बीएचयू के पीएचडी कर रहे शोध छात्र-छात्राएं अब पढ़ाई के साथ ही शिक्षण कार्य भी करेंगे। इंस्टीट्यूट ऑफ एमीनेंस (आईओई) के तहत बीएचयू में ‘डॉक्टोरल टीचिंग फेलोशिप’ (डीटीएफ) योजना लागू की गई है। बीएचयू से 8 सीजीपीए के साथ एक साल का पीएचडी कोर्सवर्क पूरा क
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चयन समिति करेगा छात्र का चुनाव
अपने शोध छात्रों में पढ़ाई के साथ ही शिक्षण और अनुसंधान कौशल विकसित करने के उद्देश्य से बीएचयू ने यह योजना शुरू की है। उम्मीदवारों ने अतीत में अकादमिक उत्कृष्टता और शिक्षण और शोध में गहरी रुचि दिखाई होगी। योजना के लिए एक चयन समिति ऐसे छात्रों का चुनाव करेगी जिनका शैक्षणिक रिकॉर्ड बेहतर रहा हो। साथ ही इनके खिलाफ कोई अनुशासनहीनता का मामला न हो।
DTF के तहत 2 घंटे करेगा काम
डीटीएफ के सदस्य पाठ्यक्रम सामग्री विकसित करने, व्याख्यान आयोजित करने और छात्र के प्रदर्शन का मूल्यांकन करने में नियमित संकाय सदस्य की सहायता करेंगे। इसके अलावा वह प्रयोगशाला में छात्रों का मार्गदर्शन, मैनुअल आदि तैयार करने के लिए भी काम करेंगे। इन्हें सप्ताह में 12 घंटे यानी हर दिन दो घंटे सेवा देनी होगी। डीटीएफ का चयन एक सेमेस्टर या पांच महीने के लिए किया जाएगा। हर सेमेस्टर के बाद प्रदर्शन के आधार पर इनका नवीनीकरण किया जाएगा।
छात्र को मिलेगा 7 हजार रूपए प्रतिमाह
बीएचयू की तरफ से जारी अधिसूचना में डीटीएफ में चयनित नॉन नेट छात्रों को सात हजार रुपये प्रतिमाह का मानदेय देने की घोषणा की गई है। यह राशि उन्हें उनकी फेलोशिप के अतिरिक्त मिलेगी। जबकि डीटीएफ में चुने गए जेआरएफ, एसआरएफ, एमपीडीएफ, जेपीपीडीएफ, रामानुजम, रामलिंगम, इंस्पायर और इसी तरह की फेलोशिप प्राप्त छात्रों को यह मानदेय नहीं दिया जाएगा। बीएचयू ने तत्काल प्रभाव से यह योजना शुरू कर दी है।