मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी का पहला बजट कैसा होगा? जैसा माना जा रहा था, लगभग वैसा ही रहा। महिलाओं को 2100 रुपए प्रतिमाह देने वाली लाडो लक्ष्मी योजना के अलावा न कोई बड़ा ऐलान, न कोई नई स्कीम। लाडो लक्ष्मी योजना की लाभार्थी महिलाएं भी कौन होंगी? इसका क्र
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इस बजट से CM सैनी ने यह मैसेज दे दिया कि लोकलुभावन स्कीम्स की बजाय सरकार का फोकस इस बात पर है कि राज्य विकास की पटरी पर तेजी से आगे कैसे बढ़े? इसकी वजह भी साफ है- निकट भविष्य में कोई चुनावी मजबूरी नहीं है।
लाडो लक्ष्मी योजना को अनाउंस करने के पीछे भी एक तरह का संदेश देने की राजनीति है। BJP ने अपने संकल्प-पत्र में इसका वादा किया था और पहले ही बजट में इसका ऐलान कर दिया। महिलाओं के लिए कुछ इसी तरह का वादा कांग्रेस ने 2022 में हिमाचल प्रदेश और आम आदमी पार्टी (AAP) ने पंजाब में किया था। AAP तीन साल बाद भी अपना वादा पूरा नहीं कर पाई वहीं हिमाचल में कांग्रेस सरकार एक विशेष इलाके में ही इसे लागू कर पाई है।
इसी साल बिहार विधानसभा के चुनाव होने है। दिल्ली-हरियाणा में BJP ने महिलाओं से किया गया वादा पूरा करके एक तरह से यह संदेश देने की कोशिश की है कि उसकी कथनी और करनी में अंतर नहीं है।
सैनी सरकार ने बजट में किस पर कितना ध्यान दिया और किसे नजर अंदाज किया? आइए 10 सवालों के जरिए समझते हैं…
सवाल 1 : सरकार का सबसे ज्यादा फोकस किस पर रहा एजुकेशन, इन्फ्रास्ट्रक्चर और हेल्थ। प्रदेश के कुल 2 लाख 5 हजार 17 करोड़ के बजट का तकरीबन एक चौथाई हिस्सा इन्हीं 3 सेक्टरों के लिए रखा गया। हरियाणा का आधे से ज्यादा हिस्सा NCR में आता है और सरकार मानती है कि प्रदेश को तेजी से आगे बढ़ाने के लिए इन तीनों एरिया पर फोकस जरूरी है। CM नायब सैनी ने खुद बजट भाषण में एग्रीकल्चर को अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी और एजुकेशन–हेल्थ को दोनों बाजुओं की तरह बताया। उन्होंने कहा कि विकसित हरियाणा में इन दोनों का योगदान सबसे बड़ा रहने वाला है।
दरअसल, सरकार का फोकस एजुकेशन–हेल्थ से जुड़े मौजूदा ढांचे को बेहतर बनाने पर है। दिल्ली से लगते इलाकों में मेट्रो के साथ–साथ हाईवे नेटवर्क को मजबूत बनाना भी उसकी प्रायोरिटी में है। हालांकि CM ने जिन प्रोजेक्ट्स का जिक्र किया, उनमें से कुछ का काम पहले से चालू है।
शिक्षा के लिए 26,091.43 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। यह पिछले वर्ष के 24,578.96 करोड़ रुपए की तुलना में 6.15% अधिक है। सरकारी स्कूलों में 1500 नए स्मार्ट क्लासरूम, 1000 नए विज्ञान और गणित प्रयोगशालाएं, 3 नए विश्वविद्यालय, प्रत्येक जिले में एक नया पॉलिटेक्निक कॉलेज, 25 नए स्किल डेवलपमेंट सेंटर, शिक्षकों के वेतन और प्रशिक्षण के लिए 2,500 करोड़ रुपए रखे गए हैं।
इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए 19004 करोड़ रुपए का बजट रखा गया है। सरकार मुख्य तौर पर गुरुग्राम मेट्रो के विस्तार, फरीदाबाद से गुरुग्राम तक हाईवे, औद्योगिक क्षेत्रों को जोड़ने के लिए अंबाला में बाइपास, दिल्ली-पानीपत हाईवे का विस्तार समेत 42 सड़क परियोजनाओं पर खर्च किए जाएंगे।
