बसपा सुप्रीमो मायावती ने रामपुर के पूर्व जिलाध्यक्ष को पार्टी से निकाले जाने पर सफाई दी है। उनका कहना है कि सपा नेता के घर शादी करने की वजह से पूर्व जिलाध्यक्ष को नहीं निकाला गया है। बल्कि इसकी वजह अनुशासन है।
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एक्स पर अपना बयान जारी करते हुए मायावती ने कहा है कि रामपुर जिले का पूर्व पार्टी अध्यक्ष सुरेन्द्र सागर व इसके बाद जिला अध्यक्ष प्रमोद कुमार का इनसे आपसी झगड़ा चरम पर था। जिससे पार्टी के कार्य प्रभावित हो रहे थे।इसीलिए दोनों को एक साथ निकाला गया, जिसका शादी-विवाह का कोई सम्बन्ध नहीं है।
उन्होंने कहा कि कौन किस पार्टी के लोगों के साथ अपना रिश्ता बना रहा है उसका पार्टी से कोई लेना-देना नहीं है। लोग स्वतंत्र हैं जहां चाहें वहां रिश्ता करें। यह सब उनकी सोच पर निर्भर करता है। लेकिन ऐसे लोगों से ज़रूर सर्तक रहें जो इसका भी गलत प्रचार कर रहे हैं।
सपा नेता के यहां शादी निकाले जाने की वजह
27 नवंबर को अंबेडकरनगर की आलापुर सीट से विधायक और सपा के राष्ट्रीय सचिव त्रिभुवन दत्त की बेटी की शादी रामपुर जिले से 5 बार बसपा जिलाध्यक्ष रहे सुरेंद्र सागर के बेटे से हुई। इस शादी में सपा मुखिया अखिलेश यादव भी शामिल हुए थे। चर्चा है कि अब बसपा नेता को सपा के साथ इस नई व्यक्तिगत रिश्तेदारी का खामियाजा भुगतना पड़ा है। बसपा ने सुरेंद्र सागर को पार्टी से ही निष्कासित कर दिया है।
बता दें कि सुरेंद्र सागर 2007 से 2024 के बीच पांच बार बसपा के जिलाध्यक्ष रहे चुके हैं। साल 2022 में सपा से विधायकी का चुनाव भी लड़ चुके हैं। अब बसपा सुप्रीमो मायावती के इस फैसले में उनको खुद हैरानी हो रही है।
दैनिक भास्कर से विशेष बातचीत करते हुए उन्होंने ने भी पार्टी से निकाले जाने की वजह भी यही बताया था।
‘उम्र की वजह से गुस्सा जल्दी आता है’
सुरेंद्र सागर ने बताया कि मायावती को गुस्सा जल्दी आता है। इसकी एक बड़ी वजह एज फैक्टर भी है। उन्होंने कहा कि उनके फैसले अब लोगों के गले से नहीं उतर रहे हैं। उन्होंने बताया कि सपा विधायक राष्ट्रीय सचिव त्रिभुवन दत्त से मायावती ज्यादा नाराज थीं।
अब उनको जब यह पता चला कि हमने उनसे रिश्तेदारी जोड़ ली तो उसका खामियाजा हमें भी भुगतना पड़ा। इस बात को लेकर वह गुस्सा हो गई। उन्होंने बताया कि इस बारे में उनकी बसपा सुप्रिमों से कोई बात नहीं हुई है। बस पार्टी की तरफ से सीधे उनके पास निष्कासन पत्र आया है।
उन्होंने कहा कि मायावती के फैसले गले से नहीं उतर रहे हैं। बड़े-बड़े लोगों को पार्टी से निकाल दिया है। इससे पार्टी में कमजोरी आना तय है। बताया कि पिछले 29 साल से वह बसपा में है। साल 1995 से वह पार्टी में आए थें। साल 2007 में पहली बार जिलाध्यक्ष बने थें।
मरेठ मामले पर भी सफाई जारी किया
रामपुर के अलावा मरेठ में भी तीन नेताओं को पार्टी से निकाला गया था। तब सपा नेता के यहां दावत– ए– वलीमा में जाने की वजह से पार्टी से निकाला गया था। उसको लेकर भी माया ने एक्स पर लिखते हुए कहा है कि बसपा नेता मुनकाद अली के लड़के की शादी में पार्टी के लोगों को जाने से इसलिए रोका गया था, क्योंकि उनकी लड़की मीरापुर से सपा से विधानसभा का उपचुनाव लड़ रही थी। उनके खिलाफ बसपा भी यह उपचुनाव लड़ रही थी।
ऐसे में शादी में दोनों पार्टियों के लोगों के आपस में टकराने की आम चर्चा थी। उससे बचाने के लिए पार्टी को मजबूरी में यह कदम उठाना पड़ा, लेकिन इसे दूसरे तरीके से जो प्रचारित किया जा रहा है, यह ठीक नहीं।