सीहोर जिले में इस सीजन का गुरुवार को पहले कोल्ड डे है। आज न्यूनतम तापमान 3.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो इस सीजन का सबसे कम तापमान है। तापमान में अत्यधिक गिरावट दर्ज होने और हवाओं की रफ्तार सामान्य से तेज होने के कारण फसलों पर ओस की बूंदे जम गई
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जानकारी के अनुसार, सीहोर जिले में आज लगातार तीसरे दिन तापमान 7 डिग्री सेल्सियस से नीचे बना हुआ है। हवाओं की रफ्तार सामान्य से अधिक चल रही है, जिसके कारण लोगों का सामना कड़ाके की ठिठुरन भरी ठंड से हो रहा है। आज सुबह जिले के खेतों में ओस की बूंदे जम गई। ग्राम गुलखेड़ी और आसपास काफी देर तक हरे-भरे खेतों में ओस की सफेद बूंदे सूर्य किरन पड़ने पर काफी चमक रही थी।
शासकीय कृषि कॉलेज में स्थित मौसम विज्ञान केंद्र के मौसम वैज्ञानिक डॉ. एसएस तोमर ने बताया कि हवाओं की दिशा लगातार उत्तर दिशा से बनी हुई है, जिसके कारण शीत लहर का दौर लगातार जारी है और आगामी दिनों में भी अभी ठंड का प्रभाव लगातार बना रहेगा।
ऐसे गिरा न्यूनतम तापमान
दिन | तापमान (डिग्री सेल्सियस) |
6 दिसंबर | 12.2 |
7 दिसंबर | 10.6 |
8 दिसंबर | 10.2 |
9 दिसंबर | 7.5 |
10 दिसंबर | 4.9 |
11 दिसंबर | 4.7 |
12 दिसंबर |
3.5 |
शीतलहर से बचाव को लेकर एडवाइजरी जारी
जिले के मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सुधीर कुमार डेहरिया ने शीतघात और शीतलहर को लेकर पर्याप्त सावधानी बरतने की अपील की है। उन्होंने बताया कि शीतऋतु में वातावरण का तापमान अत्यधिक कम होने पर शीत लहर का चलना प्रारंभ हो जाता है।
जिसके कारण मानव स्वास्थ्य पर अनेक विपरीत प्रभाव जैसे सर्दी जुकाम, बुखार, निमोनिया, त्वचा रोग, फेफड़ों में संक्रमण, हाईपोथर्मिया, अस्थमा, एलर्जी होने की आशंका बनी रहती है। प्रभावी शीत लहर से बचने के लिए गर्म एवं ऐसे कपड़े जिनमें कपड़ों की कई परतें होती है वह शीत लहर से बचाव के लिए अत्यधिक प्रभावी होते है।
इससे बचाव के लिए रजाई, कंबल, स्वेटर और गर्म कपडों का उपयोग किया जाना चाहिए। मफलर, आवरण युक्त जलरोधी जूतों का उपयोग किया जाना चाहिए। इस संबंध में जन जागरूकता के लिए मैदानी स्तर पर आशा, आशा सुपरवाइज़र, एएनएम, एमपीडब्ल्यू को जन जागरूकता के लिए निर्देशित करने सिविल सर्जन तथा समस्त विकासखण्ड चिकित्सा अधिकारियों को निर्देशित किया गया है।