स्वास्थ्य के लिए 10,159.54 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। यह पिछले वर्ष के 9,391.87 करोड़ रुपए की तुलना में 8.17% अधिक है। इसके तहत 14 जिलों में 70 नए मॉड्यूलर ICU सेंटर, पांच नए मेडिकल कालेज, प्रत्येक जिले में एक नया डायग्नोस्टिक सेंटर, गुरुग्राम, हिसार, फरीदाबाद में मल्टी-स्पेशियलिटी अस्पताल, गांवों में मोबाइल हेल्थ क्लिनिक की शुरुआत की जाएगी।
सवाल 2. महिलाओं का कितना ध्यान रखा गया? क्या सैनी सरकार महिलाओं को 2100 रुपए प्रतिमाह देने की लाडो लक्ष्मी योजना शुरू करेगी? अगर हां तो इसका फायदा किस-किसको मिलेगा? बजट को लेकर यही सवाल चर्चा में थे। हरियाणा विधानसभा चुनाव में BJP ने अपने संकल्प–पत्र में इस योजना का वादा किया था और राज्य में लगातार तीसरी बार उसकी सरकार बनवाने में सबसे बड़ा रोल महिलाओं का ही रहा।
CM सैनी ने बजट में इस योजना के लिए पांच हजार करोड़ रुपए का प्रावधान तो कर दिया लेकिन ये नहीं बताया कि स्कीम का लाभ किस-किस को मिलेगा? और कब से मिलेगा? सदन में सैनी की घोषणा के तुरंत बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने खड़े होकर इसका क्राइटेरिया पूछा तो सैनी ने कहा कि क्राइटेरिया बनवा रहे हैं। यानि फिलहाल सत्तापक्ष भी ये स्पष्ट नहीं कर पा रहा कि लाडो लक्ष्मी योजना की लाभार्थी महिलाएं कौन होंगी?
चुनाव से पहले भाजपा ने प्रत्येक महिला को लाड़ली लक्ष्मी योजना के तहत 2100 रुपए देने का वादा किया था, लेकिन बजट में केवल पांच हजार करोड़ का प्रावधान किया, लेकिन यह लाभ किन महिलाओं को मिलेगा, कब से मिलेगा और क्राइटेरिया क्या होगा, इस बारे में गोलमोल बात कही है। सरकार ने इस योजना के लिए जो बजट रखा है उससे प्रदेश की 25 प्रतिशत महिलाओं को ही लाभ मिल सकता है। अगर प्रदेश की सभी महिलाओं को यह राशि देनी है तो 12 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान करना होगा। कहा जा रहा है कि अधिकतर महिलाओं को इस योजना से बाहर रखने के लिए सरकार ने कुछ शर्त लगा सकती है। हालांकि सरकार ने महिला सुरक्षा और स्वास्थ्य के लिए 14 जिलों में 70 नए मेडिकल सुविधाओं वाले अस्पताल बनाने का ऐलान किया है।
डायलिसिस सेंटर और MRI सुविधाओं का विस्तार, महिला स्वयं सहायता समूहों (सेल्फ हेल्प ग्रुप) को 25 लाख रुपए तक की आर्थिक सहायता, स्टार्टअप और छोटे उद्योगों के लिए विशेष अनुदान, महिला पॉलिटेक्निक और व्यवसायिक प्रशिक्षण केंद्रों का विस्तार, गर्भवती महिलाओं के लिए पोषण और देखभाल योजना, महिला हेल्पलाइन और कानून सहायता केंद्रों का विस्तार की बात कही है। रोजगार में भी महिलाओं को ज्यादा आरक्षण देने की बात कही गई है। जो हर बजट में सामान्य तौर पर जिक्र किया जाता है।
सवाल 3. युवाओं और खेल–खिलाड़ियों का कितना ध्यान रखा? सरकार ने युवाओं के लिए सीधे–सीधे किसी नई बड़ी भर्ती की घोषणा तो नहीं की लेकिन 50 हजार नौकरियां देने का दावा जरूर किया। सीएम ने ‘इंटरनेशनल रोजगार’ देने की बात कही। ऐसे में अब ये स्पष्ट नहीं है कि क्या पिछली बार की तरह प्रदेश के युवाओं को इस दफा भी मजदूरी वगैरह करने के लिए विदेश भेजा जाएगा या सरकार की प्लानिंग कुछ और है।
