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साइबर फ्रॉड के पैसे आने से बिजनेसमैन का खाता फ्रीज: 30 लाख अटके; न ट्रांजेक्शन, न भुगतान, व्यापार ठप; जिसने भेजा उसका भी अकाउंट होल्ड – Indore News


इंदौर में एक मोबाइल व्यापारी का खाता साइबर फ्रॉड का पैसा आने से फ्रीज हो गया है। अब न तो वह खाते से ट्रांजेक्शन कर पा रहे हैं और न ही किसी को पैसे दे पा रहे हैं। दुकान का किराया और कार की ईएमआई चुकाने के लिए भी उन्हें दोस्तों से मदद लेनी पड़ रही है।

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यह मामला लिंबोदी में रहने वाले हीरालाल थारवानी का है, जिनका कोठारी मार्केट के पास मोबाइल का व्यवसाय है। वह एक ऑनलाइन कंपनी से पुराने मोबाइल खरीदते हैं। ये मोबाइल विभिन्न ग्रेड में आते हैं। कुछ अच्छी स्थिति में, कुछ खराब हालत में, और कुछ बिल्कुल बंद अवस्था में।

हीरालाल इन पुराने मोबाइल को इंदौर के लोकल मार्केट से लेकर मध्यप्रदेश के अन्य शहरों, महाराष्ट्र, और राजस्थान के बाजारों में सप्लाई करते हैं। जो मोबाइल अच्छी स्थिति में होते हैं, वे लोकल दुकानों में बिक जाते हैं, जबकि खराब हालत वाले मोबाइल के पार्ट्स मोबाइल सर्विस दुकानों पर उपयोग में आते हैं।

इस व्यवसाय में उन्हें 10 साल से अधिक का अनुभव है, लेकिन खाता फ्रीज हो जाने से उनकी परेशानी बढ़ गई है, जिससे उनके व्यवसाय पर भी बुरा असर पड़ रहा है।

30 हजार रुपए आया और फ्रीज हो गया खाता

दैनिक भास्कर ने इस घटना को लेकर व्यापारी हीरालाल थारवानी से बात की। उन्होंने बताया कि उनका दुकान के नाम पर एक प्राइवेट बैंक में कैश क्रेडिट अकाउंट है। इस खाते के लिए उन्होंने अपने घर की रजिस्ट्री बैंक में गिरवी रखी है। यह खाता तीन साल पुराना है और इसमें उनके व्यापार के लिए बैंक द्वारा 30 लाख रुपए की क्रेडिट लिमिट दी गई है। इसी खाते में उनके पर्सनल 2 लाख रुपए भी जमा हैं, जो अब फ्रीज हो गए हैं।

हीरालाल ने बताया कि यह घटना 19 नवंबर को हुए एक ट्रांजेक्शन के बाद हुई। उन्होंने 9 नवंबर को एक व्यापारी को दो आईफोन बेचे थे, जिनकी कुल कीमत 50 हजार रुपए थी। उस व्यापारी ने 19 नवंबर को भुगतान किया। इसमें से 20 हजार रुपए उसने अपने खाते से ऑनलाइन ट्रांसफर किए, जबकि 30 हजार रुपए अपने किसी परिचित के खाते से ऑनलाइन ट्रांसफर किए।

30 हजार रुपए का यह ट्रांजेक्शन होने के तुरंत बाद उनका बैंक खाता फ्रीज कर दिया गया। व्यापारी ने बताया कि जब वह कंपनी से खरीदे गए माल का भुगतान करने के लिए बैंक पहुंचे और ट्रांसफर प्रक्रिया शुरू की, तो बैंक अधिकारियों ने उन्हें बताया कि कि उनका खाता फ्रीज हो चुका है।

हीरालाल एक ऑनलाइन कंपनी से पुराने मोबाइल खरीदते हैं और उसे इंदौर के लोकल मार्केट से लेकर मध्यप्रदेश के अन्य शहरों बेचते हैं।

केरल में हुई साइबर फ्रॉड से जुड़ा तार खाता फ्रीज होने के बाद व्यापारी हीरालाल थारवानी ने जब इसकी गहराई से जांच की तो पता चला कि यह मामला केरल में हुई साइबर फ्रॉड से जुड़ा हुआ है। केरल की साइबर पुलिस ने उनके खाते में फ्रॉड का पैसा आने के कारण इसे फ्रीज कराया है।

