बेगूसराय के जवान सुजीत कुमार की जम्मू कश्मीर के रामबन में 3 मई को एक्सीडेंट में मौत हो गई थी। मंगलवार को पार्थिक शरीर उनके पैतृक गांव अमरपुर पहुंचा। पार्थिव शरीर को पहले अमरपुर मध्य विद्यालय परिसर में रखा गया। अंतिम दर्शन के लिए स्कूल में करीब 10 हजा
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सुजीत की पत्नी सिंधु, बच्चे संध्या(16), सोनम(14), किंशु (14) और पिता झपस राय ने पार्थिव शरीर को सलामी दी। पत्नी और बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल था। परिजन के साथ ग्रामीणों की भी आंखें नम थी।
पत्नी सिंधु ने कहा, ‘घटना वाले दिन सुबह बातचीत हुई थी। घर परिवार सब के बारे में पूछा था। वे भी ठीक थे, आतंकवादी वारदात को लेकर यह नहीं बताया था कि किस रूट में जाएंगे, क्या मूवमेंट है। वहां पहुंचने पर बात करने का वादा किया था, जो अधूरा रह गया। वे हमेशा मेरे दिल में रहेंगे।’
प्रधानमंत्री से मांग करते हैं कि पति देश के लिए शहीद हुए हैं। हमारे तीनों बच्चों की मदद करें, उसे सिविल सर्विसेज में भेजा जाए। हाथ जोड़कर प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री और बिहार सरकार से निवेदन करते हैं कि अब मेरा इस दुनिया में कोई नहीं है। तीनों बच्चे और हम हैं, मदद करें। प्रधानमंत्री सबकी सुनते हैं, मेरी भी सुनें, जो भी सड़क बने उसका नाम मेरे पति के नाम पर हो।
जवान के अंतिम दर्शन के वक्त की देखें तस्वीरें…
जवान के पार्थिव शरीर से लिपटकर रोती पत्नी और बच्चे।
पार्थिव शरीर को सलामी देते सेना के जवान और स्थानीय लोग।
पार्थिव शरीर के दर्शन के लिए उमड़ी हजारों की भीड़।
बेटे ने दी मुखाग्नि
मध्य विद्यालय परिसर के बाद जवान का पार्थिव शरीर उनके घर पर लाया गया। घर से शव यात्रा निकली और सिमरिया गंगा घाट पहुंची। घाट पर बेटे किंशु ने पिता को मुखाग्नि दी। मुखाग्नि देते ही सिमरिया गंगा तट पर मौजूद लोग रो पड़े।
लोग दोपहर से ही सड़क किनारे खड़े थे
जवान सुजीत का पार्थिव शरीर जैसे ही बेगूसराय की सीमा सिमरिया पहुंचा, हजारों युवा एकजुट हो गए। यहां से काफिला चकिया, बीहट, जीरो माइल, गढ़हारा, जयनगर होते हुए उनके पैतृक गांव अमरपुर पहुंचा।
रास्ते में जगह-जगह लोगों की भीड़ एक झलक पाने के लिए दोपहर से ही सड़क किनारे खड़े थे।
बिहार सरकार की ओर से ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार, जिला प्रशासन से डीडीसी सोमेश बहादुर माथुर, पुलिस प्रशासन से डीएसपी इमरान अहमद, जदयू जिलाध्यक्ष रुदल राय सहित अन्य लोगों ने पुष्पांजलि अर्पित की।
पूरी सड़क पर अंतिम दर्शन के लिए उमड़ी ग्रामीणों की भीड़।
21 लाख सहायता राशि देगी बिहार सरकार
मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि, ‘बिहार और केंद्र की सरकार देश की सेवा में जुटे जवानों के साथ हैं। सुजीत ने जो शहादत दी, उसके लिए सेना और केंद्र सरकार की ओर से तो मदद मिलेगी ही, बिहार सरकार उनके परिजनों को 21 लाख रुपए की राहत देगी। परिजनों ने उनके सम्मान में कुछ खास करने की मांग की है। पूरा करने का हर कोशिश करेंगे।’
हादसे में आर्मी की गाड़ी पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई थी।
2001 में सेना में हुई थी जॉइनिंग
सुजीत जेसीओ के पद पर पठानकोट में कार्यरत थे। 2001 में सेना में जॉइनिंग हुई थी। चार भाइयों में सुजीत दूसरे नंबर थे। पत्नी सिंधु देवी अपने 2 जुड़वा बच्चे 14 वर्षीय सोनम और किंशु को लेकर बेगूसराय में रहती है। बच्चे बेगूसराय में ही पढ़ाई करते हैं। बड़ी बेटी 16 वर्षीय संध्या पटना में रहकर एनडीए की तैयारी कर रही है।
सेना की गाड़ी 700 फीट गहरी खाई में गिरी थी
दरअसल, जम्मू-कश्मीर के रामबन में रविवार को सेना की एक गाड़ी 700 फीट गहरी खाई में गिर गई। हादसे में 3 जवानों की मौत हो गई। मृतकों में बेगूसराय के रहने वाले जवान सुजीत कुमार भी शहीद हुए।
सेना का वाहन जम्मू से श्रीनगर जा रहे काफिले का हिस्सा था। रविवार सुबह साढ़े 11 बजे रामबन NH-144 के एक तीखा मोड़ आया। इस वजह से सामने से आ रही गाड़ी नहीं दिखी। जिसके कारण ड्राइवर ने कंट्रोल खो दिया और गाड़ी खाई में गिर गई।
शहीद जवान के पिता झपस का कहना है कि शनिवार को बेटे ने फोन पर बात की थी। सुजीत 3 महीने बाद अपने घर आने वाले थे, लेकिन इससे पहले उसकी मौत की खबर पहुंच गई।
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