बजट में SC, OBC और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के युवाओं को सरकारी भर्ती की एग्जाम फीस में 50% तक की छूट देने का प्रस्ताव जरूर रखा गया। युवाओं को बार–बार फीस भी जमा नहीं करानी पड़ेगी।
खेल और खिलाड़ी हरियाणा की पहचान रहे हैं। सीएम सैनी के बजट में भी इसकी छाप नजर आई। उन्होंने खिलाड़ियों के लिए हेल्थ बीमा, नई स्कॉलरशिप स्कीम, बेहतर प्रदर्शन करने पर 50 लाख रुपए तक के इनाम के साथ–साथ एकेडमी खोलने के लिए स्पोर्ट्स पर्सन को सस्ती दरों पर लोन दिलाने की बात कही।
खेल विभाग के लिए 2025-26 के बजट में 3,388.47 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। यह पिछले वर्ष के 3,088.52 करोड़ रुपए की तुलना में 9.71% अधिक है। इसके तहत मिशन ओलंपिक्स 2036 के लिए 20 करोड़ रुपए, 5 विश्वविद्यालयों में खेल उत्कृष्टता केंद्र, युवा खिलाड़ियों के लिए नई छात्रवृत्ति योजनाएं, अंतरराष्ट्रीय स्तर की खेल सुविधाओं का निर्माण और अपग्रेडेशन करना है।
रोहतक MDU,हिसार CCSU, हिसार GJU, कुरूक्षेत्र KUK व IGU रेवाड़ी में नए खेल उत्कृष्टता केंद्र खुलेंगे। राज्य स्तर पर प्रतिवर्ष 3 सर्वश्रेष्ठ अखाड़ों को 50 लाख, 30 लाख और 20 लाख रुपए का इनाम दिया जाएगा।
इसके अतिरिक्त, जिला स्तर पर 3 सर्वश्रेष्ठ अखाड़ों को 15 लाख, 10 लाख और 5 लाख रुपए का इनाम दिया जाएगा। खेल नर्सरियों की संख्या 1500 से बढ़ाकर 2 हजार होगी। खेल नर्सरी में 8 से 14 वर्ष के खिलाड़ियों की छात्रवृति को बढ़ाकर 2 हजार रुपए प्रतिमाह तथा 15 से 19 वर्ष के खेल नर्सरी खिलाडिय़ों की छात्रवृति को बढ़ाकर 3 हजार रुपए किया गया। हर 10 KM होगा खेल स्टेडियम, ओलिंपिक पदक विजेता को खेल एकेडमी के लिए 5 करोड़ तक का लोन सस्ती दर पर मिलेगा। मिशन ओलिंपिक 2036 के लिए 20 करोड़ रुपए का बजट रखा गया है।
सवाल 4. इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए क्या किया? नायब सैनी के बजट भाषण में इंडस्ट्री पर खास जोर रहा और इसके लिए पिछली बार की तुलना में 303% अधिक बजट दिया गया।
इसकी वजह भी है। दरअसल, हरियाणा की कुल जीडीपी में बड़ा हिस्सा इंडस्ट्री से ही आता है। प्रदेश में 4 नए औद्योगिक पार्क, नई IMT, MSMEs को वित्तीय मदद, स्टार्टअप्स के लिए विशेष फंडिंग की बात कही गई। अवैध इंडस्ट्री को रेगुलर करने के लिए भी कदम उठाए जाएंगे।
जाहिर सी बात है कि अगर इंडस्ट्री बढ़ेगी तो नई लेबर भी आएगी। इसलिए मुख्यमंत्री ने राई, मानेसर और बावल इंडस्ट्रियल एरिया में श्रमिकों के लिए रेजिडेंस बनाने की बात कही।
सवाल 5. किसानों का कितना ध्यान रखा गया? मुख्यमंत्री नायब सैनी ने अपने बजट की शुरुआत एग्रीकल्चर सेक्टर से की और इसे अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी बताया। हालांकि किसानों को सीधे लाभ का कोई ऐलान नहीं किया। केंद्र सरकार की ओर से दी जाने वाली सालाना 6 हजार रुपए की किसान सम्मान निधि में भी सरकार ने अपनी तरफ से कोई बढ़ोतरी नहीं की।
