वेतन विसंगति, क्रमोन्नति, समयमान, पदोन्नति, पेंशन समेत अपनी मांगों को लेकर नाराज शिक्षक आज प्रदेश भर में आंदोलन करने वाले हैं। शिक्षक आज जिला मुख्यालय में एक दिवसीय प्रदर्शन करेंगे। छत्तीसगढ़ शिक्षक संघर्ष मोर्चा के बैनर तले यह प्रदर्शन होगा।
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छत्तीसगढ़ शिक्षक संघर्ष मोर्चा की 5 सूत्री मांग है, पांच सूत्री मांग को लेकर इसके पहले भी कई बार प्रदर्शन कर चुके हैं।
1 लाख 80 हज़ार शिक्षकों का आंदोलन आज
छत्तीसगढ़ शिक्षक संघर्ष मोर्चा के प्रदेश संयोजक वीरेंद्र दुबे ने बताया कि पूरे प्रदेश के लगभग 1 लाख 80 हज़ार शिक्षक 24 अक्टूबर को अपनी मांगों को लेकर सभी जिला मुख्यालयों में प्रदर्शन करेंगे। मोदी की गारंटी के तहत जो वादे किए गए थे उन वादों को पूरा किया जाए।
ये है शिक्षकों की मांग
- मोदी की गारंटी के तहत सहायक शिक्षकों के वेतन विसंगति को दूर कर सभी एलबी संवर्ग को क्रमोन्नत वेतनमान प्रदान किया जाए।
- पुनरीक्षित वेतनमान में सही वेतन का निर्धारण कर 1.86 के गुणांक पर वेतन का निर्धारण किया जाए।
- पूर्व सेवा अवधि की गणना करते हुए सभी शिक्षक को पुरानी पेंशन को निर्धारित करते हुए भारत सरकार द्वारा 2 सितंबर 2008 के जारी आदेश के समान 33 वर्ष में पूर्ण पेंशन के स्थान पर 20 वर्ष में पूर्ण पेंशन का प्रावधान किया जाए।
- उच्च न्यायालय बिलासपुर द्वारा डबल बैच द्वारा पारित निर्णय के तहत सभी पात्र शिक्षकों के लिए क्रमोन्नति समयमान का विभागीय आदेश जारी किया जाए।
- शिक्षक और कर्मचारियों को केंद्र के समान 1 जुलाई 2024 से 3% महंगाई भत्ता दिया जाए. जुलाई 2019 से देयतिथि पर महंगाई भत्ते के एरियर राशि का समायोजन जीपीएफ और सीजीपीएफ खाता में किया जाए।
शिक्षक करेंगे चरणबद्ध आंदोलन
- 1 नवंबर को राज्य स्थापना दिवस पर प्रदेश भर के शिक्षक पूर्व सेवा गणनदीप जलाकर अपनी सेल्फी फोटो सहित समस्त सोशल मीडिया और समाचार पत्रों में व्यापक प्रचार प्रसार करेंगे।
- 11 नवंबर को छत्तीसगढ़ के 146 विकासखंड में मुख्यमंत्री के नाम एसडीएम बी और तहसीलदार को सभी शिक्षकों की उपस्थिति में ज्ञापन दिया जाएगा।
- 12 से 24 नवंबर तक मुख्यमंत्री सहित सभी मंत्री सांसद विधायक जिला जनपद और पंचायत स्तर के जन्म प्रतिनिधियों को पुरानी सेवा गणना करने की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा जाएगा।
- 25 नवंबर को छत्तीसगढ़ शिक्षक संघर्ष मोर्चा प्रदेश भर के पदाधिकारी राजधानी रायपुर के इंद्रावती से महानदी भवन तक पैदल मार्च करते हुए मंत्रालय में ज्ञापन सौंपेंगे।