कोरोना काल में स्टूडेंट्स के फर्जी प्रमाण पत्र व फर्जी एसएलसी तैयार करने के मामले में शामिल स्कूल संचालकों और प्रिंसिपल की भी जल्द गिरफ्तारी होगी। एसपी विक्रांत भूषण की ओर से सीआईए टीम को मामले में अन्य आरोपियों को गिरफ्तार करने के निर्देश दिए गए हैं
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साल 2022 में हुआ था केस दर्ज अप्रैल 2021 में गांव पतली डाबर स्थित प्राइवेट सीनियर सेकेंडरी स्कूल में क्लर्क ने ग्याहरवीं क्लास के आठ बच्चों के फर्जी प्रमाण पत्र व फर्जी स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट तैयार किए थे। इन बच्चों के 12वीं कक्षा के फर्जी प्रमाण पत्र बनवाए थे, लेकिन बोर्ड ने रिजल्ट रोक लिया था। इसी तरह कई स्कूलों में ऐसा ही फर्जीवाड़ा किया गया था।
बाद में मामला संज्ञान में आने पर हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के सचिव कृष्ण ने सिरसा में शहर थाना पुलिस को 30 सितंबर 2022 को शिकायत दी थी। उस शिकायत के आधार पर पुलिस ने बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ करने व भिवानी बोर्ड में फर्जी रिकॉर्ड भेजकर बोर्ड के साथ धोखाधड़ी करने का केस दर्ज किया था। उसके बाद तत्कालीन एसपी ने सीआईए को जांच सौंपी थी।
इन स्कूलों के संचालकों व प्रिंसिपल पर लटकी तलवार इस मामले में श्रीगुरु तेग बहादुर सीनियर सेकेंडरी स्कूल पतली डाबर, ज्ञान ज्योति पब्लिक स्कूल मानक दिवान, श्रीगुरु नानक देव सीनियर सेकेंडरी स्कूल भंगू के प्रबंधक/संचालक, प्रिंसिपल व लिपिक, श्रीसाई संस्थान द्वारिका पूरी इंस्टीटयूट सिरसा के मालिक सीताराम, गुरदीप सिंह, बलजिंद्र सिंह गदराना व अन्य के खिलाफ केस दर्ज किया गया था।
इनमें से अभी तक गांव पतली डाबर के स्कूल में क्लर्क गांव भंबूर निवासी सुखविंद्र सिंह उर्फ गगन की ही गिरफ्तारी हुई है। इन सभी के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 467, 468, 471, 120बी के तहत केस दर्ज है।
ऐसा किया गया था फर्जीवाड़ा दरअसल, अप्रैल 2021 में कोविड महामारी के कारण शिक्षा विभाग के आदेशानुसार बोर्ड परीक्षाएं नहीं हुई थी। जिन स्टूडेंटस को सीनियर सेकेंडरी परीक्षा में पूर्ण विषयों के तहत सम्मिलित होना था , उनकी परीक्षाएं रद्द होने के कारण सीधा रिजल्ट घोषित किया जाना था।
सीनियर सेकेंडरी की वार्षिक परीक्षा अप्रैल -2021 में सम्मिलित होने वाले विद्यालयी परीक्षार्थी, जिनके द्वारा सेकेंडरी परीक्षा अन्य राज्य के बोर्डों से पास की गई थी, उनकी परीक्षा की पात्रता से संबंधित दस्तावेज चेक किए गए। दस्तावेज चेक करने पर पाया गया कि कुछ परीक्षार्थियों के सेकेंडरी प्रमाण-पत्र हरियाणा शिक्षा बोर्ड की सेकेंडरी परीक्षा के समकक्ष नहीं है यानी वह दस्तावेज फेक पाए गए।
स्कूलों द्वारा भी ऐसे परीक्षार्थियों को प्रवेश के समय परीक्षा पात्रता से संबंधित दस्तावेज चेक करने होते हैं, लेकिन चेक नहीं किए गए। जांच का विषय यह रहा कि सेकेंडरी के फेक प्रमाण-पत्र परीक्षार्थियों को किस माध्यम से उपलब्ध हुए।
इस मामले में लगातार जांच चल रही है। जिन भी आरोपियों की संलिप्तता मिलेगी, उनकी गिरफ्तारी भी होगी। सीआईए टीम लगी हुई है। विक्रांत भूषण, एसपी, सिरसा