क्रॉस डाइवर्सिफिकेशन को बढ़ावा देने के लिए ग्रांट जरूर थोड़ा बढ़ाई गई। एग्रीकल्चर से जुड़े उत्पादों का निर्यात बढ़ाने के लिए हिसार एयरपोर्ट पर कार्गो गोदाम बनाने की बात भी कही गई।
सवाल 6. कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए बजट में क्या? प्रदेश में ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) की मांग कर रहे कर्मचारियों को केंद्र की तर्ज पर यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) देने की घोषणा की गई। इसका लाभ हरियाणा सरकार के तकरीबन लगभग 2 लाख कर्मचारियों को मिलेगा। इसके लिए एक कमेटी बनाई गई है। पेंशनरों को होमलोन और हेल्थ बीमा में छूट मिलेगी। महंगाई भत्ता 4% बढ़ाया जाएगा। इसके अलावा वृद्धावस्था पेंशन, विधवा पेंशन, दिव्यांग और विधुर पेंशन को लेकर सीधे तौर पर कुछ नहीं कहा गया।
सवाल 7. विधायकों के लिए क्या घोषणा हुई? राज्य के विधायकों को अब अपने इलाके में विकास कार्य करवाने के लिए 5–5 करोड़ रुपए मिलेंगे। सीएम सैनी सदन में इससे जुड़ा ऐलान करने के बाद विपक्ष की तरफ देखकर मुस्कुराने लगे। इस दौरान कुछ विपक्षी सदस्यों ने टीका–टिप्प्णी भी की। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि एमएलए क्षेत्र विकास निधि के तहत यह रकम लेने के लिए MLA को कुछ शर्तों का पालन करना होगा। हरियाणा में विधायकों को यह रकम पहले भी मिलती रही है। अब इसे बढ़ाया गया है।
सवाल 8. नए मंत्रियों के महकमों–इलाकों पर फोकस सरकार के उन मंत्रियों को ज्यादा बजट मिला जो या तो कांग्रेस के किसी बड़े चेहरे को हराकर विधानसभा पहुंचे या जो किसी न किसी बड़े घराने से संबंधित रहे हैं। इनमें राव नरबीर, आरती राव, श्रुति चौधरी और गौरव गौतम शामिल हैं।
श्रुति और आरती के परिवारों का राज्य की राजनीति में अपना अलग स्थान है वहीं राव नरबीर की पहुंच सीधे अमित शाह तक है। गौरव गौतम ने कांग्रेस के दिग्गज भूपेंद्र सिंह हुड्डा के समधी करण सिंह दलाल को हराया था।
सवाल 9. कोई नई स्कीम नहीं, पुरानी को एलोकेशन नायब सिंह सैनी ने अपने पहले बजट में किसी ऐसी बड़ी स्कीम का ऐलान नहीं किया जिसे गेमचेंजर कहा जा सके। पहले से चल रही ज्यादातर योजनाओं के लिए बजट बढ़ाया गया है। बजट के बाद कांग्रेसी नेता रणदीप सुरजेवाला ने ऐसी ही एक–दो योजनाओं को लेकर मुख्यमंत्री पर निशाने भी साधे।
सवाल 10. मनोहर से कितना अलग है नायब का बजट? 2024 में तत्कालीन सीएम मनोहर लाल खट्टर ने जब अपना आखिरी बजट पेश किया था तो उनके सामने राज्य में लगातार तीसरी बार BJP की सरकार बनवाने की चुनौती थी। इसके बावजूद किसी बड़ी लोकलुभावन स्कीम का ऐलान नहीं किया गया। यह नायब सैनी सरकार का पहला बजट है।
6 महीने पहले विधानसभा और इसी महीने नगरीय निकाय चुनाव में पार्टी के एकतरफा प्रदर्शन के बाद सैनी के सामने कोई मजबूरी नहीं थी। यही कारण है कि उन्होंने लाडो लक्ष्मी योजना के अलावा कोई नई बड़ी योजना शुरू नहीं की। हालांकि पहले से चली आ रही स्कीम्स को बंद भी नहीं किया गया।