रेसकोर्स रोड स्थित मोहता भवन में मुनि प्रमाण सागर महाराज के प्रवचन जारी है। शुक्रवार को बड़ी संख्या में समाजजन मोहता भवन पहुंचे। जहां उन्होंने मुनिश्री का पाद-पूजन किया और उनका आशीर्वाद लिया। मुनिश्री ने विजय नगर स्थित जिनालय में 7 से 15 नवंबर तक होने
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मुनि प्रमाण सागर महाराज ने कहा – वे लोग भाग्यहीन होते है जिनके पास अनुकूल संयोग होने पर भी प्रमादवश धार्मिक कार्यों में धर्मलाभ नहीं ले पाते। ऐसे अनुकूल संयोग बहुत ही पुण्य योग से मिला करते है। पाप के कार्य हो तो भले ही पीछे रह जाना, लेकिन परमार्थ का काम हो तो सबसे आगे रहना चाहिए। श्री सिद्धचक्र महामंडल विधान की महिमा को प्रत्येक जैन परिवार जानता है। ऐसे पुण्य के संयोग और ऐसी उत्तम सामग्री, उत्तम सत्त के साथ-साथ उत्तम श्रद्धा का होना भी आवश्यक है। वे लोग बहुत ही भाग्यहीन होते है जिनके पास अनुकूल संयोग होने पर भी प्रमादवश धर्म का लाभ नहीं ले पाते। उत्तम सामग्री के साथ-साथ श्रद्धा का होना बहुत जरूरी है।
धर्म प्रभावना समिति एवं प्रचार प्रमुख राहुल जैन, नवीन-आनंद गोधा, अशोक-रानी दोषी, हर्ष जैन एवं प्रवक्ता अविनाश जैन ने बताया कि शुक्रवार को प्रवचन के दौरान मुनि निर्वेग सागर महाराज तथा मुनि संघान सागर महाराज सहित सभी क्षुल्लक मंच पर विराजमान थे। विधानाचार्य बाल ब्रह्मचारी अशोक भैया एवं अभय भैया ने मंत्रोच्चारण के साथ पात्र शुद्धि एवं सकलीकरण क्रिया को संपन्न करवाया।
राहुल जैन ने बताया कि रविवार, 27 अक्टूबर को व्यवस्था हेतु धर्म प्रभावना समिति के सभी पदाधिकारियों तथा सदस्यों के साथ इंदौर के सभी जिनालयों के पदाधिकारियों से दोपहर 2.30 बजे मुनिसंघ सान्निध्य में बैठक आयोजित की गई।