महादेव सट्टा केस सीबीआई को सौंपने पर बोले टीएस सिंहदेव
चर्चित महादेव सट्टा ऐप केस की जांच छत्तीसगढ़ सरकार ने केंद्रीय जांच एजेंसी CBI को सौंप दी है। इस पर पूर्व डिप्टी CM टीएस सिंहदेव ने कहा कि IT, ED मामले की जांच कर रही थी। भाजपा को अपनी ही जांच एजेंसियों पर भरोसा नहीं, ये सरकार क्या चलाएंगे। सिंहदेव ने
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टीएस सिंहदेव ने कहा कि अब मामले में सीबीआई की जरूरत पड़ रही है तो भारतीय जनता पार्टी कह रही है कि हमको विश्वास नहीं है कि IT और ED में क्षमता है। पहली चीज यह कि वे एजेंसियों पर ही सवाल लगा दे रहे हैं, ये तो बेकार है। ये कुछ नहीं कर सकते।
राज्य की इकाइयों पर नहीं किया भरोसा
सिंहदेव ने कहा कि स्वयं की राज्य की इकाइयों में केस दर्ज कराया। EOW और एंटी करप्शन में मामला दर्ज कराया। एंटी करप्शन ब्यूरो, EOW पर भी राज्य सरकार को भरोसा नहीं है। अपनी ही इकाइयों पर भरोसा नहीं है। पहले उन्होंने खुद कहा था कि हम जांच EOW से कराएंगे। अब एक महीने में CBI से जांच कराने की बात कर रहे हैं।
CBI को देने पर आपत्ति नहीं, हश्र दिल्ली जैसा न हो
टीएस सिंहदेव ने कहा कि सीबीआई को मामला जाए, मुझे या किसी और को आपत्ति नहीं है। किसी भी एजेंसी से आप जांच कराइए। जल्दी से जल्दी जांच कराइए। सही तथ्यों को सामने लाइए। इसमें भी राजनीति नहीं होनी चाहिए। गलत प्रक्रिया नहीं अपनाई जानी चाहिए, जो मनीष सिसोदिया के साथ अपनाई गई। जो अरविंद केजरीवाल के साथ अपनाई जा रही है।
सिंहदेव ने कहा कि जो अन्य लोगों के साथ अपनाई जा रही है। डेढ़ साल से अधिक समय तक आपने मनीष सिसोदिया को जेल में बंद करके रखा। अंत में सुप्रीम कोर्ट को कहना पड़ा कि ये क्या है। अरविंद केजरीवाल पर ED की कार्रवाई चल रही है। ED से बेल की बात चल रही है और उसमें बीच में CBI भी ला देते हैं। ऐसा नहीं होना चाहिए।
CBI के पास छत्तीसगढ़ का यह तीसरा केस
16 महीने से महादेव सट्टा ऐप केस की जांच ED कर रही थी। ED ने बताया कि, इस केस में कांग्रेस सरकार में मंत्री रह चुके नेता, प्रदेश के कुछ पुलिस अफसर और बड़े प्रॉपर्टी डीलर शामिल रहे हैं। 9 महीने पहले बनी भाजपा सरकार ने यह तीसरा केस CBI को दिया है। इससे पहले बिरनपुर और CGPSC घोटाला भी CBI को दे चुके हैं।
ED, EOW के अलावा महादेव ऐप केस में SEBI (भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड) भी जांच कर रही है। ED की चार्जशीट में खुलासा हुआ कि महादेव सट्टा ऐप प्रमोटर सौरभ चंद्राकर, रवि उप्पल और शुभम सोनी ने सट्टेबाजी की काली कमाई को सफेद करने शेयर मार्केट में 1000 करोड़ से ज्यादा का निवेश किया है। इसी की जांच SEBI कर रही है।