौरभ तिवारी ने कोर्ट में ज्ञानवापी में बंद तहखानों के सर्वे को जरूरी बताया है। उनकी दलील है कि ज्ञानवापी परिसर के धार्मिक चरित्र को निर्धारित करने के लिए ASI के लिए बंद तहखानों का वैज्ञानिक सर्वेक्षण करना बहुत महत्वपूर्ण है। पिछले साल ज्ञानवापी से संबंधित दो मामलों में पारित आदेश में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी एएसआई सर्वेक्षण को रेखांकित किया था।



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