सनी गुप्ता, संभल15 मिनट पहले
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संभल में महमूद गजनवी के भांजे और सेनापति अब्दुल सालार गाजी की याद में लगने वाले नेजा मेले पर विवाद बढ़ता जा रहा है। मंगलवार को पुलिस ने मेले की शुरुआत से पहले जहां झंडा (ढाल) लगाया जाता था, उसे गढ्ढे को सीमेंट से बंद करवा दिया।
जहां मेला लगता है, वहां भारी संख्या में फोर्स तैनात है। ड्रोन से निगरानी की जा रही है। ASP (उत्तरी) श्रीश्चंद्र और सीओ अनुज चौधरी ने PAC-RRF के जवानों के साथ फ्लैग मार्च भी किया।
ASP ने कहा- यह एक गलत परंपरा थी। गलत परंपराओं को जारी रखना ठीक नहीं है। अब्दुल सालार मसूद गाजी, महमूद गजनवी का सगा भांजा था और लूटपाट के इरादे से भारत आया था। उसकी याद में झंडा गाड़ना उचित नहीं है।
वहीं, सपा विधायक इकबाल महमूद ने इस फैसले पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। कहा- सरकार योगीजी की है, अगर वहां से आदेश आ जाए कि मेला नहीं लगेगा तो अधिकारी उसका पालन करेंगे। लेकिन यह परंपरा सैकड़ों साल पुरानी है। इसे कोई खत्म नहीं कर सकता।
2 तस्वीरें देखिए…
इसी गड्ढे में ढाल को गाड़ा जाता है, इसके बाद मेले की शुरुआत होती है।
एएसपी और सीओ ने ढाल गाड़ने की जगह को सीमेंट से बंद करा दिया।
चलिए, पिछले 24 घंटे में संभल में नेजा मेले को लेकर क्या-क्या हुआ पढ़ते हैं….
लाइव अपडेट्स
15 मिनट पहले
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संभल से ताजा अपडेट दे रहे रिपोर्टर सनी गुप्ता
07:16 AM18 मार्च 2025
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जहां मेला लगता है, वहां ड्रोन से निगरानी
जहां मेला लगता है, वहां भारी संख्या में फोर्स तैनात है। ड्रोन से निगरानी की जा रही है। ASP (उत्तरी) श्रीश्चंद्र और सीओ अनुज चौधरी ने PAC-RRF के जवानों के साथ फ्लैग मार्च भी किया।
07:15 AM18 मार्च 2025
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ASP बोले- गलत परंपराओं को जारी रखना उचित नहीं
ASP (उत्तरी) श्रीश्चंद्र ने बताया- यह एक गलत परंपरा थी। गलत परंपराओं को जारी रखना उचित नहीं है। इसी कारण नेजा मेले की अनुमति नहीं दी गई। इस आयोजन के खिलाफ आपत्तियां दर्ज कराई गई हैं।
विरोध जताने वाले पक्ष का कहना था कि अब्दुल सालार मसूद गाजी, जो कि महमूद गजनवी का सगा भांजा था और लूटपाट के इरादे से भारत आया था। उसकी याद में झंडा गाड़ना उचित नहीं है। इसलिए, प्रशासन ने मेले को अनुमति नहीं दी।
पूरे इलाके में शांति बनी हुई है। सोशल मीडिया पर कड़ी नजर रखी जा रही है। मीडिया सेल लगातार मॉनिटरिंग कर रहा है। अगर कोई व्यक्ति अफवाह फैलाने की कोशिश करता है, तो उसके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
07:13 AM18 मार्च 2025
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सपा विधायक बोले- यह परंपरा खत्म नहीं की जा सकती
सपा विधायक इकबाल महमूद ने ASP के बयान पर नाराजगी जताई। कहा- यह मेला सैकड़ों साल पुरानी परंपरा का हिस्सा है। इसे खत्म नहीं किया जा सकता। प्रशासन को इसका ऐतिहासिक महत्व समझना चाहिए।
हिंदुस्तान की आजादी से पहले भी यह मेला लगता था। पिछले साल सिर्फ रमजान की वजह से इसे स्थगित किया गया था, लेकिन अब इसे बंद करने का कोई औचित्य नहीं है। नेजा मेला केवल संभल तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका ऐतिहासिक संबंध नौचंदी मेरठ से है।
सरकार योगीजी की है, अगर वहां से आदेश आ जाए कि मेला नहीं लगेगा, तो अधिकारी उसका पालन करेंगे। लेकिन यह परंपरा कोई एक-दो साल की नहीं, बल्कि सैकड़ों साल पुरानी है। इसे कोई खत्म नहीं कर सकता।
07:09 AM18 मार्च 2025
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मेले पर क्यों छिड़ा विवाद
संभल के ASP श्रीश्चंद्र सोमवार को सैयद सालार मसूद गाजी की याद में लगने वाला नेजा मेला को लेकर मेला कमेटी के साथ बैठक कर रहे थे। उन्होंने कमेटी से साफ कहा- लुटेरे के नाम पर किसी भी हाल में मेला लगाने की इजाजत नहीं दी जाएगी।
उन्होंने कहा- जिसने देश को लूटा, उसके नाम पर मेले का आयोजन नहीं किया जाएगा। अगर किसी ने भी नेजा मेले की ढाल गाड़ने (हरे रंग का झंडा) के लिए रैली निकाली, तो वह राष्ट्रद्रोही कहलाएगा। अगर मेला लगाना है, तो मजिस्ट्रेट से बात करो।’
07:00 AM18 मार्च 2025
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क्यों लगता है नेजा मेला
नेजा मेला महमूद गजनवी के भांजे सैयद सालार मसूद गाजी की याद में लगता है। सालार मसूद गजनवी का सेनापति भी था। महमूद गजनवी ने 1000 से 1027 ईस्वी के बीच सोमनाथ मंदिर सहित भारत के कई प्रमुख हिंदू तीर्थस्थलों को निशाना बनाया। उसे दुनिया के सबसे क्रूर शासकों में गिना जाता है।
इतिहासकारों के मुताबिक, जब पृथ्वीराज चौहान की राजधानी संभल थी, तब उनकी सेना और गजनवी की सेना के बीच युद्ध हुआ था। इसमें गजनवी के कई सैनिक मारे गए थे, जिनकी मजारें संभल में बनीं। बाद में इन्हीं स्थानों पर नेजा मेला आयोजित होने लगा।
इस मेले में दूर-दूर से लोग आते हैं और चादरपोशी कर दुआएं मांगते हैं। धार्मिक अनुष्ठान में दुल्हनें सजकर बैठती हैं। महिलाएं उनके श्रृंगार की सराहना करती हैं।