पहले ऐसे चला था अदालत में यह मामला
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जब शुभकरण की मौत हुई थी, उस समय वह किसान आंदोलन में शामिल होने गया था। इस दौरान आरोप था कि जिस गोली से शुभकरण की मौत हुई है। वह हरियाणा पुलिस की तरफ से चलाई गई थी। उस समय यह मामला पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट पहुंचा था। फिर इस मामले की जांच करने के लिए पहले उच्च अदालत ने रिटायर जज की अगुआई में कमेटी गठित की थी। परिवार की दलील है कि इस मामले में कोई उचित कार्रवाई नहीं हुई है। हालांकि इस संबंधी पातड़ा थाने में केस दर्ज जरूर हुआ था।
इससे पहले 7 अगस्त को इस मामले की जांच कर रहे हरियाणा पुलिस के अधिकारी बी सतीश बालन ने हाईकोर्ट में अपनी सीलबंद रिपोर्ट दाखिल की थी। उस समय यह बात सामने आई थी कि शुभकरन के सिर पर शॉटगन का निशान लगता है। लेकिन सरकारी वकील ने कहा था हरियाणा पुलिस द्वारा शॉटगन प्रयोग नहीं की जाती है।
बहन को नौकरी और परिवार को दिया एक करोड़
किसान शुभकरण की मौत के बाद पंजाब सरकार की तरफ से परिवार की आर्थिक मदद की गई थी, उसकी बहन गुरप्रीत कौर को सरकारी नौकरी दी गई थी। सीएम भगवंत मान ने खुद नियुक्ति पत्र और एक करोड़ रुपए की राशि का चेक परिवार को सौंपा था। उस समय किसान नेता भी मौजूद रहे थे।