गोरखपुर से भाजपा सांसद और भोजपुरी फिल्म अभिनेता रवि किशन को संसद में उत्कृष्ट योगदान के लिए संसद रत्न पुरस्कार 2025 से सम्मानित किया जाएगा। यह पुरस्कार उन्हें जुलाई 2025 के अंतिम सप्ताह में नई दिल्ली में आयोजित होने वाले 15वें संसद रत्न समारोह में प्
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रवि किशन संसद में शिक्षा, युवा रोजगार, फिल्म उद्योग, सीमा सुरक्षा, पूर्वांचल के विकास जैसे विषयों पर लगातार मुखर रहे हैं। उन्होंने कई बार निजी विधेयक प्रस्तुत किए हैं, सवाल पूछे हैं और महत्वपूर्ण बहसों में भाग लिया है। उनकी इस निरंतरता और प्रतिबद्धता को देखते हुए उन्हें संसद रत्न पुरस्कार के लिए चुना गया है।
सांसद ने जताया आभार
सम्मान की घोषणा के बाद रवि किशन ने कहा, “यह पुरस्कार मेरे लिए नहीं, गोरखपुर की जनता की जीत है। यह मेरी जिम्मेदारी की पुष्टि है। मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और गोरखपुर की जनता का आभार प्रकट करता हूं, जिन्होंने मुझ पर विश्वास जताया और सेवा का अवसर दिया।”
संसद रत्न पुरस्कार की पृष्ठभूमि
संसद रत्न पुरस्कार की शुरुआत वर्ष 2010 में भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के सुझाव पर प्राइम पॉइंट फाउंडेशन और ई-मैगजीन ‘प्रीसेंस’ ने की थी। डॉ. कलाम ने ही पहले संसद रत्न समारोह का उद्घाटन मई 2010 में चेन्नई में किया था।
अब तक 14 संस्करणों में 125 पुरस्कार प्रदान किए जा चुके हैं। इन पुरस्कारों में न केवल व्यक्तिगत सांसदों को बल्कि संसदीय स्थायी समितियों को भी उनके कार्य के आधार पर सम्मानित किया गया है।
नामांकन की प्रक्रिया जारी
संसद रत्न पुरस्कार पूरी तरह से सांसदों के कार्य प्रदर्शन पर आधारित होता है। नामांकन के लिए लोकसभा और राज्यसभा सचिवालय तथा PRS लेजिस्लेटिव रिसर्च से प्राप्त आधिकारिक आंकड़ों का विश्लेषण किया जाता है। इनमें निम्नलिखित मुख्य मापदंड होते हैं:
• संसद में भागीदारी
• पूछे गए प्रश्नों की संख्या
• प्रस्तुत निजी विधेयकों की संख्या
• बहसों में भागीदारी
नामांकन और चयन की प्रक्रिया राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष हंसराज अहीर की अध्यक्षता वाली जूरी समिति द्वारा की जाती है, जिसमें पूर्व पुरस्कार विजेता सांसद, नागरिक समाज के प्रतिनिधि और संसदीय मामलों के विशेषज्ञ शामिल होते हैं।
इस वर्ष के चयन
साल 2025 के लिए संसद रत्न पुरस्कार के लिए लोकसभा और राज्यसभा के कुल 17 सांसदों और दो स्थायी संसदीय समितियों को नामांकित किया गया है। इनमें से चार सांसदों को ‘विशेष उत्कृष्टता’ श्रेणी में सम्मानित किया जाएगा।
रवि किशन को यह सम्मान उनके पहले कार्यकाल में ही मिलना उनके संसदीय प्रदर्शन की गंभीरता को दर्शाता है। यह न केवल उनके लिए बल्कि गोरखपुर के मतदाताओं के लिए भी गर्व की बात है।