श्री हित प्रेमानंद गोविंद शरण जी महाराज को लोग प्रेमानंद महाराज के नाम से जानते हैं. वृंदावन के संत प्रेमानंद जी महाराज भक्तों से अपने जीवन के अनुभवों और घटनाओं को साझा करते रहते हैं, जो उनके लिए लाभकारी होते हैं. यदि आपने उनके सुझावों को माना तो भक्ति की राह आपके लिए सुगम हो जाएगी. ऐसे ही प्रेमानंद महाराज ने बताया कि एक बार वे रास्ते से जा रहे तो एक शराबी ने उनको रोक लिया. उस शराबी ने उनको ऐसा ज्ञान दिया कि उन्होंने उसकी बात को गांठ बांध ली. यदि कोई भी व्यक्ति उस शराबी की बात को समझ जाए तो उसकी किस्मत बदल सकती है. प्रेमानंद महाराज से जानते हैं उस घटना के बारे में.
गंगा किनारे कर रहे थे भ्रमण, रास्ते में मिल गया शराबी
प्रेमानंद महाराज ने बताया कि उस समय उनकी उम्र 18 से 19 वर्ष की थी. उस समय वे ब्रह्मावर्त बिठुर में गंगा किनारे भ्रमण कर रहे थे. उसी बीच एक शराबी ने उनको अपने पास बुलाया, तो वे उसके नजदीक गए. वो शराब पिए हुआ था, उसके मुंह से शराब की दुर्गंध आ रही थी. तब प्रेमानंद महाराज ने उससे पूछा कि क्यों बुलाया है? क्या कहना चाहते हो?
अपने साथ ले गया शराबी, बैकुंठ धाम में कर दिया खड़ा
उस शराबी ने कहा कि मेरे साथ चलो. उसने प्रेमानंद महाराज को अपने साथ लेकर एक मंदिर में गया. प्रेमानंद महाराज ने मन में सोचा कि देखते हैं ये क्या करता है. उस शराबी ने प्रेमानंद महाराज को बैकुंठ धाम में लेकर गया. वहां पर भगवान श्रीहरि विष्णु की मूर्ति लगी थी.
मूर्ति की ओर इशारा करके किया सवाल
शराबी ने प्रेमानंद महाराज से कहा कि देखते हो इस मूर्ति को. तो प्रेमानंद महाराज ने कहा कि हां. शराबी ने पूछा कि नीचे क्या है? तो उन्होंने कहा कि संगमरमर है. फिर उसने पूछा कि ये मूर्ति किसकी है? तो प्रेमानंद महाराज ने उत्तर दिया कि ये भी संगमरमर की है. तो शराबी ने उनसे पूछा कि समझा कुछ? तो उन्होंने कहा कि नहीं, समझा.
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तब शराबी ने प्रेमानंद महाराज को दिया बड़ा ज्ञान
तब शराबी ने मूर्ति की ओर इशारा करके कहा कि इस मूर्ति को तिल-तिल करके काटा गया, ये संगमरमर टूटा नहीं, तो भगवान बनकर पूजी जा रहा है और ये नीचे का संगमरमर टूट गया तो आज पैरों के तले रौंदा जा रहा है. संगमरमर यह भी है, संगमरमर वह भी है. शराबी ने प्रेमानंद महाराज से कहा कि हे! तू बाबा जी बना है, टूटना नहीं.
शराबी की बातों में छिपा है बड़ा संदेश
जो लोग भक्ती की राह पर हैं या किसी बड़े लक्ष्य को हासिल करना चाहते हैं, उनको रास्ते में आने वाली चुनौतियों से डरना नहीं चाहिए. उन समस्याओं का सामना करते हुए आगे बढ़ना चाहिए. नियम और नैतिकता का पालन करते हुए अपने मार्ग पर आगे बढ़ते रहें, आपको सफलता जरूर मिलेगी. जो लोग चुनौतियों से डर जाएंगे, वे कभी सफल नहीं होंगे. न ही उनको लक्ष्य की प्राप्ति होगी, न ही ईश्वर की.