मोबाइल व्यापारी ने बताया कि उन्होंने केरल साइबर पुलिस से कई बार संपर्क किया। वहां से मांगी गई जानकारी देने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। केरल साइबर पुलिस ने उन्हें बताया कि वहां 12 लाख 50 हजार रुपए से अधिक का साइबर फ्रॉड हुआ है और उस राशि में से 30 हजार रुपए उनके खाते में ट्रांसफर किए गए थे।

व्यापारी का कहना है कि उन्हें शक है कि केरल साइबर पुलिस ने बैंक को जो मेल या मैसेज किया है। उसमें 12 लाख 50 हजार से ज्यादा का पैसा मेरे खाते में आने का बताया है, जबकि सिर्फ 30 हजार रुपए ही साइबर फ्रॉड के आए हैं।

जिसने पैसे ट्रांसफर किए, उसका भी खाता फ्रीज

हीरालाल ने बताया कि जिस 30 हजार रुपए के कारण खाता फ्रीज हुआ। वह व्यक्ति ग्वालियर का है। वह भी हमारे व्यापारी का परिचित है। हमने उससे इन पैसों के बारे में पूछा तो उसने बताया कि उसका खाता भी फ्रीज हो गया है। उसे भी यह पैसे किसी ओर ने ट्रांसफर किए थे।

खाता बंद होने के बाद आने लगी दिक्कतें

व्यापारी ने बताया कि जब से बैंक खाता फ्रीज हुआ है, उसके बाद से वे अपनी दुकान से बिलिंग नहीं कर पा रहे हैं। दुकान के लिए नया माल नहीं खरीद पा रहे हैं। जो माल रखा है, उसे बेचकर ही अपना काम चला रहा है। फ्रॉड का जो पैसा उनके खाते में आया है। वह 5वीं लेयर है, यानी उनके पहले ये पैसा चार लेयर से होते हुए आया है।

अनफ्रीज के लिए अलग-अलग जगह ले रहे जानकारी

व्यापारी ने बताया कि खाता खुलवाने के लिए वे केरल पुलिस से भी बात कर चुके है, लेकिन वहां से भी अभी कोई रिप्लाई नहीं आया है। बैंक से भी बात की, लेकिन कोई निराकरण नहीं हुआ। हाल ही में इंदौर के रिटेल गारमेंट्स एसोसिएशन के व्यापारियों के साथ भी ऐसा ही घटनाएं सामने आई थी, इसके चलते उन्होंने इसका रास्ता निकालने के लिए उनसे भी बात की। जिसके बाद उन्होंने इस मामले की शिकायत 30 दिसंबर को इंदौर क्राइम ब्रांच में की। वहां से भी अभी तक कोई जवाब नहीं आया है।

खाता फ्रीज होने से हीरालाल के मोबाइल व्यवसाय पर बुरा असर पड़ रहा है।

EMI के लिए दोस्तों से लेना पड़ रही मदद

उन्होंने बताया कि जिस दुकान में वे व्यापार करते हैं। उसका किराया 13 हजार रुपए है। इसके साथ ही 18 हजार रुपए कार की किश्त जाती है। साथ ही कुछ दूसरे लोन की किश्त भी जाती है। ऐसे में खाता फ्रीज होने के कारण उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

किश्त के लिए उन्हें दोस्तों से भी मदद लेना पड़ रही है। व्यापारी का कहना है कि वह लगातार प्रयास कर रहे हैं कि उनका खाता कैसे भी खुल जाए। इस मामले में वे वकीलों से भी कानूनी सलाह ले रहे हैं। व्यापारी का कहना है कि बैंक वाले जल्द से जल्द मेरा खाता खोल दें तो मैं व्यापार कर संकू। उन्होंने बताया कि इसके अलावा भी कुछ और व्यापारी हैं। जिनके खाते में पैसा अटका हुआ है।

एडिशनल डीसीपी क्राइम ब्रांच इंदौर राजेश दंडोतिया ने कहा

व्यापारी की शिकायत पर क्राइम ब्रांच वर्किंग कर रही है। जितनी जल्दी होगा व्यापारी का खाता अनफ्रीज कराने का प्रयास किया जाएगा। जो संभव मदद होगी वह हम करेंगे।



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