सूरजपुर में एक दिवसीय किसान सम्मेलन और मेला सह वैज्ञानिक परिचर्चा कार्यक्रम को लेकर विवाद सामने आया है। कार्यक्रम के आमंत्रण पत्र में जिला पंचायत अध्यक्ष चंद्रमणि पैकरा का नाम शामिल नहीं किया गया है।
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आमंत्रण पत्र में सभी जिला पंचायत सदस्यों और अन्य जनप्रतिनिधियों के नाम तो प्रकाशित किए गए हैं। लेकिन जिला पंचायत अध्यक्ष का नाम छूट गया है। इस घटना से पंचायत स्तर पर नाराजगी देखी जा रही है।
स्थानीय लोग और राजनीतिक विश्लेषकों में इस मुद्दे पर मतभेद है। कुछ लोग इसे प्रशासनिक चूक मान रहे हैं। वहीं कुछ का मानना है कि यह जानबूझकर किया गया है।
किसान सम्मेलन कार्यक्रम के आमंत्रण पत्र में जिला पंचायत अध्यक्ष चंद्रमणि पैकरा का नाम शामिल नहीं किया गया
किसान सम्मेलन सह कृषक-वैज्ञानिक परिचर्चा का आयोजन
जिले के ऑडिटोरियम में किसान सम्मेलन सह कृषक-वैज्ञानिक परिचर्चा का आयोजन किया गया। इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य किसानों की आय बढ़ाना और उन्हें वैज्ञानिक तरीकों से खेती की जानकारी देना था।
सम्मेलन में किटनाशकों के उपयोग को रोकने पर विशेष ध्यान दिया गया। विधायक ने कहा कि इस तरह के सम्मेलन किसानों को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ नई तकनीकों से अवगत कराते हैं।
कृषि सम्मेलन में शामिल हुए जनप्रतिनिधि
किसानों को उन्नत और नई तकनीकें सिखाई गई
कृषि उप संचालक संपदा पैकरा ने बताया कि किसानों को उन्नत और नई तकनीकें सिखाई गई हैं। उन्होंने किटनाशकों के उपयोग को बंद कर जैविक खेती को बढ़ावा देने की जानकारी भी दी। जिले में किसानों की आय बढ़ाने के लिए नियमित रूप से कृषक सम्मेलन आयोजित किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया आगे भी जारी रहेगी। भारत में किसान देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। सरकार भी विभिन्न योजनाओं के माध्यम से किसानों को प्रोत्साहित कर रही है।