Homeदेशसुप्रीम कोर्ट बोला- सभी निजी संपत्तियां भौतिक संसाधन नहीं: सरकारें उनका...

सुप्रीम कोर्ट बोला- सभी निजी संपत्तियां भौतिक संसाधन नहीं: सरकारें उनका अधिग्रहण नहीं कर सकतीं; पुराना फैसला विशेष आर्थिक, समाजवादी विचारधारा से प्रेरित था


  • Hindi News
  • National
  • Private Property; Supreme Court Article 39(B) Verdict Update | DY Chandrachud

नई दिल्ली27 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक

क्या सरकार आम लोगों की भलाई के लिए निजी संपत्ति का अधिग्रहण कर सकती है? इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट की 9 जजों की बेंच ने मंगलवार को बहुमत से फैसला सुनाया।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हर निजी संपत्ति को सामुदायिक संपत्ति नहीं कह सकते। कुछ खास संसाधनों को ही सरकार सामुदायिक संसाधन मानकर इनका इस्तेमाल सार्वजनिक हित में कर सकती है।

CJI डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में 9 जजों की बेंच ने 8:1 के बहुमत से फैसला सुनाया। बेंच ने जस्टिस कृष्ण अय्यर के पिछले फैसले को खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि सभी निजी संपत्तियों को राज्य सरकारें अधिग्रहित कर सकती हैं।

CJI ने कहा कि पुराना फैसला विशेष आर्थिक, समाजवादी विचारधारा से प्रेरित था। हालांकि राज्य सरकारें उन संसाधनों पर दावा कर सकती हैं जो भौतिक हैं और सार्वजनिक भलाई के लिए समुदाय द्वारा रखे जाते हैं।

16 याचिकाओं पर सुनवाई हुई बेंच 16 याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें 1992 में मुंबई स्थित प्रॉपर्टी ओनर्स एसोसिएशन (POA) द्वारा दायर मुख्य याचिका भी शामिल है। POA ने महाराष्ट्र हाउसिंग एंड एरिया डिवेलपमेंट एक्ट (MHADA) अधिनियम के अध्याय VIII-ए का विरोध किया है।

1986 में जोड़ा गया यह अध्याय राज्य सरकार को जीर्ण-शीर्ण इमारतों और उसकी जमीन को अधिग्रहित करने का अधिकार देता है, बशर्ते उसके 70% मालिक ऐसा अनुरोध करें। इस संशोधन को प्रॉपर्टी ओनर्स एसोसिएशन की ओर से चुनौती दी गई है।

बेंच में 9 जज शामिल थे बेंच में CJI डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस हृषिकेश रॉय, जस्टिस बी वी नागरत्ना, जस्टिस सुधांशु धूलिया, जस्टिस जे बी पारदीवाला, जस्टिस मनोज मिश्रा, जस्टिस राजेश बिंदल, जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह शामिल हैं। बेंच ने 6 महीने पहले अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी और तुषार मेहता सहित कई वकीलों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था।

——————————

सुप्रीम कोर्ट से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें…

सुप्रीम कोर्ट ने यूपी मदरसा एक्ट की वैधता बरकरार रखी, इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला पलटा

सुप्रीम कोर्ट ने यूपी मदरसा शिक्षा बोर्ड अधिनियम 2004 पर अपना फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने मदरसा एक्ट की वैधता को बरकरार रखा है। इसके साथ ही हाईकोर्ट का फैसले पर रोक लगा दी गई है। इससे पहले 5 अप्रैल, 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने मदरसा अधिनियम को असंवैधानिक करार देने वाले इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी थी। केंद्र और UP सरकार से जवाब भी मांगा था। पूरी खबर पढ़ें…

CJI बोले- A-अर्नब से Z-जुबैर तक को जमानत दी, यही मेरी फिलॉसफी

​​​​​​​चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि किसी मामले का अच्छा या बुरा जैसा मीडिया में दिखाया जाता है उससे काफी अलग हो सकता है। मैंने A से लेकर Z (अर्नब गोस्वामी से लेकर जुबैर तक) को जमानत दी है। यही मेरी फिलॉसफी है। जमानत नियम है और जेल अपवाद है, इस सिद्धांत का मुख्य रूप से पालन किया जाना चाहिए।​​​​​​​ पूरी खबर पढ़ें…

खबरें और भी हैं…



Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Exit mobile version